Latest Hindi Banking jobs   »   IBPS RRB PO/Clerk | हिंदी भाषा...

IBPS RRB PO/Clerk | हिंदी भाषा प्रश्नावली 16 सितम्बर 2019

IBPS RRB PO/Clerk | हिंदी भाषा प्रश्नावली 16 सितम्बर 2019 | Latest Hindi Banking jobs_3.1

आप सभी जानते हैं कि आईबीपीएस आरआरबी  परीक्षा 2019 की मेंस परीक्षा की तैयारी कर रहे होंगे. परीक्षा के पाठ्यक्रम के आधार पर आपकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए ADDA247 आपके लिए हिंदी की प्रश्नोतरी लेकर आया है. यह प्रश्नावली मुख्य परीक्षा की तैयारी को और मजबूत करने के लिए अब से दैनिक स्तर पर आयोजित की जा रही है. सभी जानते हैं कि बैंकिंग परिक्षाओं में केवल आरआरबी ही एकमात्र ऐसी परीक्षा है, जो आपको अपनी भाषा का चयन का विकल्प देता है जिसमें आप अंग्रेजी के स्थान  पर हिंदी भाषा चुन सकते हैं. यह हिंदी भाषा क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए सफलता पाने का एक सुनहरा मौक़ा है, क्योंकि हम अपनी भाषा में अधिक से अधिक अंक स्कोर करने में सक्षम होते हैं. यदि आपका लक्ष्य इस वर्ष आईबीपीएस आरआरबी में सफलता पाना है, तो अभी से मेंस की तैयारी में जुट जाएँ. अपनी तैयारी को और बेहतर बनाते हुए अपनी सफलता सुनिश्चित कीजिये. आज की इस हिंदी भाषा प्रश्नावली 16 सितम्बर 2019 में हम आपको अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्न प्रदान कर रहे हैं.   

निर्देश (1-10): नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। कुछ शब्दों को मोटे अक्षरों में मुद्रित किया गया है, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी। दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए। 
सर सैयद अहमद खां एक सुधारवादी नेता थे। वे जीवन भर-समाज सेवा में लगे रहे। इनका जन्म 17 अक्टूबर सन् 1917 ई. में दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। ये अपने पिता सैयद मुवक्की के साथ दरबार में जाया करते थे। इनका लालन-पालन इनके नाना के घर हुआ था। इनकी माताजी एक धर्मनिष्ठ तथा अनुशासन प्रिय महिला थीं वह सैयद को भी अनुशासित रखती थीं। अपनी माता से वह बहुत प्रभावित थे। अपने समय के प्रसिद्ध विद्वानों से इन्होंने फारसी, अरबी तथा गणित की शिक्षा प्राप्त की। यह उर्दू के मशहूर शायर गालिब के पास भी जाया करते थे। बड़े भाई की मुत्यु के बाद यह बड़े दुखी रहने लगे। दरबार से इन्होंने अपना संबंध तोड़ लिया और अंग्रेज सरकार की नौकरी को तैयार हो गए। उन्होंने कमिश्नर के दफ्तर में मुंशी की नौकरी की। फिर मुंसिफी की परीक्षा पास कर मैनपुरी में मुंसिफ के पद पर नियुक्त हुए। कुछ समय बाद यह वहां से चले आए। भाई की मृत्यु के कारण माता बहुत दुखी रहती थी। अतः यह उनके पास रहने लगे। इनकी नियुक्ति दिल्ली में अमीन पद पर हो गई। सन् 1857 के विद्रोह को इन्होंने बहुत करीब से देखा और “भारतीय विद्रोह के कारण” नामक पुस्तक की रचना की। इस पुस्तक में इन्होंने लिखा कि भारतीयों को कानून बनाने के कार्य से दूर रखना ही विद्रोह का मूल कारण है। इन्होंने सेना के प्रबंध में भी सुधार की माँग की। अंग्रेज सैयद अहमद खां के विचारों से बहुत प्रभावित हुए। 1869 में सैयद जी इंग्लैंड गए। वहां की शिक्षा, जीवन प्रणाली का निकट से अध्ययन किया। उनकी यह धारणा बनी कि अंग्रेजों की शिक्षा प्रणाली को अपनाकर ही भारत उन्नति कर सकता है। भारत के वायसराय लार्ड क्लिंटन ने एक सम्मेलन बुलाया जिसमें वह भारतीयों की विचारधारा से परिचित होना चाहते थे। उस सम्मेलन में केशवचंद जैन तथा स्वामी दयानंद सरस्वती के साथ सैयद अहमद खां भी थे। इन्हें वायसराय की विधान सभा का सदस्य बनाया गया। 1860 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भयानक अकाल पड़ा। कलेक्टर ने राहत कार्य इन्हें ही सौंपा। इस कार्य को इन्होंने बड़ी जिम्मेदारी से निभाया।

Q1. सर सैयद अहमद खां का लालन-पालन किसने किया था?
(a) नाना ने
(b) दादी ने
(c) चाचा ने
(d) मौसी ने
(e) इनमें से कोई नहीं
Q2. सर सैयद अहमद खां आजीवन क्या करते रहे?
(a) वकालत
(b) हकीमी
(c) व्यापार
(d) कविता
(e) समाज सेवा

Q3. सैयद मुवक्की का सर सैयद अहमद खां से क्या रिश्ता था?
(a) भाई
(b) ताऊ
(c) चाचा
(d) पिता
(e) इनमें से कोई नहीं  

Q4. सर सैयद अहमद खां पर किसका अधिक प्रभाव पडा था?
(a) पिता का
(b) माता का
(c) नानी का
(d) चाचा का
(e) इनमें से कोई नहीं  
Q5. फारसी, अरबी तथा गणित की शिक्षा सैयद अहमद खां को किसने दी थी?
(a) भाई ने
(b) माता ने
(c) उनके समय के मशहूर विद्वानों ने
(d) ताऊ ने
(e) इनमें से कोई नहीं

Q6. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द ‘भयानक’ का समानार्थी निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(a) दर्दनाक
(b) खौफनाक
(c) बाधक
(d) त्रासदिक
(e) इनमें से कोई नहीं  

Q7. सर सैयद अहमद ने इंग्लैड की शिक्षा प्रणाली का अध्ययन कहां किया था?
(a) दिल्ली में
(b) आगरा में
(c) दरबार में
(d) कलकत्ता में
(e) इनमें से कोई नहीं  

Q8. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द ‘प्रतिष्ठित’ का समानार्थी निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(a) आदरणीय
(b) प्रशंसित
(c) विख्यात
(d) सम्मानित
(e) ये सभी समानार्थी हैं

Q9. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द ‘उन्नति’ का समानार्थी निम्नलिखित में से कौन-सा नहीं है?
(a) उत्कृष्ट
(b) प्रगति
(c) तरक्की
(d) बढ़ती
(e) इनमें से कोई नहीं  

Q10. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द ‘कानून’ का समानार्थी निम्नलिखित में से कौन-सा नहीं है?
(a) विधि
(b) विधान
(c) नियम
(d) सिद्धान्त
(e) इनमें से कोई नहीं


निर्देश (11-15) : नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए. कुछ शब्दों को मोटे अक्षरों में मुद्रित किया गया है, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी. दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए. 

विधाता रचित इस सृष्टि का सिरमौर है मनुष्य. उसकी कारीगरी का सर्वोत्तम नमूना. इस मानव को ब्रह्माण्ड का लघु रूप मानकर भारतीय दार्शनिकों ने ‘यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे’ की कल्पना की थी. उनकी यह कल्पना मात्र कल्पना नहीं थी, प्रत्युत यथार्थ भी थी क्योंकि मानव-मन में जो विचारणा के रूप में घटित होता है, उसी का कृति रूप ही तो सृष्टि है. मन तो मन, मानव का शरीर भी अप्रतिम है. देखने में इससे भव्य, आकर्षक एवं लावण्यमय रूप सृष्टि में अन्यत्र कहाँ है. अद्भूत एवं अद्वितीय है मानव सौन्दर्य. साहित्यकारों ने इसके रूप सौन्दर्य के वर्णन के लिए कितने ही अप्रस्तुतों का विधान किया है और इस सौन्दर्य-राशि से सभी को आप्यायित करने के लिए उनके काव्यसृष्टियाँ रच डाली हैं.
साहित्यशास्त्रियों ने भी इसी मानव की भावनाओं का विवेचन करते हुए अनेक रसों का निरूपण किया है, परन्तु वैज्ञानिक दृष्टि से विचार किया जाए तो मानव शरीर को एक जटिल यंत्र से उपमित किया जा सकता है जिस प्रकार यंत्र के विभिन्न अवयवों में से यदि कोई एक अवयव भी बिगड़ जाता है तो उसका प्रभाव सारे शरीर पर पड़ता है. इतना ही नहीं, गुर्दे जैसे कोमल एवं नाजुक हिस्से के खराब हो जाने से यह गतिशील वपु-यंत्र एकाएक अवरूद्ध हो सकता है, व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है. एक अंग के विकृत होने पर सारा शरीर दण्डित हो, वह काल कवलित हो जाए-यह विचारणीय है. यदि किसी यंत्र के पुर्जे को बदलकर, उसके स्थान पर नया पुर्जा लगाकर यंत्र को पूर्ववत्-सुचारू एवं व्यवस्थित रूप से क्रियाशील बनाया जा सकता है तो शरीर के विकृत अंग के स्थान पर नव्य निरामय अंग लगाकर शरीर को स्वस्थ एवं सामान्य क्यों नहीं बनाया जा सकता? शल्य चिकित्सकों ने इस दायित्वपूर्ण चुनौती को स्वीकार किया तथा निरन्तर अध्यवसाय पूर्णसाधना के अनन्तर अंग-प्रत्यारोपण के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की. अंग प्रत्यारोपण का उद्देश्य है कि मनुष्य दीर्घायु प्राप्त कर सके. यहाँ यह ध्यातव्य है कि मानव-शरीर हर किसी के अंग को उसी प्रकार स्वीकार नहीं करता, जिस प्रकार हर किसी का रक्त उसे स्वीकार्य नहीं होता. रोगी को रक्त देने से पूर्व रक्त-वर्ग का परीक्षण अत्यावश्यक है, तो अंग-प्रत्यारोपण से पूर्व ऊत्तक-परीक्षण अनिवार्य है. आज का शल्य-चिकित्सक गुर्दे, यकृत, आँत, फेफडे़ और हृदय का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक कर रहा है. साधन- सम्पन्न चिकित्सालयों में मस्तिष्क के अतिरिक्त शरीर के प्रायः सभी अंगों का प्रत्यारोपण सम्भव हो गया है. 

Q11. मानव को सृष्टि का लघु रूप माना गया है, क्यांकि- 
(a) मन की शक्ति अपराजेय है 
(b) मानव-मन में जो घटित होता है, वही सृष्टि में घटित होता है
(c) मानव सृष्टि का सिरमौर है
(d) लघु मानव ही विधाता की सच्ची सृष्टि है
(e) इनमें से कोई नहीं 

Q12. शल्य-चिकित्सकों का मूल ध्येय है-  
(a) ऊतक-परीक्षण करना  
(b) साधन-सम्पन्न चिकित्सालयों को खोलना 
(c) शल्य-चिकित्सा द्वारा मानव को चिरायु प्रदान करना 
(d) अंग-प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अनुसंधान करना 
(e) इनमें से कोई नहीं 

Q13. शल्य-चिकित्सकों द्वारा स्वीकार की गई उत्तरदायित्वपूर्ण चुनौती थी- 
(a) मानव-शरीर को मृत्यु से बचाना 
(b) जीर्ण शरीर के स्थान पर स्वस्थ शरीर देना 
(c) शल्य-चिकित्सा का महत्त्व स्थापित करना 
(d) अंग-प्रत्यारोपण द्वारा शरीर को सामान्य बनाना 
(e) इनमें से कोई नहीं 

Q14. मानव-शरीर को यन्त्रवत् कहा गया है, क्योंकि- 
(a) अवयव रूपी पुर्जों के विकृत होने से शरीर यन्त्रवत् निष्क्रिय हो जाता है  
(b) मानव-शरीर विधाता की सृष्टि की अनुपम कृति है 
(c) मानव-शरीर दृढ़ माँसपेशियों और अवयवों से निर्मित है 
(d) मानव-शरीर यंत्र की भाँति लावण्यमय होता है 
(e) इनमें से कोई नहीं 

Q15. कवियों के मानव-सौन्दर्य के वर्णन-हेतू जिस सृष्टि का निर्माण किया है, उसकी संज्ञा है-  
(a) बिम्ब-सृष्टि 
(b) काव्य-सृष्टि 
(c) उपमान-सृष्टि 
(d) अविष्कारों की सृष्टि 
(e) इनमें से कोई नहीं 

उत्तर  


S1. Ans. (a) सर सैयद अहमद खां का लालन-पालन नाना ने किया था.
S2. Ans. (e) सर सैयद अहमद खां आजीवन समाज-सेवा करते रहे.
S3. Ans. (d) सैयद मुवक्की का सर सैयद अहमद खां से पिता का रिश्ता था. 
S4. Ans. (b) माता का प्रभाव सबसे अधिक था. 
S5. Ans. (c) उनके समय के मशहूर विद्वानों ने फारसी, अरबी तथा गणित की शिक्षा सैयद अहमद खां को दी.
S6. Ans. (b) खौफनाक
S7. Ans. (e) इनमें से कोई नहीं  
S8. Ans. (e)  ये सभी‘प्रतिष्ठित’के समानार्थी हैं
S9. Ans. (a) उत्कृष्ट शब्द का अर्थ उत्तम होता है. अत: यह ‘उन्नति’ का समानार्थी नहीं है. 
S10. Ans. (d)  सिद्धान्त, सबद कानून’ का समानार्थी नहीं है.
S11. Ans. (b) मानव-मन में जो घटित होता है, वही सृष्टि में घटित होता है
S12. Ans. (c) शल्य-चिकित्सा द्वारा मानव को चिरायु प्रदान करना
S13. Ans. (d) अंग-प्रत्यारोपण द्वारा शरीर को सामान्य बनाना
S14. Ans. (a) अवयव रूपी पुर्जों के विकृत होने से शरीर यन्त्रवत् निष्क्रिय हो जाता है
S15. Ans. (c) उपमान-सृष्टि




    इन्हें भी पढ़ें  :
  1.  IBPS RRB PO/Clerk | हिंदी भाषा प्रश्नावलियां 2019
  2. आईबीपीएस आरआरबी परीक्षा 2019 : हिंदी भाषा मुफ्त प्रैक्टिस सेट
  3. आईबीपीएस आरआरबी परीक्षा 2019 : हिंदी भाषा के स्टडी नोट्स
IBPS RRB PO/Clerk | हिंदी भाषा प्रश्नावली 16 सितम्बर 2019 | Latest Hindi Banking jobs_4.1