गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है, जो कि हर वर्ष देश भर में 26 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन सन् 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था। इस साल 26 जनवरी 2022 को भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस या रिपब्लिक डे मनाने जा रहा है। इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है।
जानिये, गणतंत्र दिवस क्या है और ये क्यों मनाया जाता है?
Republic Day क्यों मनाया जाता है?
भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को अपनाया गया, जिसके तहत भारत देश को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया. इसलिए लिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
गणतंत्र दिवस मनाने की परंपरा किसने शुरू की थी?
देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था. इसके बाद से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है.
इस पर्व के उपलक्ष्य में हर वर्ष नई दिल्ली स्थित राजपथ पर भारतीय सेना द्वारा परेड का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय राष्ट्रपति के साथ ही कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहते हैं। कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस बार सभी व्यक्तियों के लिए नियम बनाए गए हैं जो कि इस प्रकार हैं-
नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड 2022 हेतु COVID-19 से संबंधित नियम (Rules related to Republic Day Parade)-
- जो व्यक्ति परेड में शामिल या उसे देखना चाहते हैं, उन्हें कोविड-19 से संबंधित किसी भी वैक्सीन की सभी डोज़ लगी होनी चाहिए। बिना प्रमाणपत्र के परेड स्थल तक आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को परेड स्थल पर आने की अनुमति नहीं है।
- सभी व्यक्तियों को कोविड-19 से संबंधित बेसिक नियमों को भी फॉलो करना है जैसे- मास्क लगाना, उचित दूरी बनाए रखना, आदि।
- परेड देखने के लिए सुबह 7 बजे से सीटिंग ब्लॉक खोल दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने आगंतुकों से समयानुसार आने की अपील की है जिससे कोविड-19 से जुड़े सभी नियमों को भलीभांति लागू किया जा सके।
- पार्किंग की व्यवस्था लिमिटेड है इसलिए सभी को राय दी गई है कि व्यक्ति या तो कारपूल का प्रयोग करें या फिर वे टैक्सी से आएँ।
- हर पार्किंग एरिया में रिमोट कंट्रोल्ड कार की चाभियों को जमा करने का उचित प्रबंध किया है।
गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व (Historical importance of republic day) –
- गणतंत्र दिवस की शुरुआत 26 जनवरी, 1950 से हुई थी जब सभी देशवासियों ने स्वतंत्र भारत को संविधान अंगीकृत किया था।
- 26 जनवरी को ही इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में भारत के लिए पूर्ण स्वराज का लक्ष्य घोषित किया था।
- यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों- गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस तथा गाँधी जयंती में से एक है।
- इस पर्व पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली स्थित लाल किले पर भारतीय ध्वज फहराया जाता है।
- इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में भारतीय सेना तथा राज्यों के द्वारा परेड का आयोजन किया जाता है जिसमें से सर्वश्रेष्ठ झांकी को पुरस्कार दिया जाता है।
- हर बार गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में किसी विदेशी व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप मेंआमंत्रित किया जाता है लेकिन कोविड-19 के प्रकोप के बीच इस बार किसी को आमंत्रित नहीं किया गया है। भारत इस बार उज़बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान तथा ताजिकिस्तान के नेताओं को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित करने वाला था।
- अंतिम बार 2020 में ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो का मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
- 2021 में यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था लेकिन अपने देश कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित कर दी थी।
- स्वतंत्र भारत के पहले गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी 1950, के अवसर पर इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो को आमंत्रित किया गया था।
- अभी तक सिर्फ तीन वर्षों, 1952, 1953 तथा 1966 में गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित नहीं की गई थी।
- 2018 में अब तक के सबसे ज्यादा, 10 मुख्य अतिथियों को एक साथ आमंत्रित किया गया था। ये सभी मुख्य अतिथि Association of Southeast Asian Nations (ASEAN) के सदस्य थे।
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