सफलता की परिभाषा केवल लक्ष्य प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह चुनौतियों का सामना करने, दृढ़ता बनाए रखने और आत्म-विश्वास से भरी यात्रा है। गौतम मिधा की कहानी, जो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में प्रोबेशनरी ऑफिसर बनने तक की है, सच्ची समर्पण और मेहनत का प्रमाण है.
गौतम, जो 2022 में स्नातक हुए, ने अपनी डिग्री पूरी करने के बाद तुरंत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि, वह IBPS PO रिज़र्व लिस्ट कट-ऑफ 2023 से केवल 0.09 अंकों से चूक गए, लेकिन उन्होंने इसे अपनी असफलता नहीं माना। इसके बजाय, उन्होंने इसे आत्मनिरीक्षण और प्रेरणा का एक मौका बनाया। आज, वह गर्व से SBI PO के रूप में चयनित उम्मीदवार के रूप में खड़े हैं और उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जो इस मुकाम को हासिल करने का सपना देखते हैं.
गौतम मिधा की सफलता की कहानी
गौतम की यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही, लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा। IBPS PO रिज़र्व लिस्ट कट-ऑफ से चूकने के बाद, जहां कई लोग हताश हो सकते थे, गौतम ने अपनी तैयारी को और भी मजबूत किया। उन्होंने अपनी कमजोरियों को पहचाना, अपने कौशल को निखारा, और पूरे मनोयोग से मेहनत की।
उनकी यह लगन रंग लाई, और उन्होंने SBI PO के रूप में जगह बनाई। इतना ही नहीं, गौतम ने IBPS PO इंटरव्यू, IBPS क्लर्क मेन्स, और SBI क्लर्क मेन्स भी पास किए, यह साबित करते हुए कि वह बैंकिंग परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं। गौतम अपनी सफलता का एक बड़ा हिस्सा Adda247 की टेस्ट सीरीज़ और इंटरव्यू प्रिपरेशन सत्रों को देते हैं, जिन्होंने उन्हें कठोर अभ्यास और आत्मविश्वास प्रदान किया।
गौतम की कहानी दृढ़ता और निरंतरता का एक चमकता उदाहरण है। शुरुआती असफलताओं के बावजूद, उन्होंने एक सख्त अध्ययन दिनचर्या बनाए रखी, अपनी गलतियों का विश्लेषण किया, और लगातार अपने प्रयास जारी रखे। उनका प्रक्रिया पर विश्वास और सीखने की निरंतर इच्छा ने अंततः उन्हें बैंकिंग क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पदों में से एक तक पहुंचाया।
जो उम्मीदवार इसी तरह की सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए गौतम यह सलाह देते हैं कि धैर्य, मॉक टेस्ट और आत्म-विश्वास सबसे महत्वपूर्ण हैं। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन के माध्यम से हर बाधा को पार किया जा सकता है।