साल 2025 की सबसे बड़ी खुशखबरी आ चुकी है — दीवाली पर इस बार बनेगा हंस महापुरुष राजयोग, जिससे त्योहार का महत्व और भी बढ़ गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दीवाली 2025 सोमवार, 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:55 बजे तक रहेगी। चूंकि 20 अक्टूबर को प्रदोषकाल में अमावस्या तिथि रहेगी, इसलिए ज्योतिषाचार्यों ने इस दिन को मुख्य दीपावली और लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ बताया है।
इस वर्ष की दीवाली 2025 केवल रोशनी और उत्सव का नहीं, बल्कि एकता, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक बनकर देशभर में मनाई जाएगी। हर राज्य और हर समुदाय अपने-अपने अंदाज़ में इसे मना रहा होगा — कहीं भगवान राम के अयोध्या आगमन की झांकी सजी होगी, तो कहीं माताओं द्वारा कलश स्थापना और दीये सजाने का दृश्य होगा।
यह त्योहार न केवल घरों को बल्कि लोगों के दिलों को भी रौशन करता है। इस वर्ष अमावस्या तिथि के साथ लक्ष्मी पूजन का अद्भुत संयोग बन रहा है, जिससे मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा से पूजा करता है उसे वर्षभर धन, स्वास्थ्य और सौभाग्य प्राप्त होता है।
इस बार की दिवाली विशेष क्यों?
इस साल दीपावली पर पांच शुभ योग बन रहे हैं – हंस योग, लक्ष्मीनारायण योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और स्थिर लग्न योग। मान्यता है कि ये संयोग देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत फलदायी होते हैं। पंडितों के अनुसार, इस बार घर में दीपदान से धनवृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होगा।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
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मुख्य पूजा समय: शाम 7:08 से रात 8:18 बजे तक (1 घंटा 11 मिनट)
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अमावस्या प्रारंभ: 20 अक्टूबर, दोपहर 3:44 बजे
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अमावस्या समाप्त: 21 अक्टूबर, शाम 5:55 बजे
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प्रदोषकाल: शाम 6:34 से रात 8:37 बजे तक
इस दिन भक्तजन अपने घरों को दीपों से सजाते हैं, हनुमान और कुबेर जी की भी पूजा करते हैं, और माँ लक्ष्मी से समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
इस बार की दीवाली 2025 न सिर्फ घरों में रोशनी बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की शुभता भी लेकर आई है।
20 अक्टूबर की शाम दिखेगी दीपों की जगमगाहट, मां लक्ष्मी और गणेश जी की आराधना से भर उठेगा पूरा भारत।