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India’s Second Moon Mission #चंद्रयान2

India’s Second Moon Mission #Chandrayaan2

भारत के लिए आज गर्व का दिन है, क्योंकि भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान 2 यानी कि बाहुबली रॉकेट सफलतापूर्वक उड़ान भरी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-2 को लॉन्च कर इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को लेकर ‘बाहुबली’ रॉकेट (GSLV MK-3) दोपहर 2.43 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ। रॉकेट ने चंद्रयान-2 को अंतरिक्ष की कक्षा में पहुंचा दिया है।   देश के करोड़ों लोगों के सपनों के साथ 3850 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 ने अपराह्न 14:43 बजे शानदार उड़ान भरी। इसके प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती 20 घंटे पहले रविवार शाम 18: 43 बजे शुरू हुई थी।  

  चंद्रयान 2 क्या है?  इसकी पूर्ण जानकारी-  

चंद्रयान 2 के मुख्य बिंदु :

  • तीन दिन पहले ही इसे प्रक्षेपित किये जाने की नई तिथि की घोषणा की गई थी. इसरो ने घोषणा की कि रविवार की शाम छह बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण के लिए 20 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई.
  • इसरो के अनुसार ‘चंद्रयान-2′ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा. 
  • इससे 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1′ का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और यह 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिन तक काम करता रहा.
  • इसरो ने इस मिशन के प्रक्षेपण की नई तिथि की घोषणा करते हुए 18 जुलाई को ट्वीट किया था, ‘बाहुबली’ कहा जाने वाला जीएसएलवी मार्क-… रॉकेट अब अरबों लोगों के सपने को ‘चंद्रयान-2′ के रूप में चंद्रमा पर ले जाने के लिए तैयार है.’
  • साथ ही उन्होंने कहा, ‘3,850 किलोग्राम वजनी ‘चंद्रयान-2′ का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई 2019 को अपराह्न दो बजकर 43 मिनट पर होगा. यह अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर ले जाएगा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा.’
  • इस मिशन के प्रक्षेपण की पूर्व संध्या पर इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया कि सभी तैयारियां हो गई हैं और गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है.
  • उन्होंने यहां आते समय चेन्नई हवाईअड्डे पर मीडिया से कहा, ‘15 जुलाई को सामने आई तकनीकी खामी को दूर कर लिया गया है. प्रक्षेपण यान अच्छी स्थिति में है… (प्रक्षेपण से पहले) का अभ्यास सफलतापूर्वक ढंग से पूरा किया गया है.’
  • इसरो प्रमुख ने कहा कि वैज्ञानिक चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चन्द्रयान-2 के लैंडर को उतारेंगे जहां अब तक कोई देश नहीं गया है.
क्या आप जानते हैं ?


चंद्रयान 2 मिशन की सफलता भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना देगा।

इसका उद्देश्य क्या है? हम चाँद पर क्यों जाना चाहते हैं? 

चंद्रयान-2 को बनाने में 978 करोड़ की लागत लगी है। ये पूरे तरीके से स्वदेशी तकनीक से निर्मित हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य चांद पर पानी की मात्रा का अध्ययन करना, चांद पर मौजूद खनिजों, रयासनों के बारे में पता करना, चांद के वातावरण का अध्ययन करना शामिल है। चंद्रयान-2  में कई प्रकार के कैमरे, रडार लगे हैं जिससे चांद के बारे में गहराई से अध्ययन हो सकेंगा। इसरो के वैज्ञानिक ने अंतरिक्ष और ब्रह्मांडीय निकायों के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाने, प्रौद्योगिकी की उन्नति को बढ़ावा देने, वैश्विक गठजोड़ को बढ़ावा देने और खोजकर्ताओं और वैज्ञानिकों की एक भावी पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए खोज की एक नई उम्र को प्रोत्साहित करने का यह प्रयास किया है।



महत्वपूर्ण और लघु तथ्य : 
What was the original date for Chandrayaan launch? It was scheduled to be lifted off on 15th July 2019
When it was aborted? It was stopped 56 minutes before the Lift-off
when Chandryaan-2 is launched now? It is lift-off on 22nd July
What is the time of launch? 2:43 PM
Weight of the rocket? 3.8 tonnes
Landing on? 7th September (near the south pole)
What is the time on the moon? 14 earth days
Mission life 1 year in lunar orbit
Lander name Vikram
Where it is launched from?  Satish Dhawan Space Center at Sriharikota
Note: चंद्रयान -1 , इसरो द्वारा अक्टूबर  22, 2008 को सबरीमाला से भेजा गया था. 

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