Finance Minister Nirmala Sitharaman’s Fift Tranche of Announcement on Economic Package with focus on Reforms
कोरोना संकट के चलते लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सही दिशा देने के लिए PM MODI ने Atmanirbhar Bharat abhiyan की शुरुआत की, जिसके तहत 20 Lakh crore के पैकेज की घोषणा की गई, इस पैकेज की विस्तार से जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दे रही हैं, आज इस पैकेज के विस्तार का पांचवा और अंतिम दिन हैं. जिसमे शिक्षा, स्वास्थ्य, निजीकरण, मनरेगा से जुडी 7 बड़ी घोषणाएं की गई हैं.
इससे पहले 12 मई को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी जिसके बाद 13 मई से वित्त मंत्री उसकी विस्तृत जानकारी दे रही है. सरकार ने पिछले 4 दिनों में कई महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी है.
HIGHLIGHTS of Nirmala Sitharaman Speech Day 5
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पांचवी स्पीच की मुख्य बातें –
- आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने लिए आर्थिक पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी, लॉ जैसी चीजों पर बल दिया गया है.
- टेक्नोलॉजी की मदद से हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किया है
- 20 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के अकाउंट में पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत सीधी मदद भेजी गई.
- 8.19 करोड़ किसानों के खातों में सरकार ने 2000 रुपए पहुंचाए. 20 करोड़ जन धन खातों में सीधी मदद पहुंचाई गई.
- ऑनलाइन निकासी की सुविधा का फायदा 12 लाख ईपीएफओ मेंबर्स ने उठाया. निर्माण से जुड़े 2.02 करोड़ मजदूरों को सीधी मदद पहुंचाई गई.
- उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी सरकार ने डीबीटी के जरिए फायदा पहुंचाया है.
- किसानों को दिए गए 86000 करोड़ के लोन.
- सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में खाद्यान्न दिया है.
- 3,750 करोड़ रुपये आवश्यक वस्तुओं के लिए खर्च किये गए. 550 करोड़ रुपये टेस्टिंग लैब्स और किट्स के लिए खर्च किया है.
- 15,000 करोड़ रुपये कोविड-19 के लिए, जिसमें से 4,113 करोड़ रुपये राज्यों को रिलीज किये गए हैं. कोरोना को फ़ैलाने से रोकने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
- स्कूली शिक्षा के लिए तीन चैनल पहले से थे. अब 12 और चैनल इस लिस्ट में जोड़े गए हैं. शिक्षा के लिए तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा हैं, एयर एजुकेशनल वीडियो कंटेंट बढ़ा है.
- COVID 19 के lockdown के दौरान ऑनलाइन एजुकेशन को लेकर सरकार ने कई तरह के उपाय किए हैं. विद्यार्थियों को पढ़ाई स्वयं प्रभा डीटीएच चैनलों के जरिए मदद की है, जिससे उन छात्रों तक मदद पहुँच सके, जिनके पास इंटरनेट नहीं है.
- दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल ई कंटेंट आएगा. ऑनलाइन ऑटोमैटिक कोर्सों की शुरुआत 100 विश्वविद्यालयों द्वारा की जाएगी. मनो दर्पण प्रोग्राम मानसिक सपोर्ट के लिए आएगा.
- कोरोनो से पहले देश में एक भी PPE निर्माता नहीं था, मौजूदा समय में 300 से ज्यादा पीपीई के घरेलू निर्माता हैं, अब देश में प्रतिदिन तीन लाख से अधिक पीपीई देश में बनाई जा रही हैं.
- 50 लाख के बीमा की व्यवस्था हेल्थ वर्कर्स के लिए की गई है, उन्हें सुरक्षा देने के लिए महामारी एक्ट में बदलाव किया है.
- 40,000 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी मनरेगा के लिए बजट आवंटन में की जाएगी, लौट रहे प्रवासी मजदूरों को गांवों में अधिक काम मिलेगा. ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने में मदद मिलेगी.
- सभी अस्पतालों में संक्रामक बीमारियों के लिए जिला स्तर पर ब्लॉक बनाया जाएगा. लैब नेटवर्क में भी सुधार किये जायेंगे. जिला एवं प्रखंड स्तर पर एकीकृत स्वास्थ्य प्रयोगशाला महामारी से मुकाबले के लिए पना की जाएगी.
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी. स्वास्थ्य के क्षेत्र में अब खर्च में बढ़ोत्तरी की जाएगी.
- वन नेशन वन डिजिटल प्रोग्राम आएगा, हर क्लास के लिए एक चैनल 1 से 12 तक की कक्षाओं के लिए लॉन्च होगा. कम्युनिटी रेडियो की भी मदद ली जाएगी.
- ऑनलाइन एजुकेशन के लिए PM ई विद्या प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी. तकनीकी पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा.
- कोरोना संकट की वजह से जो कर्ज बकाया रह गया है, उसे Default में शामिल नहीं किया जाएगा. इसके साथ एक साल तक कोई भी नई इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी. MSMEs से सम्बंधित विशेष दिवालिया समाधान ढांचा को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा.
- IBC से जुड़े मामलों को के लिए थ्रेसहोल्ड को एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया जाएगा
- निजी कंपनियों के लिए कारोबार सुगम बनाया जायेगा. आगे से देश की कंपनियां अपने प्रतिभूतियों को मंजूरी वाले विदेशी बाजारों में सीधे लिस्ट कर पाएंगी.
- कंपनियों कि उत्पादकता बढ़ेगी, कंपनी की हरासमेंट कम होगा और अदालतों पर बोझ कम किया जायेगा.
- .अब से छोटे तकनीकी प्रक्रियात्मक चूक अपराध में नहीं गिना जाएगा, यौगिक जुर्म में 18 सैक्शन से बढ़ाकर 58 सैक्शन कर दिए गए है.
- अब चार से अधिक पब्लिक सेक्टर कंपनियां स्ट्रैटिजिक सेक्टर में नहीं होंगी और किसी अगर स्ट्रैटिजिक सेक्टर में चार से अधिक पब्लिक सेक्टर हैं तो उनका विलय किया जाएगा.
- कम-से-कम एक पब्लिक सेक्टर कंपनी अधिसूचित स्ट्रैटिजिक सेक्टर में होगी पर निजी क्षेत्रों को भी इस सेक्टर में शामिल किया जाएगा. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का अन्य सेक्टर्स में निजीकरण किया जाएगा.
- फैसला उचित समय को देखते हुए किया जाएगा.
- पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए होगी. इस पॉलिसी के माध्यम से सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा.
- राज्यों को सरकार ने अपनी GDP का पांच फीसद कर्ज़ उठाने की मंजूरी दी है.
- 12390 करोड़ का राजस्व घाटा ग्रांट समय पर राज्यों को दिया गया. 11092 करोड़ रुपए स्टेट डिजास्टर रिलीज फंड के तहत राज्यों को अप्रैल के पहले सप्ताह में दिए गए.
- 46038 करोड़ रुपए अप्रैल महीने में राज्यों को दिए गए. 4113 करोड़ रुपए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को करोना से लडने के लिए दिए.
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राजस्व की कमी की चुनौती इस समय राज्य सरकारों के सामने है. केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकारों की सहायता कर रही है और मदद पहुंचा रही है, जिससे करोना कि लड़ाई लड़ सकें.