निर्देश (1-5): नीचे दिये गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं
तथा उन्हें प्रश्न संख्या में दर्शाया गया है। ये संख्याएं परिच्छद के नीचे
मुद्रित हैं, प्रत्येक के सामने (a), (b), (c),
(d) और (e) विकल्प दिए गए
हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में
उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना
है। दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करना है।
तथा उन्हें प्रश्न संख्या में दर्शाया गया है। ये संख्याएं परिच्छद के नीचे
मुद्रित हैं, प्रत्येक के सामने (a), (b), (c),
(d) और (e) विकल्प दिए गए
हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में
उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना
है। दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करना है।
ज्ञान राशि के
संचित कोश को साहित्य कहते हैं। वस्तुतः सम्पूर्ण ज्ञान राशि का एक ही साहित्य है
पर जैसे जल राशि मात्र को एक ही महासागर न कह कर व्यवहार के लिए कई-कई सागरों, उपसागरों में विभक्त कर लिया गया है, उसी प्रकार एक ही साहित्य, काव्य, नाटक, मनोविज्ञान, दर्शन आदि अनेक
नामों में (1) हो गया है। जैसे ईश्वर
प्राप्ति के लिए ज्ञान और भक्ति दो पृथक-पृथक मार्ग निर्दिष्ट हैं। वैसे ही साहित्य और दर्शन भी हैं। भक्ति के समान
साहित्य का रस प्राप्त करने वाला भी (2) ही होता है। कुछ विचारक दर्शन को श्रेय और साहित्य को प्रेम
कहते हैं। यह उनकी भूल है। साहित्य की दीवार जीवन की नींव पर खड़ी होती है। जीवन
परमात्मा की सृष्टि है, इसलिए अनंत है, अपरिमित है (3) है। साहित्य मनुष्य की सृष्टि है, इसलिए सुगम है, सुबोध है और
मर्यादाओं से परिमित है। मनुष्य जीवन-पर्यन्त आनंद की खोज में लगा रहता है। किसी
को वन रत्न (4) में मिलता है,
किसी को भरे-पूरे परिवार में, लेकिन साहित्य का
आनंद इस आनंद से ऊँचा है। सत्य जहाँ आनन्द का स्त्रोत बन जाता है, वहीं वह साहित्य हो जाता है। साहित्य का विधान (5) द्वारा ही होता है। एक ही दृश्य भिन्न-भिन्न
लोगों को भिन्न-भिन्न रूपों में प्रभावित करता है। बर्फ से ढके पहाड़ पर सूर्य की
बिखरती किरणें दार्शनिक के लिए विचार की वस्तु है, वैज्ञानिक के लिए
अनुसंधान की ओर साहित्यकार के लिए विहृलता की। विहृलता की यह स्थिति आत्म-विगलन की
स्थिति है, जहाँ ऊँच-नीच, भले-बुरे आादि का भेद परिसमाप्त हो जाता है।
संचित कोश को साहित्य कहते हैं। वस्तुतः सम्पूर्ण ज्ञान राशि का एक ही साहित्य है
पर जैसे जल राशि मात्र को एक ही महासागर न कह कर व्यवहार के लिए कई-कई सागरों, उपसागरों में विभक्त कर लिया गया है, उसी प्रकार एक ही साहित्य, काव्य, नाटक, मनोविज्ञान, दर्शन आदि अनेक
नामों में (1) हो गया है। जैसे ईश्वर
प्राप्ति के लिए ज्ञान और भक्ति दो पृथक-पृथक मार्ग निर्दिष्ट हैं। वैसे ही साहित्य और दर्शन भी हैं। भक्ति के समान
साहित्य का रस प्राप्त करने वाला भी (2) ही होता है। कुछ विचारक दर्शन को श्रेय और साहित्य को प्रेम
कहते हैं। यह उनकी भूल है। साहित्य की दीवार जीवन की नींव पर खड़ी होती है। जीवन
परमात्मा की सृष्टि है, इसलिए अनंत है, अपरिमित है (3) है। साहित्य मनुष्य की सृष्टि है, इसलिए सुगम है, सुबोध है और
मर्यादाओं से परिमित है। मनुष्य जीवन-पर्यन्त आनंद की खोज में लगा रहता है। किसी
को वन रत्न (4) में मिलता है,
किसी को भरे-पूरे परिवार में, लेकिन साहित्य का
आनंद इस आनंद से ऊँचा है। सत्य जहाँ आनन्द का स्त्रोत बन जाता है, वहीं वह साहित्य हो जाता है। साहित्य का विधान (5) द्वारा ही होता है। एक ही दृश्य भिन्न-भिन्न
लोगों को भिन्न-भिन्न रूपों में प्रभावित करता है। बर्फ से ढके पहाड़ पर सूर्य की
बिखरती किरणें दार्शनिक के लिए विचार की वस्तु है, वैज्ञानिक के लिए
अनुसंधान की ओर साहित्यकार के लिए विहृलता की। विहृलता की यह स्थिति आत्म-विगलन की
स्थिति है, जहाँ ऊँच-नीच, भले-बुरे आादि का भेद परिसमाप्त हो जाता है।
Q1.
(a) प्रत्यावर्तित
(b) व्याख्यायित
(c) समाधृत
(d) रूपान्तरित
(e) इनमें से कोई नहीं
Q2.
(a) विरला
(b) अद्वितीय
(c) एकाकी
(d) एकांगी
(e) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
Q3.
(a) दुर्बोध
(b) विस्मित
(c) अगम्य
(d) दुसाध्य
(e) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
Q4.
(a) राशि
(b) पाश
(c) विपाश्य
(d) रूचि
(e) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
Q5.
(a) विभाव
(b) अनुभाव
(c) मनोभाव
(c) संचारी भाव
(d) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
निर्देश (6-10): नीचे दिए गए
प्रश्नों में पांच-पांच शब्द हैं, जिसमें एक अथवा
दो स्थान रिक्त हैं। प्रत्येक प्रश्न के नीचे (a), (b), (c), (d)
में दिए गए अक्षरों में
से किसी एक अक्षर को भरने से पांचों अर्थवान् शब्द बन जाएंगे। वही क्रमांक आपका
उत्तर होगा। यदि अर्थवान शब्द नहीं बनता है, तो आपका उत्तर (e) अर्थात् ‘इनमें से कोई
नहीं होगा’।
प्रश्नों में पांच-पांच शब्द हैं, जिसमें एक अथवा
दो स्थान रिक्त हैं। प्रत्येक प्रश्न के नीचे (a), (b), (c), (d)
में दिए गए अक्षरों में
से किसी एक अक्षर को भरने से पांचों अर्थवान् शब्द बन जाएंगे। वही क्रमांक आपका
उत्तर होगा। यदि अर्थवान शब्द नहीं बनता है, तो आपका उत्तर (e) अर्थात् ‘इनमें से कोई
नहीं होगा’।
Q6.
व्
|
या
|
|
र
|
ण
|
अ
|
धि
|
|
र
|
ण
|
नि
|
रा
|
|
र
|
ण
|
|
सौ
|
टी
|
×
|
×
|
×
|
×
|
×
|
|
ल
|
(a) फ
(b) क
(c) च
(d) ह
(e) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
Q7.
लो
|
म
|
|
×
|
×
|
×
|
कु
|
ल्
|
हा
|
|
×
|
×
|
×
|
हाँ
|
|
दि
|
हा
|
|
×
|
×
|
×
|
×
|
×
|
गा
|
|
(a) ग
(b) ड़ी
(c) पे
(d) सा
(e) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
Q8.
×
|
च
|
तु
|
रा
|
|
च
|
ढा
|
|
×
|
×
|
वि
|
दा
|
|
×
|
×
|
श
|
ह
|
ना
|
|
×
|
×
|
×
|
इ
|
का
|
|
(a) उ
(b) त
(c) ई
(d) सा
(e) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
Q9.
×
|
म
|
|
हा
|
री
|
|
य
|
व
|
हा
|
र
|
सु
|
|
ध
|
न
|
×
|
×
|
×
|
|
का
|
र
|
स
|
|
त
|
न
|
×
|
(a) नो
(b) सा
(c) शि
(d) ट
(e) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
Q10.
भा
|
वा
|
ति
|
रे
|
|
ज
|
ला
|
भि
|
षे
|
|
×
|
अ
|
भि
|
षे
|
|
श
|
शां
|
|
×
|
×
|
मृ
|
गां
|
|
×
|
×
|
(a) ग
(b) क
(c) ब
(d) म
(e) इनमें से कोई
नहीं
नहीं
निर्देश (11-15): निम्नलिखित पांच में से
चार समानार्थी शब्द हैं। जिस क्रमांक में इनसे भिन्न शब्द दिया गया है, वही आपका उत्तर है।
चार समानार्थी शब्द हैं। जिस क्रमांक में इनसे भिन्न शब्द दिया गया है, वही आपका उत्तर है।
Q11.
(a) रमा
(b) भार्गवी
(c) श्री
(e) शर्बरी
(e) पद्मा
Q12.
(a) हया
(b) व्रीडा
(c) त्रण
(d) मन्दाक्ष
(e) चारू
Q13.
(a) सुहृद
(b) सखा
(c) आनन
(d) मीत
(e) सहचर
Q14.
(a) सफरी
(b) यती
(c) तापस
(d) अवधूत
(e) महात्मा
Q15.
(a) तमी
(b) राव
(c) रैन
(d) यामिनी
(e) विभावरी
हल
S1. Ans. (d)
Sol.
S2. Ans. (a)
Sol.
S3. Ans. (c)
Sol.
S4. Ans. (c)
Sol.
S5. Ans. (c)
Sol.
S6. Ans. (b)
Sol. व्याकरण, अधिकरण,
निराकरण, कसौटी, कल
निराकरण, कसौटी, कल
S7. Ans. (b)
Sol. लोमड़ी, कुल्हाड़ी,
हांड़ी, दिहाड़ी, गाड़ी
हांड़ी, दिहाड़ी, गाड़ी
S8. Ans. (c)
Sol. चतुराई, चढ़ाई,
विदाई, शहनाई, इकाई
विदाई, शहनाई, इकाई
S9. Ans. (e)
Sol. इनमें से कोई
नहीं
नहीं
S10. Ans. (b)
Sol. भावातिरेक,
जलाभिषेक, अभिषेक, शशांक, मृगांक
जलाभिषेक, अभिषेक, शशांक, मृगांक
S11. Ans. (d)
Sol. ‘शर्बरी’ रात का
पर्यायवाची है जबकि अन्य शब्द ‘लक्ष्मी’ के पर्यायवाची हैं.
पर्यायवाची है जबकि अन्य शब्द ‘लक्ष्मी’ के पर्यायवाची हैं.
S12. Ans. (e)
Sol. ‘चारू’ सुंदरता
के अर्थ में प्रयुक्त होता है जबकि अन्य शब्द ‘लक्ष्मी’ के पर्यायवाची हैं.
के अर्थ में प्रयुक्त होता है जबकि अन्य शब्द ‘लक्ष्मी’ के पर्यायवाची हैं.
S13. Ans. (c)
Sol. ‘आनन’ मुंह का
पर्यायवाची है जबकि अन्य शब्द ‘मित्र’ के पर्यायवाची हैं.
पर्यायवाची है जबकि अन्य शब्द ‘मित्र’ के पर्यायवाची हैं.
S14. Ans. (a)
Sol. ‘सफरी’ मछली का
पर्यायवाची है जबकि अन्य शब्द ‘ऋषि’ के पर्यायवाची हैं.
पर्यायवाची है जबकि अन्य शब्द ‘ऋषि’ के पर्यायवाची हैं.
S15. Ans. (b)
Sol. ‘राव’ राजा के
अर्थ में प्रयुक्त होता है जबकि अन्य शब्द ‘रात्रि’ के पर्यायवाची हैं.
अर्थ में प्रयुक्त होता है जबकि अन्य शब्द ‘रात्रि’ के पर्यायवाची हैं.