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IBPS PO 2016 के कॉल लेटर्स आउट, अब क्या?

प्रिय पाठकों,

IBPS ने PO/MT VI हेतु CWE की प्रारंभिक परीक्षा के लिए कॉल लेटर जारी कर दिए हैं. अब जबकि परीक्षाएं 16 अक्टूबर से शुरू होने वाली हैं, सभी अभ्यर्थियों के पास मात्र दो सप्ताह का समय ही शेष रह गया है.


क्या आप वास्तविकता का सामना करने के लिए तैयार हैं ? इन बचे 15 दिनों में अपने लिए सफलता के बीज अंकुरित करने के लिए आपको क्या करना चाहिए ?

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अब बिल्कुल भी रुकने का समय नहीं है, अब आपका प्रत्येक कदम आपके सपने को बना सकता है या बिगाड़ सकता है.

आप सभी निश्चित रूप से दिन प्रतिदिन IBPS PO की तैयारी में लगे हुए हैं और आप सबका एक ही उददेश्य है बैंकिंग क्षेत्र में पीओ की नौकरी पक्की करना, और हाल ही में सभी अभ्यर्थियों को इसकी प्रारंभिक परीक्षा के लिए कॉल लेटर भी जारी हो चुके हैं. अब यह समय आपके तथा चुनौती के बीच के समय को और भी स्पष्ट तथा कड़ा करता है. अब जबकि मात्र 15 दिन बचे हैं तो आपके लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप अपनी पूरी ऊर्जा और ध्यान परीक्षा की सफलता हेतु केन्द्रित करें. 
अब यह समय पेन के साथ किताबें रंगने का नहीं बल्कि स्मार्ट तरीके से अपनी कमजोरियों को अपने सबल पक्ष बनाने का है. अब  यह समझना बहुत जरूरी है कि कैसे इन 15 दिनों में आप अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.
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IBPS PO Prelims के लिए मात्र 15 दिन शेष ? इसका बेहतरीन इस्तेमाल कैसे ?
 अपने अंकों का विश्लेषण करें, अब सिर्फ अनेकों टेस्ट सीरीज हल करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उससे भी आगे बढ़कर सोचते हुए अपने अंकों का सही विश्लेषण करें. जी हाँ, यदि आप एक के बाद एक केवल टेस्ट सीरीज ही दिए जा रहे हैं और अपने परिणाम का विश्लेषण नहीं कर रहे हैं तो यह बेकार ही है. क्या आपने टेस्ट के बाद इस पर समय दिया है कि आप सिर्फ 61 अंक ही क्यूँ हासिल कर पा रहे हैं हैं 62 या उससे बेहतर क्यूँ नहीं ? आप निश्चित रूप से ऐसा करन चाहिए. आपको स्मार्ट लर्नर बनना होगा. प्रत्येक टेस्ट के बाद आपको स्वयं ही यह जांचना होगा कि आप किसी प्रश्न को सही हल क्यूँ नहीं कर पा रहे हैं या किसी प्रश्न विशेष पर आकर ही क्यूँ रुक जाते हैं ? टेस्ट सीरिज़ का एकमात्र उददेश्य वास्तविक परीक्षा का माहौल देना भर नहीं होता बल्कि इसका उददेश्य खुद को जांचने परखने में आपकी सहायता करना भी होता है. ताकि आप अपनी कमजोर पक्षों को जानकार उन्हें ठीक कर सकें.
 रियल टाइम में अभ्यास करें, जी हाँ यह बहुत जरुरी है. IBPS परीक्षा ऑनलाइन मोड में होती है तो फिर अभ्यास भी वैसा ही क्यूँ नहीं होना चाहिए ? अनेक विद्यार्थी अकसर ये शिकायतें करते हैं कि ऑनलाइन के मुकाबले ऑफलाइन मोड में उनके अंक बेहतर आते हैं. ऐसा क्यूँ है और इससे उबरने के लिए आपको क्या करना चाहिए ? इसका साधारण सा जवाब है कि रियल टाइम अर्थात ऑनलाइन अभ्यास करें.
ऑनलाइन टेस्ट सीरिज़ के अभ्यास से आप टेस्ट पैनल के अभ्यस्त हो जायेंगे और इस तरह आप टेस्ट देने से पहले ही वास्तविक परीक्षा का सामना कर सकेंगे जो परीक्षा में आपका आत्मविश्वास बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगा. 
 समय और विषय प्रबंधन सीखें, हमेशा याद रखें कि IBPS परीक्षा इसलिए नहीं है कि आप कितनी अधिक कठिन पज़ल या समस्या का हल कर सकते हैं बल्कि इसमें यह जांचा जाता है कि आप निश्चित समय सीमा में सही तरीके से प्रश्न का सही समाधान कर सकते हैं या नहीं. जी हाँ आपके पास 100 प्रश्नों के लिए मात्र 1 घंटा होता है और ऐसे में वहां आपको स्मार्ट चयन करना होता है. आपके पास प्रत्येक प्रश्न को 1 मिनट देने का भी समय नहीं है जिसका स्पष्ट अर्थ है कि आपको बेहद समझदारी भरा फैसला लेना होगा. यदि आप किसी एक प्रश्न को हल करने में सक्षम नहीं हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, बस ध्यान से सिर्फ इतना समझें कि आपको सभी प्रश्न हल करना जरूरी नहीं है.

यहाँ तककि यदि आप गणित में खुद को सहज पाते हैं और सामान्यतः द्विघात समीकरण के प्रश्न आसानी से हल कर लेते हैं लेकिन परीक्षा देते समय यदि आप उस विषय के किसी प्रश्न पर अटक जाएँ, तो समझदारी भरा फैसला यही होगा कि आप उस पर अपना समय व्यर्थ गंवाए बिना उसे छोड़कर आगे बढ़ जाएँ.

 प्रत्येक टेस्ट के बाद समाधान का विश्लेषण करें कि इसे कैसे हल किया गया है ?, यदि आप किसी प्रश्न को हल करने में सक्षम नहीं हैं तो उसे ऐसे ही न छोड़ें, हो सकता है कि उसे हल करने के प्रयास में आप समाधान का कोई बेहतर तरीका खोज निकालें. इसलिए टेस्ट के बाद अपना विश्लेषण अवश्य करें यह आपको अपना प्रदर्शन सुधारने और नए गुण विकसित करने का एक मूलमंत्र है.
 इन 15 दिनों में तर्कशक्ति, इंग्लिश और मात्रात्मक रूझान यानि Quantitative Aptitude के लिए एक योजना बनाएं और उस खंड पर ज्यादा अभ्यास करें जिस पर अन्य खण्डों की तुलना में आप अधिक कमजोर हैं. हमेशा याद रहे है कि आपको पूरे परीक्षा के साथ-साथ प्रत्येक खंड में भी कट-ऑफ अंक लाने हैं. अपने कमजोर पक्ष को मजबूत करें और परीक्षा के दौरान बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से प्रश्नों का चयन करें.
दोस्तों अब आपके पास एक योजना है… तो फिर शुरू हो जाइये…अपने सपने को हकीकत बनाने के लिए आपको विश्वास से भरा रहना होगा और अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा… 
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