मित्रों, प्रतिवर्ष आज का दिन हम सभी पूरे उमंग-उत्साह से, अपने राष्ट्रपिता और अंग्रेजी गुलामी से देश को आज़ादी दिलाने के लिए उनके संघर्ष के लिए उन्हें याद करते हुए मनाते हैं. गाँधी जयंती को पूरे भारतवर्ष में एक बड़े कार्यक्रम के तौर पर मनाया जाता है.
महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था जिन्हें हम बापू और हमारे राष्ट्रपिता के नाम से भी जानते हैं. उनके जन्मदिन को भारत में गाँधी जयंती के साथ ही सम्पूर्ण विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.
बापू का जन्म एक छोटे से कसबे में हुआ था लेकिन उनकी इच्छाशक्ति और कार्य इतने बड़े थे जिसने उन्हें सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध कर दिया. बापू वह व्यक्ति थे जिन्होंने देश को आज़ादी दिलाने के लिए शांति और अहिंसा पर ही विश्वास किया और अहिंसा को ही एक व्यापक जन हथियार में तब्दील कर दिया.
बापू का स्वतंत्रता से लड़ने का तरीका बहुत ही अद्भुत एवं नवीन था. उन्होंने पहले भारत में भारतीयों की वास्तविक समस्याओं को जाना समझा और फिर गोपाल कृष्ण गोखले के साथ देश में विभिन्न स्वतंत्रता आंदोलनों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया. उन्होंने देश में असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो जैसे प्रसिद्ध आंदोलन चलाये जिन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया. उन्होंने अनेक बार जेल यात्रायें की लेकिन वे कभी भी अपने शांति एवं अहिंसा के पथ से विचलित न हुए. बापू का सम्पूर्ण जीवन हमारे समक्ष देशभक्ति, त्याग, अहिंसा, सादगी और समर्पण की प्रकट मूर्ति है.
यह हमें हमारी मातृभूमि के सम्मन के लिए सदैव हमारी आँखें खुली एवं सक्रिय रहने का आदेश व प्रेरणा देता है. यहाँ गाँधी जी के निम्न कथन हमारे समक्ष हैं जो हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे और हमें जिसे हमेशा ध्यान रखना चाहिए :
“मेरा जीवन ही मेरा सन्देश है” और “आप संसार में जो परिवर्तन देखना चाहते हैं पहले वो अपने अंदर लायें”
आइये आज के दिन हम सभी मिलकर कुछ बेहतर कार्य करके गाँधी जयंती मनाएं. इसमें एक प्रमुख कार्य हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया “स्वच्छ भारत अभियान” में हमारी सक्रिय भागीदारी हो सकती है.
जय हिन्द!!
मुझे गर्व है कि मैं एक भारतीय हूँ:)