‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ | Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan
कोरोना महामारी की सबसे बुरी मार देश के गरीबों पर पड़ी है. लाखों मजदूर बेरोजगार हो गये, उनका काम छिन गया, यहाँ तक कि वे अपनी दो वक्त की रोटी के लिए भी मजबूर हो गये हैं. देश भर में प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
ऐसे में अब सरकार की ओर से कोरोना संकट में प्रवासी मजदूरों के लिए एक बड़ी योजना को तैयार किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ की शुरुआत करेंगे. यह अभियान 6 राज्यों के 116 जिलों में चलाया जाएगा, जिसके माध्यम से प्रवासी मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार दिलाए जाने में सहायता की जायेगी. इस ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के दौरान लॉकडाउन में अपने राज्यों और गांव वापस लौटने वाले लाखों लोगों के रोजगार और पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए इसकी रूपरेखा तैयार की गयी है. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी जानकारी ट्वीट के ज़रिये दी गयी है.
इससे पहले ही प्रधानमंत्री ने lockdown के चलते धीमी पड़ी देश की अर्थव्यवस्था के कारण प्रभावित होने वाले छोटे उद्योगों, मजदूरों, प्रवासी श्रमिकों, पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे व्यापारियों, किसानों की मदद के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. जो भारत की GDP का लगभग 10 प्रतिशत बताया गया. भारत की प्रगति के लिए आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास जरुरी है और इसी लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान की पहल की गई. Atmanirbhar Bharat Abhiyan के तहत ही 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई. इसके आलावा, सरकार ने कमजोर वर्ग को राहत देने के लिये 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, और इस पैकेज में गरीबों को मुफ्त अनाज, और महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों तथा अन्य को नकद सहायता की बात कही गयी.
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