नाम: रेनु राठौड़
Discus id: Renu Shekhawat
योग्यता: एम.सी.ए.
पंजाब नेशनल बैंक में ibps क्लर्क 2016 के रूप में चयनित.
मेरी ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद मेरी शादी हो गयी थी. मैं अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी करने के लिए हॉस्टल और मेरे माता-पिता के घर में तीन साल तक रही. मैंने 2012 में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली थी. मैं हमेशा से नौकरी करना चाहती थी लेकिन मेरे ससुराल वालों ने कभी अनुमति नहीं दी .. फिर भगवान ने मुझे एक बच्चे के रूप में आशीर्वाद दिया. उसके बाद समान्य परिवार वाले मुद्दे शुरू हो गये. शुरुआत में मेरे पति ने मेरा समर्थन नहीं किया, लेकिन आत्म निर्भर बनने की इच्छा मेरे अंदर हमेशा जिंदा रही. आखिरकार मैंने अपने परिवार को मेरे नौकरी करने के लिए मना लिया. मैंने मार्च 2015 से मेरी तैयारी शुरू कर दी. मैंने लोकल कोचिंग क्लासेस से कोचिंग ली जहां से मुझे BankersAdda और SSCAdda के बारे में पता चला. मैंने इन दो वर्षों में कई परीक्षाएं दी और कई में बहुत कम अंको से पास ना कर सकी. मैं अपने परिवार की भी पूरी जिम्मेदारी उठाती थी और अपने बेटे की भी. आखिरकार मुझे अपनी कड़ी मेहनत का फल मिला.
परीक्षाओं की सूची:
SBI PO 2015: PRE में फ़ैल
iBPS PO 2015: 84(GK में से 75 अंक)
RRB OS1 2015:96(CUTमें से 109)
SSC CGL 2015: 340 अंक(क्लियर नहीं हुआ)
IBPS CLERK 2015: 140.5/200 (क्लियर नहीं हुआ)
IBPS RRB OA 2016: 129.5(चयन नहीं हुआ)
IBPS PO 2016: .6 से क्लियर नही हुआ ,39.30 अंक प्राप्त हुए(कट-ऑफ़ 39.90)
SSC CGL 2016: TIER2 क्लियर और TIER3 हाल ही में दिया है
IBPS CLERK 2016: चयनित( 97.56 अंक प्राप्त हुए) PNB में
मैं हमेशा से GK में कमजोर थी इसलिए मैंने BankersAdda और SSCAdda से अपनी तैयारी शुरू कर दी. इनसे मुझे काफी मदद मिली. मैं हमेशा adda247 पर क्विज़ हल करती थी.
इससे मेरी गति बढ़ गयी थी. मैं गणित और तार्किक क्षमता में अच्छी हूँ इसलिए मैं bankersdada और sscadda के क्विज़ का अभ्यास करती थी और यह मेरे लिए काफी था.
इससे मेरी गति बढ़ गयी थी. मैं गणित और तार्किक क्षमता में अच्छी हूँ इसलिए मैं bankersdada और sscadda के क्विज़ का अभ्यास करती थी और यह मेरे लिए काफी था.
मैं अगर एक आम राजपुत परिवार में रहकर भी थोडा बहुत कुछ कर पायी हूँ तो आप लोग तो निश्चित तौर पर कर सकते हो.मेरा पढने के लिए लिए रोज 4-5 घंटे का समय निकालना भी मुश्किल हो जाता था. लेकिन में हमेशा अपनी कोशिश करती रहती थी. और मेरे बेटे और मेरे परिवार को मुझ पर बेहद गर्व है,मैं अपने पैत्रिक और मेरे पति के परिवार की पहली महिला हूं जो सभी बाधाओं के बावजूद सरकारी नौकरी के लिए चुनी गयी है.
मेरे पास आपके लिए कोई रणनीति तो नहीं है लेकिन मैं केवल यह सुझाव दे सकती हूँ कि एक दिन आपको सही गेंद मिलेगी जिस पर आप सही शॉट खेलेंगे.
आप सभी को शुभकामनाए. धीरज रखिये और भगवान पर विश्वास करिये
” जब कोशिशों के पैर चलते चलते थक जाएँगे
तब होसलों के पंखों से मंजिलो को पाएंगे”
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