IBPS अब करेगा आधार प्रमाणीकरण से परीक्षार्थियों की पहचान सत्यापित, पहचान धोखाधड़ी पर लगेगा विराम
वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के अधीन वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने IBPS (Institute of Banking Personnel Selection) को एक बड़ा अधिकार प्रदान किया है। अब IBPS बैंक भर्ती परीक्षाओं में उम्मीदवारों की पहचान सत्यापन के लिए आधार आधारित प्रमाणीकरण का उपयोग कर सकेगा। इसमें Yes/No वैलिडेशन और e-KYC जैसे माध्यम शामिल होंगे।
इस कदम का उद्देश्य है — ईमानदार और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया को बढ़ावा देना, साथ ही इंपर्सोनेशन (दूसरे की जगह परीक्षा देना) जैसे मामलों पर सख्ती से रोक लगाना।
आधार प्रमाणीकरण क्यों है जरूरी?
सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में आज सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है — पहचान धोखाधड़ी और नकल। बहुत बार देखा गया है कि वास्तविक उम्मीदवार की जगह कोई और परीक्षा देता है।
अब आधार प्रमाणीकरण से यह सुनिश्चित होगा कि जो व्यक्ति रजिस्टर कर रहा है, वही परीक्षा में भी शामिल हो रहा है।
पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट 2024 के तहत मिली नई पहचान
IBPS को अब Public Examination Authority की मान्यता दी गई है, जो Public Examination (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 के अंतर्गत आता है। इस कानून का उद्देश्य है सरकारी परीक्षाओं में अनुचित तरीकों, नकल और फर्जीवाड़े को रोकना।
आधार से सत्यापन कैसे करेगा मदद?
- Yes/No Authentication: बिना किसी पर्सनल जानकारी के सिर्फ पुष्टि कि व्यक्ति वैध है या नहीं
- e-KYC: बायोमेट्रिक या OTP आधारित पहचान सत्यापन
- डेटा की गोपनीयता सुरक्षित: कोई निजी जानकारी साझा नहीं की जाएगी
- तेज़ और सुरक्षित प्रोसेसिंग: फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा हॉल तक सुगमता
IBPS में आधार प्रमाणीकरण: वैकल्पिक है, अनिवार्य नहीं
यह जानना जरूरी है कि आधार प्रमाणीकरण वैकल्पिक (Voluntary) है, यानी यदि कोई उम्मीदवार आधार प्रमाणीकरण नहीं कराना चाहता है, तो वह अन्य वैध पहचान दस्तावेजों से प्रक्रिया में भाग ले सकता है।
IBPS द्वारा आधार प्रमाणीकरण का उपयोग एक क्रांतिकारी कदम है जो बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता, सुरक्षा और निष्पक्षता को और मजबूत करेगा। यह पहल सरकारी परीक्षाओं को धोखाधड़ी से मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा सुधार है। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे इस प्रक्रिया को समझें और अपनी पहचान संबंधित दस्तावेज़ों को पहले से तैयार रखें।