भारत सरकार, वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवाओं के विभाग ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के चौथे चरण के विलय के लिए प्रस्ताव दिया है. यह विलय ग्रामीण बैंकों की परिचालन लागत को कम करने, तकनीकी संसाधनों का बेहतर उपयोग करने, पूंजी आधार को सुदृढ़ करने और सेवा क्षेत्र का विस्तार करने के उद्देश्य से किया गया है. इस लेख में, हम बैंकिंग क्षेत्र में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों के लिए इस बदलाव के प्रभाव और चरण IV विलय के सिद्धांतों पर ध्यान देंगे।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का चौथा विलय चरण: मुख्य उद्देश्य
वर्ष 2020-21 तक, भारत सरकार ने विभिन्न चरणों में आरआरबी की संख्या को 196 से घटाकर 43 कर दिया है. अब “एक राज्य – एक RRB” के सिद्धांत पर आधारित इस नए चरण में RRBs की संख्या 43 से घटाकर 28 करने का प्रस्ताव है. इस विलय का उद्देश्य क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की लागत को कम करना और उनकी सेवाओं को अधिक उपयोगी और सुलभ बनाना है.