फिदायीन हमला क्या होता है? लाल किले ब्लास्ट से जुड़ी बड़ी चर्चा
हाल ही में लाल किले ब्लास्ट से जुड़ी जांच में “फिदायीन हमले (Fidayeen Attack)” की चर्चा फिर तेज हो गई है। लेकिन आखिर ये फिदायीन हमला है क्या? इसे लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। यह शब्द सुनते ही आतंक और आत्मघाती मिशन की तस्वीर सामने आ जाती है।
आइए जानते हैं आखिर फिदायीन हमला क्या होता है, इसे क्यों इतना खतरनाक और घातक माना जाता है, और लाल किले जैसे ऐतिहासिक स्थल से इसका नाम क्यों जोड़ा गया।
💣 फिदायीन हमला (Fidayeen Attack) क्या है?
“फिदायीन” शब्द अरबी भाषा से आया है, जिसका मतलब होता है — “किसी मकसद के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाला व्यक्ति।”
फिदायीन हमले वे आतंकवादी हमले होते हैं, जिनमें हमलावर अपनी मौत की परवाह नहीं करता, बल्कि वह जानबूझकर आत्मघाती तरीके से हमला करता है।
ऐसे हमले सामान्य बम ब्लास्ट से कहीं अधिक रणनीतिक और लक्षित (targeted) होते हैं, क्योंकि इसमें हमलावर का लक्ष्य अधिकतम नुकसान और डर फैलाना होता है।
Also Check,
फिदायीन हमला सामान्य धमाके से ज्यादा खतरनाक क्यों होता है?
| तुलना | सामान्य धमाका | फिदायीन हमला |
|---|---|---|
| नियंत्रण | रिमोट या टाइमर से किया जाता है | खुद हमलावर द्वारा किया जाता है |
| लक्ष्य | यादृच्छिक (Random) | सटीक लक्ष्य (Military, VIP, Public Place) |
| नुकसान | सीमित क्षेत्र में | अधिकतम नुकसान और भय |
| खतरे का स्तर | मध्यम | अत्यधिक उच्च |
लाल किले ब्लास्ट और फिदायीन कनेक्शन
लाल किले ब्लास्ट के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को शुरुआती जांच में फिदायीन पैटर्न के संकेत मिले थे।
इससे यह आशंका जताई गई कि हमलावर केवल धमाका करने नहीं आए थे, बल्कि वे किसी बड़े सिंबॉलिक टारगेट (राष्ट्रीय प्रतीक) को निशाना बनाना चाहते थे।
ऐसे हमलों का मकसद केवल नुकसान पहुँचाना नहीं होता, बल्कि देशभर में भय, अस्थिरता और मीडिया प्रभाव पैदा करना भी होता है।
भारत में हुए प्रमुख फिदायीन हमले
- पार्लियामेंट हमला (2001) – दिल्ली में सबसे बड़ा फिदायीन हमला, जिसमें भारतीय संसद को निशाना बनाया गया।
- उरी हमला (2016) – जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में फिदायीन आतंकियों ने सेना कैंप पर हमला किया।
- पुलवामा हमला (2019) – CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हुए।
इन घटनाओं ने भारत की सुरक्षा नीति को पूरी तरह बदल दिया और फिदायीन हमलों की पहचान सबसे घातक खतरे के रूप में हुई।
फिदायीन हमलों से निपटने के लिए भारत की तैयारी
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में फिदायीन हमलों से निपटने के लिए कई स्मार्ट इंटेलिजेंस और काउंटर-टेररिज्म यूनिट्स विकसित की हैं —
- NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड)
- NIA (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी)
- RAW और IB के कोऑर्डिनेटेड नेटवर्क
इन एजेंसियों का उद्देश्य है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते पहचानकर रोकना।
क्यों फिदायीन हमला सबसे बड़ा आतंक खतरा है
फिदायीन हमला किसी भी देश के लिए सबसे मानसिक और सुरक्षा चुनौतीपूर्ण खतरा होता है, क्योंकि यह केवल विस्फोट नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक युद्ध (Psychological Warfare) होता है।
लाल किले ब्लास्ट जैसी घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि सतर्कता और राष्ट्रीय एकजुटता ही ऐसी चुनौतियों का सबसे मजबूत जवाब हैं।


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