केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 (Union Budget) प्रस्तुत करते हुए शहरी क्षेत्र की नीतियों, क्षमता सृजन, नियोजन, क्रियान्वयन, प्रशासन के बारे में सिफारिशें करने के लिए जाने-माने शहरी नियोजकों, शहरी अर्थशास्त्रियों तथा संस्थानों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का प्रस्ताव किया है, ताकि शहरी विकास में मूलभूत परिवर्तन लाया जा सकें।
क्यों जरुरी है शहरी विकास में मूलभूत परिवर्तन
- सीतारमण ने कहा कि शहरी नियोजन का सामान्य दृष्टिकोण जारी नहीं रखा जा सकता, क्योंकि भारत के @100 पर पहुंचने तक हमारी लगभग आधी आबादी शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगी।
- इसकी तैयारी के लिए व्यवस्थित शहरी विकास महत्वपूर्ण है।
- इससे देश की आर्थिक क्षमता का उपयोग किया जा सकेगा, जिसमें जनसांख्यिकीय लाभ के लिए आजीविका संबंधी अवसर भी आते हैं।
- इसके लिए एक ओर जहां हमें मेगा-सिटीज के पोषण की जरूरत है, आस-पास के क्षेत्रों को आर्थिक विकास के वर्तमान केन्द्रों के रूप में विकसित करने की आवश्यकता हैं वहीं दूसरी ओर हमें टायर-2 तथा टायर-3 शहरों में सुविधा प्रदान किए जाने की जरूरत है, जिससे कि इनको भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।