पर्यावरण का मतलब है सभी प्राकृतिक परिवेश जैसे की भूमि, वायु, जल, पौधें, पशु, ठोस सामग्री, कचरा, धूप, जंगल और अन्य वस्तु। स्वस्थ वातावरण प्रकृति के (16) को बनाए रखता है और साथ ही साथ पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को बढ़ने, पोषित और विकसित करने में मदद करता है। हालांकि अब कुछ तकनीकी उन्नति परिणाम स्वरुप मानव (17) चीजे वातावरण को कई प्रकार से विकृत कर रहीं हैं जोकि अंततः प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ रही है। हम अपने जीवन को साथ ही साथ इस ग्रह पर भविष्य में जीवन के (18) को खतरे में डाल रहे हैं। यदि हम प्रकृति के अनुशासन के खिलाफ गलत तरीके से कुछ भी करते हैं तो ये पूरे वातावरण के माहौल जैसे की वायु-मंडल, जलमंडल और स्थलमंडल को अस्तव्यस्त करती है। प्राकृतिक वातावरण के अलावा, मानव निर्मित वातावरण भी मौजूद है जो की प्रौद्योगिकी, काम के माहौल, सौंदर्यशास्त्र, परिवहन, आवास, सुविधाएं और शहरीकरण के साथ सम्बंधित है। मानव निर्मित वातावरण काफी हद तक प्राकृतिक वातावरण को (19) करता है जिसे हम सभी एकजुट होकर बचा सकते हैं। प्राकृतिक वातावरण के घटक संसाधन के रूप में उपयोग किया जाता है हालाँकि कुछ बुनियादी भौतिक जरूरतों और जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए इंसान द्वारा इसका शोषण किया जाता है। हमें हमारे प्राकृतिक संसाधनों को चुनौती नहीं देनी चाहिए और पर्यावरण में इतना प्रदूषण या अपशिष्ट डालने में रोक लगानी चाहिए। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों को महत्व देना चाहिए और प्राकृतिक अनुशासन के तहत उन्हें (20) करना चाहिए।
Q1. गद्यांश के अनुसार, योग की क्रिया के अंतर्गत शरीर के विभिन्न भागों अर्थात शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के समन्वय का परिणाम होता है:
(a) उद्भव
(b) सृजन
(c) संतुलन
(d) उत्थान
(e) इनमें से कोई नहीं
Q2.
(a) संबंधित
(b) पोषित
(c) उपयोगी
(d) निर्मित
(e) इनमें से कोई नहीं
Q3.
(a) अतीत
(b) विस्तार
(c) अस्तित्व
(d) प्राणतत्व
(e) इनमें से कोई नहीं
Q4.
(a) प्रभावित
(b) सम्मिलित
(c) प्रवाहित
(d) प्रयोग
(e) इनमें से कोई नहीं
Q5.
(a) समझना
(b) पुरस्कृत
(c) इस्तेमाल
(d) विकृत
(e) इनमें से कोई नहीं
निर्देश (06-10) नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। गद्यांश के अनुसार, दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
एक बार श्री कृष्ण और अर्जुन भ्रमण पर निकले तो उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राह्मण को भिक्षा माँगते देखा। अर्जुन को उस पर दया आ गयी और उन्होंने उस ब्राह्मण को स्वर्ण मुद्राओं से भरी एक पोटली दे दी। जिसे पाकर ब्राह्मण प्रसन्नता पूर्वक अपने सुखद भविष्य के सुन्दर स्वप्न देखता हुआ घर लौट चला।
किन्तु उसका दुर्भाग्य उसके साथ चल रहा था, राह में एक लुटेरे ने उससे वो पोटली छीन ली। ब्राह्मण दुखी होकर फिर से भिक्षावृत्ति में लग गया। अगले दिन फिर अर्जुन की दृष्टि जब उस ब्राह्मण पर पड़ी तो उन्होंने उससे इसका कारण पूछा। ब्राह्मण ने सारा विवरण अर्जुन को बता दिया, ब्राह्मण की व्यथा सुनकर अर्जुन को फिर से उस पर दया आ गयी अर्जुन ने विचार किया और इस बार उन्होंने ब्राह्मण को मूल्यवान एक माणिक दिया। ब्राह्मण उसे लेकर घर पहुंचा उसके घर में एक पुराना घड़ा था जो बहुत समय से प्रयोग नहीं किया गया था, ब्राह्मण ने चोरी होने के भय से माणिक उस घड़े में छुपा दिया। किन्तु उसका दुर्भाग्य, दिन भर का थका मांदा होने के कारण उसे नींद आ गयी…, इस बीच ब्राह्मण की स्त्री नदी में जल लेने चली गयी किन्तु मार्ग में ही उसका घड़ा टूट गया, उसने सोचा, घर में जो पुराना घड़ा पड़ा है उसे ले आती हूँ, ऐसा विचार कर वह घर लौटी और उस पुराने घड़े को ले कर चली गई और जैसे ही उसने घड़े को नदी में डुबोया वह माणिक भी जल की धारा के साथ बह गया। ब्राह्मण को जब यह बात पता चली तो अपने भाग्य को कोसता हुआ वह फिर भिक्षावृत्ति में लग गया। अर्जुन और श्री कृष्ण ने जब फिर उसे इस दरिद्र अवस्था में देखा तो जाकर उसका कारण पूछा। सारा वृतांत सुनकर अर्जुन को बड़ी हताशा हुई और मन ही मन सोचने लगे इस अभागे ब्राह्मण के जीवन में कभी सुख नहीं आ सकता। अब यहाँ से प्रभु की लीला प्रारंभ हुई। उन्होंने उस ब्राह्मण को दो पैसे दान में दिए। तब अर्जुन ने उनसे पुछा “प्रभु मेरी दी मुद्राएँ और माणिक भी इस अभागे की दरिद्रता नहीं मिटा सके तो इन दो पैसो से इसका क्या होगा” ? यह सुनकर प्रभु बस मुस्कुरा भर दिए और अर्जुन से उस ब्राह्मण के पीछे जाने को कहा। रास्ते में ब्राह्मण सोचता हुआ जा रहा था कि :-“दो पैसो से तो एक व्यक्ति के लिए भी भोजन नहीं आएगा प्रभु ने उसे इतना तुच्छ दान क्यों दिया ? प्रभु की यह कैसी लीला है “? ऐसा विचार करता हुआ वह चला जा रहा था उसकी दृष्टि एक मछुवारे पर पड़ी, उसने देखा कि मछुवारे के जाल में एक मछली फँसी है, और वह छूटने के लिए तड़प रही है। ब्राह्मण को उस मछली पर दया आ गयी। उसने सोचा “इन दो पैसो से पेट की आग तो बुझेगी नहीं। क्यों न इस मछली के प्राण ही बचा लिए जाये”। यह सोचकर उसने दो पैसो में उस मछली का सौदा कर लिया और मछली को अपने कमंडल में डाल लिया। कमंडल में जल भरा और मछली को नदी में छोड़ने चल पड़ा। तभी मछली के मुख से कुछ निकला। उस निर्धन ब्राह्मण ने देखा, वह वही माणिक था जो उसने घड़े में छिपाया था। ब्राह्मण प्रसन्नता के मारे चिल्लाने लगा “मिल गया, मिल गया ”..!!! तभी भाग्यवश वह लुटेरा भी वहाँ से गुजर रहा था जिसने ब्राह्मण की मुद्राएँ लूटी थी। उसने ब्राह्मण को चिल्लाते हुए सुना “ मिल गया मिल गया ” लुटेरा भयभीत हो गया। उसने सोचा कि ब्राह्मण उसे पहचान गया है और इसीलिए चिल्ला रहा है, अब जाकर राज दरबार में उसकी शिकायत करेगा। इससे डरकर वह ब्राह्मण से रोते हुए क्षमा मांगने लगा। और उससे लूटी हुई सारी मुद्राएँ भी उसे वापस कर दी। यह देख अर्जुन प्रभु के आगे नतमस्तक हुए बिना नहीं रह सके।
अर्जुन बोले, प्रभु यह कैसी लीला है? जो कार्य थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक नहीं कर सका वह आपके दो पैसो ने कर दिखाया। श्री कृष्णा ने कहा “अर्जुन यह अपनी सोच का अंतर है, जब तुमने उस निर्धन को थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक दिया तब उसने मात्र अपने सुख के विषय में सोचा। किन्तु जब मैंने उसको दो पैसे दिए। तब उसने दूसरे के दुःख के विषय में सोचा। इसलिए हे अर्जुन-सत्य तो यह है कि, जब आप दूसरों के दुःख के विषय में सोचते हैं, जब आपके मन में परोपकार की भावना होती है और आप दूसरे का भला कर रहे होते हैं, तब आप ईश्वर का कार्य कर रहे होते हैं, और तब ईश्वर आपके साथ होते हैं।”
Q6. अर्जुन ने ब्राह्मण को जो स्वर्ण मुद्राओं से भरी एक पोटली दी थी, उसे किसने छीन लिया?
(a) श्री कृष्ण ने
(b) मछुवारे ने
(c) राजा ने
(d) लुटेरे ने
(e) इनमें से कोई नहीं
Q7. ब्राह्मण ने चोरी होने के भय से माणिक किसमे छुपा दिया?
(a) घड़े में,
(b) मर्तबान में,
(c) वस्त्रों में
(d) कोठरी में
(e) इनमें से कोई नहीं
Q8. कृष्ण ने उस निर्धन ब्राह्मण को दान में क्या दिया?
(a) माणिक
(b) स्वर्ण मुद्राओं से भरी एक पोटली
(c) इनमें से कोई नहीं
(d) चाँदी की मुद्राओं से भरी एक पोटली
(e) दो पैसे
Q9. लुटेरे ने ब्राह्मण से जो मुद्राएँ लूटी थी, उसे किस कारण ब्राह्मण को वापस कर दी?
(a) ब्राह्मण द्वारा उसे पहचाने जाने के भय से,
(b) ह्रदय परिवर्तन के कारण,
(c) परोपकार की भावना के कारण,
(d) श्री कृष्ण के कहने पर,
(e) इनमें से कोई नहीं
Q10. गद्यांश के अनुसार, व्यक्ति को किस कारण से सुखों की प्राप्ति होने लगती है?
(a) परोपकार की भावना से,
(b) दूसरों का धन छिनने से,
(c) द्वेष की भावना से,
(d) ईश्वर भक्ति से,
(e) इनमें से कोई नहीं
निर्देश (11-15): नीचे दिया गया प्रत्येक वाक्य चार भागों में बांटा गया है जिन्हें (a), (b), (c), (d) विकल्प दिए गए हैं। आपको यह देखना है कि वाक्य के किसी भाग में व्याकरण, भाषा, वर्तनी, शब्दों के गलत प्रयोग या इसी तरह की कोई त्रुटी तो नहीं है। त्रुटी अगर होगी तो वाक्य के किसी एक भाग में ही होगी। उस भाग का क्रमांक ही उत्तर है। यदि वाक्य त्रुटी रहित है तो उत्तर (e) अर्थात ‘त्रुटीरहित’ दीजिए।
Q11.
(a) इतने दिन की
(b) उदासी के बाद
(c) उसके चहरे पर
(d) आज हँसी दिखाई पड़ी है।
(e) कोई त्रुटी नहीं
Q12.
(a) देखो, यदि आप अपनी
(b)और अपनी परिवार की
(c)भलाई चाहते हो तो
(d) तुरन्त यहाँ से चले जाओ।
(e) कोई त्रुटी नहीं
Q13.
(a) जब से मिठाई
(b) घर में आई है
(c) तभी से मिठाई खाने के लिए
(d) रवि सत्याग्रह कर रहा है।
(e) कोई त्रुटी नहीं
Q14.
(a)घर के प्रत्येक
(b) सदस्यों से यह
(c) अपेक्षित है कि वे
(d) सद्भावना से रहें ।
(e) कोई त्रुटी नहीं
Q15.
(a) कामकाज कितना भी हो
(b) लेकिन व्यक्ति को
(c) खाना समय पर ही
(d) खा लेना चाहिए।
(e) कोई त्रुटी नहीं
S1. Ans. (c):
Sol. यहाँ ‘संतुलन’ शब्द का प्रयोग उचित है, क्योंकि यहाँ कुछ बनाए रखने की बात की जा रही है, इस परिप्रेक्ष्य में स्वस्थ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है।
S2. Ans. (d):
Sol.यहाँ ‘निर्मित’ शब्द का प्रयोग उचित है, क्योंकि तकनीक की उन्नति से मानव निर्मित चीजे वातावरण को क्षति पहुंचा रही हैं।
S3. Ans. (c):
Sol.यहाँ ‘अस्तित्व’ शब्द का प्रयोग उचित है, अस्तित्व का अर्थ है – होने का भाव, विद्यमानता, मौजूदगी, उपस्थिति। मनुष्य पर्यावरण प्रतिकूल वस्तुओं का निर्माण करके इस पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को खतरे में डाल रहा है।
S4. Ans. (a):
Sol.यहाँ ‘प्रभावित’ शब्द का प्रयोग उचित है, क्योंकि मानव निर्मित वातावरण, प्राकृतिक वातावरण को प्रभावित करता है।
S5. Ans. (c):
Sol.यहाँ ‘इस्तेमाल’ शब्द का प्रयोग उचित है, क्योंकि हमें प्राकृतिक अनुशासन के तहत प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए।
S6. Ans. (d):
Sol. अर्जुन ने ब्राह्मण को जो स्वर्ण मुद्राओं से भरी एक पोटली दी थी, उसे लुटेरे ने छीन लिया।
S7. Ans. (a):
Sol. ब्राह्मण ने चोरी होने के भय से माणिक घड़े में छुपा दिया।
S8. Ans. (e):
Sol. कृष्ण ने उस निर्धन ब्राह्मण को दान में दो पैसे दिए।
S9. Ans. (a):
Sol. लुटेरे ने ब्राह्मण से जो मुद्राएँ लूटी थी, उसे ब्राह्मण द्वारा पहचाने जाने के भय से, ब्राह्मण को वापस कर दी।
S10. Ans. (a):
Sol. व्यक्ति को परोपकार की भावना से सुखों की प्राप्ति होने लगती है।
S11. Ans. (a): इस वाक्य में, ‘इतने दिन की’ के स्थान पर इतने दिनों की’ होना चाहिए क्योंकि इतने एक वहुवचन है और कई दिनों की बात करता है
S12. Ans. (b): इस वाक्य में ‘और अपनी परिवार की’ के स्थान पर ‘और अपने परिवार की’ होना चाहिए।
S13. Ans. (d): ‘रवि हठ कर रहा है’ सही वाक्यांश है
S14. Ans. (a): ‘घर के सभी’
S15. Ans. (b): ‘फिर भी व्यक्ति को’ सही वाक्यांश है