Who Give Oath to President of India in Hindi: इतिहास में पहली बार देश में कोई आदिवासी महिला राष्ट्रपति पद के लिए चुनी गई हैं। द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गयी है। वह राम नाथ कोविंद का स्थान लेंगी। राष्ट्रपति रहे कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को ख़त्म हो गया है और द्रौपदी मुर्मू आज यानी 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। ऐसे में आपके मन में यह सवाल तो ज़रूर उठ रहा होगा कि आख़िरकार देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर बैठने वाले शख्स को शपथ कौन दिलाता है। आख़िरकार इस सर्वोच्च पद पर बैठने वाले व्यक्ति के पास कौन-कौन सी शक्तियां होती हैं। देश के संवैधानिक मुखिया के पास कौन-कौन सी सुविधाएं होती हैं। हम इस लेख में, ‘भारत के राष्ट्रपति के शपथ’ के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
भारत के राष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है (Who Give Oath to President of India)?
भारत के राष्ट्रपति को ‘चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया’ शपथ दिलाते हैं। चीफ जस्टिस की अनुपस्थिति में, सुप्रीम कोर्ट के ‘सीनियर मोस्ट जस्टिस’ शपथ दिला सकते हैं। संविधान के अनुच्छेद 60 में राष्ट्रपति को शपथ दिलाने को लेकर स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। उनकी नियुक्ति निर्वाचक मंडल की तरफ से की जाती है।
राष्ट्रपति चुनाव का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है (Presidential election is mentioned in which article)?
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 54 में है। इसके अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप में होता है। राष्ट्रपति के चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व एकल संक्रमणीय मत पद्धति से किया जाता है। राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है। भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष तरीके से वोटिंग से होता है। इसे ‘सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम’ कहते हैं। ‘सिंगल वोट’ यानी एक मतदाता एक ही वोट देता है। लेकिन इसमें वह कई उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकता के आधार पर वोट देता है। इसका अर्थ है कि वह बैलेट पेपर पर यह बताता है कि उसकी पहली पसंद कौन है, इसके साथ-साथ दूसरी व तीसरी पसंद कौन है।
भारत के राष्ट्रपतियों के इतिहास में 25 जुलाई की विशेष भूमिका क्यों है (Why July 25 holds special role in the history of India’s presidents)?
द्रौपदी मुर्मू, सन् 1977 के बाद से लगातार दसवीं राष्ट्रपति हैं, जिनका शपथ ग्रहण समारोह 25 जुलाई को किया गया। हालाँकि राष्ट्रपति कब शपथ लेगा इस बात को लेकर संविधान में किसी भी तरह का कोई उल्लेख नहीं है। दरअसल, सन् 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे। उन्होंने 25 जुलाई, 1977 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उसके बाद से ही यह परंपरा बन गई। उसके बाद से सभी राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेते हैं।
इसके अपवाद भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और उत्तराधिकारी सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन और फ़ख़रुद्दीन अली अहमद थे।
Latest Notifications:
Recent Posts: