योग एक 5000 वर्षीय शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति हमारे देश में हुई है.
“योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है.यह मन और शरीर;सोचऔर क्रिया;संयम और पूर्ति;मनुष्य और प्रकृति के बीच सद्भाव;स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की एकता का एक प्रतीक है.यह व्यायाम के विषय में नहीं है, लेकिन यह आपकी एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति को ज्ञात करने के लिए है “
“योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है.यह मन और शरीर;सोचऔर क्रिया;संयम और पूर्ति;मनुष्य और प्रकृति के बीच सद्भाव;स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की एकता का एक प्रतीक है.यह व्यायाम के विषय में नहीं है, लेकिन यह आपकी एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति को ज्ञात करने के लिए है “
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, सामान्यतः योग दिवस के रूप में जाना जाता है,यह वर्ष 2015 में अपनी स्थापना के बाद से प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है. योग स्वयं एक बहुत पुरानी प्रथा है जिसका अनुसरण भारत में बहुत ही प्राचीन काल से किया जाता है. इसकी उत्पत्ति भगवान शिव के पदचिह्न से है, जिन्हें आदि योगी (सबसे पहले गुरु) भी कहा जाता है और यह दुनिया के सभी योगियों के शिक्षक के रूप में भी जाने जाते है.
सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान हमारे प्रधान मंत्री ने पहली बार योग दिवस को 21 जून को मानाने का प्रस्ताव रखा था.21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन भी है.इस दिन को ग्रीष्मकालीन संक्रांति के रूप में जाना जाता है और योग के परिप्रेक्ष्य से इसका विशेष महत्व होता है.ग्रीष्मकालीन संक्रांति को दक्षिणाया संक्र्रांति के रूप में जाना जाता है.यह संक्र्रांति योग अभ्यासकों के लिए सहायक मानी जाती है क्योंकि इसे दक्षिणायन में आध्यात्मिक प्रथाओं के लिए प्राकृतिक समर्थन की अवधि माना जाता है. आज लखनऊ में रामभाई अम्बेडकर सभा स्थली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और योग सभा में सम्मलित करीब 51,000 लोगों के साथ का योग किया.
21 जून को विश्व संगीत दिवस भी मनाया जाता है. Fete de la Musique या विश्व संगीत दिवस 2017 भी आज, 21 जून को मनाया जाता है, 1982 में फ्रांस द्वारा ग्रीष्म संक्रांति की शुरुआत के रूप में, विश्व संगीत दिवस को भारत सहित दुनिया भर के 120 से अधिक देशों द्वारा अपनाया गया है.
सफलता की इस दौड़ में, छात्रों और आकांक्षीयों पर हमारी सोच से अधिक दबाव है और वास्तविक में कट-ऑफ अंक इसमें कोई मदद नहीं करते हैं.ऐसी स्थिति में कोई केवल यह सुनिश्चित करने की आशा कर सकता है कि वे अपने दिमाग और शरीर को स्वस्थ रखें ताकि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हो सके.योग आपके मन को शांत करने और स्थिर रहने के लिए एक प्रभावी सहायक सिद्ध हो सकता है, योग न केवल एकाग्रता के निर्माण में मदद करता है बल्कि यह चिंता या तनाव को भी कम करता है.आप आध्यात्मिक रूप से, मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए दिन में केवल 15-20 मिनट योग शुरू कर सकते हैं.
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