चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है.
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है.
– मुनव्वर राना
माँ महज एक रिश्ता नहीं हैं, यह एक एहसास है. सुकून है या ये कहूँ कि उस भगवान् का जीता-जगता स्वरूप है. जिसकी गोद में सर रखते ही जाने कितने की कष्ट यूँ ही दूर हो जाते हैं. माँ दुनिया के कितनें ही कष्टों को भी सह कर अपने बच्चे को बेहतर सुख-सुविधा देने का प्रयास करती है. 9 महीने के गर्भ में जाने कितनी ही पीड़ाओं को सहती है और अपने बच्चे को जन्म देती है, उसका पालन पोषण करती है. दुनिया का हर रिश्ता मुह मोड़ भी ले तो माँ कभी अपने बच्चे से मुह नहीं मोड़ पाती हैं. हर परिस्थति में वह अपने बच्चे के साथ खड़ी रहती है.
ऐसी भावों से भरी देव तुल्य माँ को आज के बिखरते रिश्तों के समाज में बहुत से लोग एक बोझ की तरह मानने लगे हैं. आज स्थिति यह हो गई है कि जिस माँ ने अपना पेट काट-काट के अपने बच्चे को पाला और बच्चों की खुशियों के लिए अपने सपनों की बलि दे दी, उसी माँ को आज कुछ बेटे वृद्ध आश्रम छोड़ आते हैं. ऐसे में माँ के समर्पण, त्याग और मातृत्व के प्रति समर्पित यह दिन बहुत ख़ास हो जाता है.
मातृ दिवस प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है. इस वर्ष मातृ दिवस 2020, 10 मई 2020 को मनाया जायेगा. जिसे दुनिया भर में माताओं के श्रमसाध्य, बलिदानो को याद करने, प्रशंसा करने, और सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है. वैसे दुनिया भर में मातृ दिवस अलग-अलग दिन मनाया जाया है, पर सबसे ज्यादा मान्य यही है. भारत में भी कुछ जगहों में मातृ दिवस 19 अगस्त को मनाया जाता है. अमेरिका में यह दिन उत्सव की तरह मनाया जाता है, इसीलिए मई के इस मातृ दिवस को सबसे ज्यादा महत्त्व दिया जाता है.
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मातृ दिवस का इतिहास
पहली बार 1908 में मातृ दिवस मनाया गया था, जब एना जार्विस ने अपनी मां को सम्मानित करने के लिए वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन के सेंट एंड्रयू मेथोडिस्ट चर्च में अपनी मां के लिए एक स्मारक रखा था. 1905 में, संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस को एक मान्यता प्राप्त अवकाश बनाने के लिए अभियान शुरू हुआ, यह वर्ष था जब उनकी माँ, Ann Reeves Jarvis की मृत्यु हो गई. एना जार्विस एक शांति कार्यकर्ता थे जिन्होंने अमेरिकी गृहयुद्ध के दोनों ओर घायल सैनिकों की देखभाल की. उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों को संबोधित करने के लिए मदर्स डे वर्क क्लब बनाए. एना जार्विस अपनी मां को काम शुरू करने के लिए सम्मानित करना चाहती थी और सभी माताओं को सम्मानित करने के लिए एक दिन अलग करना चाहती थी क्योंकि उनका मानना था कि “एक माँ वह व्यक्ति है जिसने दुनिया में किसी से भी ज्यादा आपके लिए काम किया है” 1908 में, इस छुट्टी के प्रस्ताव को अमेरिकी कांग्रेस ने खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि उन्हें “सास-बहू दिवस” घोषित करना होगा. हालाँकि बाद में, 1911 तक, एना जार्विस के प्रयासों के कारण, सभी अमेरिकी राज्यों ने छुट्टी का पालन किया, उनमें से कुछ ने आधिकारिक तौर पर मदर्स डे को स्थानीय अवकाश (पहली बार वेस्ट वर्जीनिया, जार्विस का गृह राज्य, 1910 में) के रूप में मान्यता दी. 1914 में, वुडरो विल्सन ने माताओं के सम्मान के लिए राष्ट्रीय अवकाश के रूप में, मई में दूसरे रविवार को आयोजित मदर्स डे के एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए.
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