जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. महत्वपूर्ण यह है कि आप उन परिस्थितयों में खुद को कितना मजबूत रख सकते हैं. जीवन में ऐसे समय आते हैं जब हम कमजोर हो जाते हैं और यही वह समय होता है जब हमारी असली ताकत की पहचान होती है. कभी कभी कमजोर महसूस करना ठीक है लेकिन उसके बाद क्या? इस स्थिति को लंबे समय तक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि यह समय बीत जाएगा लेकिन अगर आप एक ही बिंदु पर रहेंगे तो आप किसी भी चीज़ से निपटने में सक्षम नहीं होंगे.
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
क्या आप विजेता के रूप में उभरना चाहते हैं? अपने रास्ते में जो भी आता है, उससे लड़ने की कोशिश करें. इस बात का ध्यान रखें “You are born alone so have to fight alone“. ताकत हासिल करने का कोई और तरीका नहीं है. आपका साहस ही आपको भविष्य में विजेता के रूप में उभरने में सहायता करेगा.
सफल लोग वही होते हैं जो गहन संघर्ष करके कष्टों से बाहर निकलते हैं. सफलता पाना आसान नहीं है. कुछ हासिल करने के लिए धैर्य, दृढ़ता और कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. इसके अलावा, बहुत संघर्ष की जरूरत है क्योंकि दर्द के बिना कोई लाभ नहीं है. जब हम किसी लक्ष्य को निर्धारित करके उसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो हम बहुत डरे हुए होते हैं, लेकिन क्या हम बिना उस से गुजरे अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं? इसलिए, पछतावे की तुलना में अनुभव होना बेहतर है.