विषय: अपठित गद्यांश
निर्देश–(1-10) नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। कुछ शब्दों को मोटे अक्षरों में मुद्रित किया गया है, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी। गद्यांश के अनुसार, दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए।
आजकल अवसाद की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। 17 प्रतिशत से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं, जिनमें युवाओं की संख्या सर्वाधिक है। अगर आपका मन किसी काम में नहीं लग रहा, आप लोगों से कटे-कटे से रहने लगे हैं, थकान, आलस और उदासी ने आपको घेर रखा है तो हो सकता है कि आप डिप्रेशन यानी अवसाद के शिकार हो गए हों। महानगरों में यह समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। आमतौर पर यह बीमारी 13 सें 35 वर्ष की उम्र में अधिक देखने को मिल रही है। हमारे देश में ही नहीं, विश्वभर में अवसादग्रस्त लोगों की बढ़ती संख्या के कारण ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अवसाद यानी डिप्रेशन को डिप्रेशन ऑफ ग्लोबल क्राइसिस की संज्ञा दी है। जब मस्तिष्क को पूरा आराम नहीं मिल पाता और उस पर हमेशा एक दबाव बना रहता है तो समझिए कि तनाव ने आपको अपनी चपेट में ले लिया है। तनाव को 20वीं सदी के सिंड्रोम की संज्ञा दी जाती है। डॉक्टरी भाषा में तनाव यानी शरीर के होमियोस्टैसिस में गड़बड़ी। यह वह अवस्था है, जो किसी व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक कार्यप्रणाली को गड़बड़ा देती है। तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। लगातार तनाव की स्थिति अवसाद में बदल जाती है। अवसाद एक गंभीर स्थिति है। हालांकि यह कोई रोग नहीं है, बल्कि इस बात का संकेत है कि आपका शरीर और जीवन असंतुलित हो गया है। यह याद रखना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब आप अवसाद को एक बीमारी के रूप में देखना प्रारंभ करते हैं, तब आप सोचते हैं कि आपको दवा लेने की आवश्यकता है। किसी बीमारी या भावनात्मक आघात के कारण दो सप्ताह तक अवसाद में रहना सामान्य बात है। इन समस्याओं से उबरने के बाद अवसाद के लक्षण अपने आप ही कम होने लगते हैं और व्यक्ति सहज अनुभव करने लगता है। अगर दो सप्ताह के बाद भी लक्षण बढते रहें तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। दुख, उत्तेजना, क्रोध, मूड स्विंग, असहाय अनुभव करना, नकारात्मक सोच, अकेलापन महसूस करना अवसाद के भावनात्मक लक्षण हो सकते हैं। अत्यधिक थकान, ऊर्जा की कमी, अत्यधिक सोना या कम सो पाना, भूख अधिक या कम लगना, अपच, अनियमित मासिक चक्र, दर्द आदि अवसाद के शारीरिक लक्षण हैं।
अवसाद के कारण- इंडियन साइकाइट्रिक सोसायटी के अनुसार अवसाद के दो कारण हो सकते हैं, जैविक और अजैविक। यदि अवसाद की वजह जैविक है तो उसका उपचार दवा के द्वारा करने की जरूरत होती है, पर अजैविक कारणों से हुए अवसाद को काउंसलिंग, योग और ध्यान के जरिए दूर किया जाता है। अवसाद के कुछ अन्य कारण- भावनात्मक समस्याएं, हार्मोन परिवर्तन, विशेषकर गर्भावस्था और मेनोपॉज के बाद आनुवंशिक कारण, मोटापा, जीवन से मिले नकारात्मक अनुभव, कठिनाइयों और अभावों में बिता बचपन, ट्रॉमा या गंभीर नुकसान, विशेष रूप से जीवन के शुरुआती दिनों में, दवाइयों के दुष्प्रभाव, अल्कोहल या ड्रग्स का सेवन, अवसाद के उपचार के लिए दवा जितनी कारगर होती है, उससे अधिक कारगर मनोवैज्ञानिक उपचार होते हैं, लेकिन दोनों का ही अपना-अपना महत्व है। गहरे अवसाद से पीडित लोगों में आत्महत्या की भावना आने लगती है। उन्हें लगता है कि यही एक रास्ता है, जिससे उन्हें उनकी सारी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। भारत में प्रतिदिन करीब 95-100 लोग आत्महत्या करते हैं, जिनमें 40 प्रतिशत युवा होते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो के अनुसार युवा लोगों में आत्महत्या मृत्यु की सबसे बड़ी वजह है और आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह है डिप्रेशन अर्थात अवसाद।
अवसाद से बचने के लिए संतुलित भोजन खाएं अर्थात ताजे फल, सब्जियों, साबुत अनाज व स्वस्थ वसा मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। दिन में तीन बार अधिक भोजन खाने की बजाए 5 या 6 बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा खाएं। इससे रक्त में शर्करा का स्तर कम नहीं होता। मस्तिष्क का उपयोग करें अर्थात – मानसिक व्यायाम मस्तिष्क की नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद कर उनका पैनापन बढ़ाता है। नई चीजें सीखें। सुडोकू, क्रॉस वर्ड अच्छे व्यायाम हैं। नियमित रूप से व्यायाम करें अर्थात मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए प्रतिदिन कम-से-कम 30 मिनट का व्यायाम जरूर करें। आप जितने अधिक फिट होंगे, शरीर में फील गुड हार्मोन एंडोरफिन का स्तर उतना अधिक बेहतर रहेगा। तनाव न लें, लगातार तनाव की स्थिति मस्तिष्क की कोशिकाओं और हिप्पो कैम्पस को नष्ट कर देगी। हिप्पो कैम्पस मस्तिष्क का वह क्षेत्र है, जो नई यादों को बनाने और पुरानी यादों को संजोए रखने का काम करता है। ध्यान करें -वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि अवसाद, उत्तेजना, अनिद्रा की समस्या में राहत दिलाने में ध्यान बहुत उपयोगी है। खूब आराम करें।
Q1. अवसाद की समस्या आमतौर पर किस उम्र में अधिक देखने को मिलती है?
(a) 60 से 70
(b) 40 से 50
(c) 13 से 35
(d) 55 से 60
(e) इनमें से कोई नहीं
Q2. किस संगठन ने अवसाद यानी डिप्रेशन को डिप्रेशन ऑफ ग्लोबल क्राइसिस की संज्ञा दी है?
(a) यूरोपीय ऊर्जा आयोग
(b) विश्व स्वास्थ्य संगठन
(c) अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ
(d) एमनेस्टी इंटरनेशनल
(e) इनमें से कोई नहीं
Q3. डॉक्टरी भाषा में तनाव की क्या परिभषा है?
(a) मस्तिष्क में सूजन
(b) आँखों की रोशनी कम होना
(c) साँस लेने में तकलीफ होना
(d) शरीर के होमियोस्टैसिस में गड़बड़ी
(e) इनमें से कोई नहीं
Q4. तनाव के कारण शरीर में कौन से दो प्रमुख हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है?
(a) एड्रीनलीन और कार्टिसोल
(b) थायराइड हार्मोन और इंसुलिन
(c)एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन
(d) प्रोलैक्टिन और टेस्टोस्टेरोन
(e) इनमें से कोई नहीं
Q5. निम्नलिखित में से कौन से लक्षण अवसाद के भावात्मक लक्षण हो सकते हैं?
(a) मूड स्विंग, असहाय अनुभव करना, नकारात्मक सोच
(b) अत्यधिक थकान, ऊर्जा की कमी
(c) अत्यधिक सोना या कम सो पाना, भूख अधिक या कम लगना
(d) अपच, अनियमित मासिक चक्र, दर्द
(e) इनमें से कोई नहीं
Q6. अजैविक कारणों से हुए अवसाद का उपचार किस प्रकार किया जा सकता है?
(a) दवा के द्वारा
(b) योग और ध्यान के द्वारा
(c) असंतुलित आहार के द्वारा
(d) प्रोटीन युक्त भोजन के द्वारा
(e) इनमें से कोई नहीं
Q7. भारत में प्रतिदिन करीब 95-100 लोग आत्महत्या करते हैं, उसमें कितने प्रतिशत युवा होते हैं?
(a) 70 प्रतिशत
(b) 55 प्रतिशत
(c) 65 प्रतिशत
(d) 40 प्रतिशत
(e) इनमें से कोई नहीं
Q8. शारिरिक रुप से स्वस्थ रहने से शरीरी में कौन से हार्मोन का स्तर अधिक बेहतर रहता है?
(a) सेरोटोनिन
(b) फील गुड हार्मोन एंडोरफिन
(c) कोर्टिसोल
(d) वृद्धि हार्मोन
(e) इनमें से कोई नहीं
Q9. तनाव की स्थिति मस्तिष्क को किस प्रकार हानि पहुंचाती है?
(a) मस्तिष्क में सूजन पैदा कर देती है
(b) मस्तिष्क में मेरुरज्जु को हानि पहुंचाती है
(c) कोशिकाओं और हिप्पो कैम्पस को नष्ट कर देती है।
(d) इनमें से कोई नहीं।
(e) इनमें से कोई नहीं
Q10.मस्तिष्क का कौन सा क्षेत्र नई यादों को बनाने और पुरानी यादों को संजोए रखने का कार्य करता है?
(a) मेडुला
(b) पोन्स
(c) हिप्पो कैम्पस
(d) डाइएनसीफेलॉन
(e) इनमें से कोई नहीं
हल:
S1. Ans. (c)
Sol. अवसाद की समस्या आमतौर पर13 से 35 उम्र में अधिक देखने को मिलती है।
S2. Ans. (b)
Sol. विश्व स्वास्थ्य संगठन अवसाद यानी डिप्रेशन को डिप्रेशन ऑफ ग्लोबल क्राइसिस की संज्ञा दी है।
S3. Ans. (d)
Sol. डॉक्टरी भाषा में तनाव शरीर के होमियोस्टैसिस में गड़बड़ी है।
S4. Ans. (a)
Sol. तनव के कारण शरीर में एड्रीनलीन और कार्टिसोल इन दो प्रमुख हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है।
S5. Ans. (a)
Sol. मूड स्विंग, असहाय अनुभव करना, नकारात्मक सोच आदि लक्षण अवसाद के भावात्मक लक्षण हो सकते हैं।
S6. Ans. (b)
Sol. अजैविक कारणों से हुए अवसाद का उपचार योग और ध्यान के द्वारा किया जा सकता है।
S7. Ans. (d)
Sol. भारत में प्रतिदिन करीब 95-100 लोग आत्महत्या करते हैं, उसमें 40 प्रतिशत प्रतिशत युवा होते हैं।
S8. Ans. (b)
Sol. शारिरिक रुप से स्वस्थ रहने से शरीरी में फील गुड हार्मोन एंडोरफिन हार्मोन का स्तर अधिक बेहतर रहता है।
S9. Ans. (c)
Sol. तनाव की स्थिति मस्तिष्क की कोशिकाओं और हिप्पो कैम्पस को नष्ट कर देती है।
S10. Ans. (c)
Sol. मस्तिष्क का हिप्पो कैम्पस क्षेत्र नई यादों को बनाने और पुरानी यादों को संजोए रखने का कार्य करता है।