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पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का निधन

पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का निधन | Latest Hindi Banking jobs_3.1

देश के पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का दिल्ली के एम्स अस्पताल में लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। गत नौ अगस्त को उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत को ‘हीमोडायनैमिकली स्टेबल’ बताया गया था। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के अहम सदस्य रहे, उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।

प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए, ट्वीट कर लिखा, “बीजेपी और अरुण जेटली के बीच एक ना टूटने वाला बंधन था. उनके मुताबिक, “एक तेजस्वी छात्र नेता के तौर पर उन्होंने आपातकाल के समय हमारे लोकतंत्र की सबसे आगे होकर रक्षा की थी. वो हमारी पार्टी के लोकप्रिय चेहरा थे. जिन्होंने समाज के अलग-अलग तबकों तक पार्टी के कार्यकर्मों और विचारों को स्पष्ट रूप से पहुंचाया.”

इसके साथ ही, उन्होंने लिखा, “मैंने एक अहम दोस्त खो दिया है, जिन्हें दशकों से जानने का सम्मान मुझे प्राप्त था. मुद्दों पर उनकी समझ बहुत अच्छी थी. वो हमें अनेक सुखद स्मृतियों के साथ छोड़ गए. हम उन्हें याद करेंगे.”


 दरअसल, इस साल मई में जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से वो नई सरकार में कोई ज़िम्मेदारी नहीं चाहते हैं. उन्होंने लिखा था कि बीते 18 महीनों से उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिसके कारण वह कोई पद नहीं लेना चाहते हैं.

उनके जीवन से सम्बन्धित अन्य तथ्य :     

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता और प्रसिद्ध वकील अरुण जेटली का जन्म 28 दिसम्बर 1952 नई दिल्ली में हुआ था. वकील महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के पुत्र अरुण जेटली ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल में 1957 से 1969 के दौरान ली. उन्होंने सन 1973 में दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम किया. अरुण जेटली में नेतृत्व का उदय जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से हुआ था.
छात्र जीवन में ही भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय, कार्पोरेट मामले के मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, कानून मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय संभाला. वे जहां भी रहे, सराहना हासिल करते रहे. इसके बाद उन्होंने सन 1977 में दिल्ली विश्‍वविद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल की. वे सन 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे. उन्हें अध्ययन करने और लिखने का शौक था. उन्होंने कानून की कई पुस्तकें लिखीं.

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