एक छात्र होने के नाते यह हमारे जीवन की बेहद बड़ी
विडम्बना है और साथ ही ताने सहना हमारा परम धर्म बन चूका है…..
पडोसी आकर हमसे
पूछते है कि बेटा क्या कर रहे हो?….
और यदि हम यह उत्तर दे…….:- हम सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है,
तो उनका मुंह ऐसा बन जाता है जैसे हमने उनके पैसे चुरा लिए
हो. साथ ही अलग-अलग प्रकार के ताने मार के हमारे दर्द का मर्म बड़ाने का
काम भी वह बखूबी करते है. समाज हमे छिन्न नज़रो से देखाता है और साथ में यदि किसी
रिश्तेदार के सुपुत्र की सरकारी नौकरी लग जाए तो अलग परेशानी है….. यह आज के
समय में हर विद्यार्थी की समस्या है.
यह ऐसी समस्या है जिनका सामना हर छात्र
को करना पड़ता है. कोई भी व्यक्ति आपकी समस्या, आपके संघर्ष या आपकी
प्रतिस्पर्धा के बारे में नहीं जानता, आप किस मानसिक तनाव से गुजर रहे है यह भी कोई
नहीं समझता और साथ ही यह चीज़े कहीं न कहीं आपके मनोबल को भी कमजोर करती है. और हमें
अपने पथ से भटकाती है…
है.
यदि कोई आपके मनोबल को शीर्ण होने से कोई बचा सकता है तो वह सिर्फ आप है.
यदि कोई आपके सपने को पूरा कर सकता है तो वह सिर्फ आप है.
आप जानते है कि यह
स्थिति हर छात्र की है. संघर्ष के दिनों में आपको संदेह कि निगाह से देखा जाता
है.
ताकत बनाएं. और अधिक कठिन परिश्रम करें, क्योकि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं
होता.आप कितनी भी मेहनत करें यह दुनिया आपको संदेह की निगाह से हमेशा देखेगी
ही. परन्तु अपने मन को शांत रखना आपका कार्य है. अपना परिश्रम इतनी
शांति से कीजिये कि जब आप सफल हो तो आपकी सफलता उन सभी लोगो को चुप करा दे जो आपकी
योग्यता पर प्रश्न उठा रहे थे.
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम ने कहा है.-
आती है, बल्कि यह हमारे छुपे हुए सामर्थ्य और
शक्तियों को बाहर निकालने में हमारी मदद करती है, कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो…
जीवन में कभी हार मत मानो….
Awesome
Perfect..
Thanku Bankersadda .. We love u for all the support and motivation..
Motivational
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नौकरी है नही और कोचिंग सैन्टर्स की भरमार है| भारत मे नही तो किसी ओर देश मे नौकरी मिल ही जाएगी लगे रहो
Theek kahaa
Thnku …BA
Best artical… Thanks ba
3 saal ho gye.abhi tak jaha the wahi hai.ek to ye reservation system eligible Ko chance nahi deta upar se exam level itna high Kr dia h ki average student akhir kare to kya kre
Yehi ho RHA h hmare sath bhi aajkal
Thanks..BA
Lack of available jobs and abundance of candidates preparing for them. This is creating conflict in the demand to supply ratio. Demand is very less and supply is very high. Here demand is job and supply is candidates.
Thankew ba…
Ek baat or.. bahut mata-pita ese v hote h jo unke bachhe padne me ache hote h use pasand karte h or jo unke bachhe padne me weak hote h use 2/4 persons ke beech bejat v karte h.(tum padne wala nhi h.. tmko koe nokar me v nhi rakhega..)
Meri samjh se -koe bachha achha hai , parents ki badolat.or koe bura/weak hsi wo v parents ki badolat.. ese tane dene par wo galat rasta choose kar leta h.
Ek baat or.. bahut mata-pita ese v hote h jo unke bachhe padne me ache hote h use pasand karte h or jo unke bachhe padne me weak hote h use 2/4 persons ke beech bejat v karte h.(tum padne wala nhi h.. tmko koe nokar me v nhi rakhega..)
Meri samjh se -koe bachha achha hai , parents ki badolat.or koe bura/weak hsi wo v parents ki badolat.. ese tane dene par wo galat rasta choose kar leta h.
Video se fyada logon tak pahunchane me kathinayi ho rhi hai
Ios ke liye bhi app launch kare
Thanks BA
Thanks BA
Mujhe 7 saal ho gaye .aap 3 saal mein ghabra rahe ho
Help ful
Best line