हाल ही में मोदी सरकार के 3.0 कार्यकाल में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली. इससे पहले लोकसभा चुना में NDA गठबंधन मिले बहुत के बाद 9 जून को शपथ समारोह रखा रखा गया था.
भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल में तीन प्रकार के मंत्री यानि कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister), राज्य मंत्री (Minister of State) और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (Minister of State Independent Charge) होते हैं.
हमने अक्सर देखा है कि कई लोग कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister), राज्य मंत्री (Minister of State) और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (Minister of State Independent Charge) को लेकर confuse रहते है, इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि – कितने प्रकार के मंत्री होते है, और रैंक के हिसाब से इनकी क्या पॉवर होती है. (A key difference between Cabinet Minister, Minister of State and Minister of State with Independent Charge in Hindi).
कैबिनेट मंत्री (Cabinet Ministers)
1. केन्द्रीय मंत्री/Cabinet Minister,
2. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)/Minister of State (Independent Charge),
3. राज्य मंत्री/Minister of State.
1. केंद्रीय मंत्रिमंडल में ऊपर से नीचे के पॉवर क्रम के हिसाब से देखें तो कैबिनेट मंत्री पहले नंबर पर आते हैं. ये कैबिनेट के सदस्य मंत्रिमंडल का वो हिस्सा होते हैं जिन पर मंत्रालय का नेतृत्व करने का जिम्मा होता है.
2. इसके बाद दूसरे नंबर पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आते हैं जिन्हें जूनियर या कनिष्ठ मंत्री कहते हैं, हालांकि ये कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं.
3. इसके बाद तीसरे नंबर पर आते हैं राज्य मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं, उन्हें आमतौर पर उसी मंत्रालय में एक विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाती है.
Difference between Cabinet Ministers, Minister of State and MoS with Independent charge in Hindi. What is Cabinet Minister, Minister of State and Minister of State with Independent Charge in Hindi.
कैबिनेट मंत्री –Cabinet ministers
मंत्रिमंडल का खास हिस्सा कैबिनेट मंत्रियों के पास होता है. उन्हें एक या इससे अधिक मंत्रालय भी आवंटित किए जाते हैं. सरकार के सभी फैसलों में कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं. आमतौर पर हर हफ्ते कैबिनेट की बैठक होती है. सरकार कोई भी फैसला, कोई अध्यादेश, नया कानून, कानून संसोधन वगैरह कैबिनेट की बैठक में ही तय करती है.
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)- MoS Independent charge
मंत्री परिषद का हिस्सा स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों के पास आवंटित मंत्रालय और विभाग की पूरी जवाबदेही होती है लेकिन वो आम तौर पर कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हो सकते. कैबिनेट इनको उनके मंत्रालय या विभाग से संबंधित मसलों पर चर्चा और फैसलों के लिए खास मौकों पर बुला सकता है.
राज्य मंत्री- Minister of State.
मंत्रिपरिषद का हिस्सा राज्य मंत्री कैबिनेट मिनिस्टर के अन्दर काम करने वाले मंत्री हैं. बता दें कि एक कैबिनेट मंत्री के अंदर एक या उससे ज्यादा राज्य मंत्री भी हो सकते हैं. इसके अलावा एक मंत्रालय के अंदर कई विभाग होते हैं जो राज्य मंत्रियों के बीच बांटे जाते हैं ताकि वो कैबिनेट मंत्री को मंत्रालय चलाने में मदद कर सकें.
कैबिनेट मंत्री की सैलरी व सुविधाएं
कैबिनेट मंत्री की सैलरी व सुविधाएं कैबिनेट मंत्री को हर महीने 1,00,000 रुपए मूल वेतन मिलता है. इसके साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 रुपए, कार्यालय भत्ता 60,000 रुपए और सत्कार भत्ता 2,000 रुपए शामिल है. राज्य मंत्रियों को 1,000 रुपए प्रतिदिन और डिप्टी मंत्री को 600 रुपए प्रतिदिन सत्कार भत्ता मिलता है. इसके अलावा उन्हें संसद सदस्य की तरह की यात्रा भत्ता/यात्रा सुविधाएं, रेल यात्रा सुविधाएं, स्टीमर पास, आवास, टेलीफोन सुविधाएं और वाहन क्रय हेतु अग्रिम राशि मिलती है.
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