बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2024) का महत्व:
बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। यह दिन गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बोध) और महापरिनिर्वाण को स्मरण करने के लिए मनाया जाता है। यह आमतौर पर हर साल मई में पूर्णिमा के दिन पड़ता है।
बुद्ध पूर्णिमा इस वर्ष 23 मई 2024 दिन बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा. बुद्ध पूर्णिमा का आरंभ 22 मई 2024 दिन बुधवार को दिन में 5:57 बजे से आरंभ गया है और जो 23 मई 2024 दिन बृहस्पतिवार को सायं काल 6:41बजे तक रहेगा.
बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास:
ऐसा माना जाता है कि सिद्धार्थ गौतम, जो बाद में गौतम बुद्ध के नाम से जाने गए, का जन्म लुंबिनी (वर्तमान नेपाल में) में हुआ था। जन्म के बाद, उन्हें एक महान व्यक्ति बनने की भविष्यवाणी की गई थी। हालांकि, उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन को शाही विलासिता में बिताया। बाद में, उन्हें मानव जीवन के दुखों – जन्म, वृद्धावस्था, बीमारी और मृत्यु का सामना करना पड़ा। इन अनुभवों से प्रेरित होकर, उन्होंने सत्य की खोज के लिए अपना घर छोड़ दिया।
कई वर्षों की कठिन साधना के बाद, उन्हें बोधगया (वर्तमान बिहार में) में एक पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ। तब से उन्हें बुद्ध या “जागृत व्यक्ति” के रूप में जाना जाने लगा। शेष जीवन उन्होंने अपने ज्ञान का प्रचार करते हुए और दुख से मुक्ति का मार्ग बताते हुए बिताया। कुशीनगर (वर्तमान उत्तर प्रदेश में) में महापरिनिर्वाण प्राप्त कर उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया।
बुद्ध पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है?
बुद्ध पूर्णिमा को बौद्ध धर्म के अनुयायी विभिन्न तरीकों से मनाते हैं:
- मंदिरों में पूजा-अर्चना: बौद्ध मंदिरों को ध्वजों और फूलों से सजाया जाता है। भक्त बुद्ध प्रतिमाओं के सामने दीप जलाते हैं, फूल चढ़ाते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं।
- ध्यान और प्रवचन: बौद्ध मठों और ध्यान केंद्रों में ध्यान सत्रों और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों पर प्रवचन का आयोजन किया जाता है।
- दान का महत्व: दान को बुद्ध धर्म में एक महत्वपूर्ण धर्म माना जाता है। इस दिन लोग जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दान दक्षिणा देते हैं।
- शांति का संदेश: बुद्ध पूर्णिमा शांति, करुणा और अहिंसा का संदेश फैलाने का अवसर प्रदान करती है। लोग अहिंसा और सहिष्णुता का पालन करने का संकल्प लेते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व आज के समय में:
बुद्ध पूर्णिमा का संदेश आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है। अशांति, हिंसा और संघर्ष से भरी दुनिया में, बुद्ध का शांति और करुणा का मार्ग हमें दिशा प्रदान करता है। उनके उपदेश हमें संतोष, मोक्ष और दुख से मुक्ति का मार्ग दिखाते हैं।
आप बुद्ध पूर्णिमा कैसे मना सकते हैं?
- बुद्ध धर्म के बारे में जानें: बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं के बारे में जानने के लिए कुछ समय निकालें।
- ध्यान का अभ्यास करें: कुछ समय के लिए शांत बैठकर अपने मन को शांत करने का प्रयास करें।
- करुणा का भाव रखें: दूसरों के प्रति दयालु रहें और उनकी मदद करने का प्रयास करें।
- शांति का प्रचार करें: अपने परिवार, दोस्तों और आसपास के लोगों के बीच शांति का संदेश फैलाएं।
बुद्ध पूर्णिमा हमें आत्मिक जागृति, करुणा और ज्ञान की प्राप्ति का मार्ग दिखाती है। आइए हम इस पर्व को मनाएं और अपने जीवन में बुद्ध के उपदेशों को अपनाएं।