Attorney General of India: Appointment, Term, Functions, Complete List in Hindi
भारत में सर्वोच्च अधिकारी पदों में से एक भारत Attorney General अर्थात महान्यायवादी का होता है जो देश के सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है. क्या आपके भी मन में प्रश्न उठते हैं कि वर्तमान महान्यायवादी कौन है? अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल कितना होता है? अटॉर्नी जनरल या महान्यायवादी की सैलरी कितनी होती है? भारत का महान्यायवादी कौन है 2021?
Attorney General अर्थात महान्यायवादी का उल्लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 76(1) में किया गया है. भारत के अटॉर्नी जनरल को भारत का राष्ट्रपति नियुक्त किया जाता है. अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल तीन साल का होता है। भारत के वर्तमान अटर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी हैं. उन्हे 1 अक्टूबर 2022 से 3 साल के लिए नियुक्त किया गया। यह भारत के 16 वें अटॉर्नी जनरल हैं। वह भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार(chief legal advisor) हैं, Attorney General सभी कानूनी मामलों पर union government के सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं. वह राष्ट्रपति की सलाह पर लीगल एडवाइजर के अलवा कुछ अन्य duties को भी करता है. भारत का अटॉर्नी जनरल प्राथमिक वकील भी है जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करता है. भारत के वर्तमान महान्यायवादी(Attorney General of India) आर. वेंकटरमणी हैं.
अटॉर्नी जनरल की योग्यता क्या होनी चाहिए? – What should be the qualification of Attorney General?
भारत का अटॉर्नी जनरल बनने के लिए वही योग्यताएं चाहिए तो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए जरूरी होती हैं। यानी वे किसी हाई कोर्ट में पांच साल तक जज रहे हों या 10 साल तक वकालत की हो या राष्ट्रपति की नजर में दिग्गज न्यायवादी हों। भारत का अटॉर्नी जनरल बनने के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
current attorney general of india hindi
Designation | Attorney General of India |
Current Position Held By | R Venkataramani |
Appointed By | President on advice of Union Cabinet |
Role | Works as the chief legal advisor to the government and is primary lawyer in the Supreme Court of India. |
1st Attorney General of India | Motilal C. Setalvad |
Appointment of the Attorney General : भारत के अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति
भारत का Attorney General देश के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है. राष्ट्रपति एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करता है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश होने के साथ निम्नलिखित अन्य योग्यताओं के हों:
- उसे भारत का नागरिक होना चाहिए.
- वह किसी भारतीय राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में या उच्च न्यायालय के अधिवक्ता के रूप में दस वर्ष पूर्ण कर चुका हो.
- उसे एक distinguished jurist होना चाहिए.
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Term of the Attorney General : अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल
भारत केअटॉर्नी जनरल के पास निश्चित कार्यकाल नहीं होता है. संविधान में उल्लेखित procedure और ground के अतिरिक्त कोई निर्दिष्ट कार्यकाल नहीं है जिसमें किसी अटॉर्नी जनरल को उनके पद से हटाया जा सके. संविधान का mention है कि:
- अटॉर्नी जनरल को किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा उनके पद से हटाया जा सकता है.
- यदि वे राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपते हैं तो अटॉर्नी जनरल छोड़ सकते हैं.
- चूंकि भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक अटॉर्नी जनरल को मंत्रिपरिषद की सलाह पर नियुक्त किया जाता है, इसलिए जब वह या तो परिषद replaced या dissolved हो जाता है, तो उन्हें उनके पद से हटा दिया जाता है.
Role of the Attorney General – अटॉर्नी जनरल का कार्य :
भारत के Law Officer अधिकारी के रूप में, अटार्नी जनरल की निम्नलिखित भूमिकाएँ होती हैं:
- वह राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित सभी कानूनी मामलों पर केंद्र सरकार को सलाह देते हैं
- वह कानूनी सलाहकार के अन्य सभी कर्तव्यों का पालन करता है जो राष्ट्रपति द्वारा उन्हें सलाह दी जाती है.
- वह किसी भी कानून या संविधान द्वारा उन्हें प्रदान किए गए सभी कार्य का निर्वहन करता है.
- कानूनी मामले से संबंधित विषय में उसे भारत सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में उपस्थित होना होगा.
- उसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत सर्वोच्च न्यायालय में किए गए किसी भी संदर्भ में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करना है.
- यदि भारत सरकार से संबंधित कोई मामला चल रहा है तो उसे भी उच्च न्यायालय में उपस्थित होना होगा.
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महान्यायवादी ( अटॉर्नी जनरल ) की सीमाएँ :
भारत का संविधान Attorney General पर कुछ सीमाएँ लागू करता है, जिन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करते समय ध्यान में रखना चाहिए. ये सीमाएँ हैं:
- अटॉर्नी जनरल को भारत सरकार के खिलाफ सलाह नहीं देनी होती है.
- अटॉर्नी जनरल को उन मामलों में कोई संक्षिप्त सलाह या नहीं देनी होती है, जिनमें उन्हें भारत सरकार के लिए सलाह देने या पेश होने के लिए कहा जाता है.
- अटॉर्नी जनरल, भारत सरकार की अनुमति के बिना आपराधिक मुकदमों में अभियुक्तों का बचाव नहीं कर सकता.
- अटॉर्नी जनरल को भारत सरकार की अनुमति के बिना किसी भी कंपनी या निगम में निदेशक के रूप में नियुक्ति को स्वीकार नहीं करना चाहिए.
भारत के महान्यायवादी के अधिकार:
- भारत के अटॉर्नी जनरल को भारत के क्षेत्र में सभी अदालतों के सुनवाई में शामिल होने का अधिकार है.
- भारत के अटॉर्नी जनरल को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही और उनके संयुक्त बैठक में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन वोट देने का अधिकार नहीं है.
- भारत के अटॉर्नी जनरल को संसद की किसी भी समिति की बैठक में बोलने या हिस्सा लेने का अधिकार है, जिसमें उन्हें सदस्य के रूप में नामित किया गया हो.
- वह उन सभी विशेषाधिकारों और प्रतिरक्षाओं प्राप्त करता है, जो संसद के सदस्य के लिए उपलब्ध हैं.
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List of the Attorney Generals of India – भारत के अटार्नी जनरलों की सूची
भारत के संविधान के निर्माण से अब तक देश में 15 अटॉर्नी जनरलों नियुक्त हो चुके हैं. वो इस प्रकार हैं: