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निर्भया को मिला इंसाफ – 7 साल बाद मिली चारों दोषियों को फांसी (Nirbhaya Gang Rape Convicts Hanged)

निर्भया को मिला इंसाफ – 7 साल बाद मिली चारों दोषियों को फांसी (Nirbhaya Gang Rape Convicts Hanged) | Latest Hindi Banking jobs_3.1


Four Nirbhaya Gang Rape And Murder Case Convicts Hanged In Delhi’s Tihar Jail

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों को आज सुबह दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। ये चार दोषी पवन गुप्ता, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और मुकेश सिंह थे। दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय द्वारा कल रात फासी पर रोक लगाने की दोषियों की अंतिम याचिका भी खारिज करने के बाद ही फासी का रास्ता साफ हो गया था। यह पहला मौका था जब तिहाड़ जेल में एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई।


तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने चारों दोषियों को सुबह 5.30 बजे एक साथ फांसी पर लटकाए जाने की पुष्टि की। जेल में मौजूद डॉक्टर द्वारा जांच करने बाद के चार दोषियों को मृत घोषित कर दिया गया।

क्या था निर्भया गैंगरेप और हत्या का पूरा मामला?


दिसंबर 2012 में पैरा-मेडिकल छात्रा निर्भया के साथ दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था, जिसके कुछ दिनों बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।

इस मामले के दोषियों में से एक ने जेल में आत्म हत्या कर ली थी और एक अन्य किशोर अभियुक्त को तीन साल तक बाल सुधार गृह में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया था। इससे पहले निर्भया मामले के चारों दोषियों को तीन बार फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन दोषियों ने फांसी से बचने के लिए हरसंभव कानूनी उपायों का इस्तेमाल किया। इससे पहले फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख निर्धारित की गई थी, जिसे 1 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया था।


न्यायालय ने 31 जनवरी को फांसी को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था। जिसे 17 फरवरी को, फिर से 3 मार्च को सुबह 6 बजे के लिए तीसरी बार निर्धारित किया गया। हालांकि, अदालत ने दोषियों में से पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के समक्ष लंबित होने के चलते फिर से फांसी को टाल दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा 4 मार्च को सभी चार दोषियों की दया याचिका खारिज करने बाद फांसी की सजा पर मोहर लग गई थी। इससे पहले राष्ट्रपति ने अन्य तीन दोषियों द्वारा दायर दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था। 

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