प्रिय पाठकों,
25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी के पास चार दशकों से लंबे समय तक चलने वाला संसदीय अनुभव है. वे पहली बार 1957 में संसद में चुने गए थे और 2004 तक संसद के एक सक्रिय सदस्य बने रहे.उन्होंने लखनऊ से पांचवीं बार चयनित होकर रिकॉर्ड बनाया था. वे 5वीं, 6वीं और 7वीं लोकसभा और फिर 10वीं, 11वीं, 12वीं और 13वीं लोकसभा और 1962 और 1986 में राज्य सभा के लिए चुने गए. वे अलग-अलग समय में चार अलग-अलग राज्यों-उत्तर प्रदेश, गुजरात , एमपी और दिल्ली से निर्वाचित हुए एकमात्र संसद सदस्य हैं.
पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर 25 दिसंबर को Good Governance Day या ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. सुशासन दिवस को सरकार में जवाबदेही के लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए श्री वाजपेयी को सम्मानित करने हेतु 2014 में स्थापित किया गया था. श्री अटल बिहारी वाजपेयी 19 मार्च 1998 से लेकर 22 मई 2004 तक भारत के प्रधान मंत्री रहे हैं. वे 1996 में कम समय के लिए प्रधान मंत्री भी रह चुके हैं. 2015 में श्री वाजपेयी को भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने इस दिन को प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की नींव के रूप में मनाया और प्रधान मंत्री वाजपेयी द्वारा 2000 में ग्रामीण सड़क योजनाओं के शुभारंभ के 15 साल पूरा होने पर इसका उत्सव मनाया.ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बिरेंदर सिंह ने इस योजना के तहत बनाई गई उत्तम ग्रामीण सड़कों का संग्रह, साथ ही बुकलेट, और 25 दिसंबर को इस योजना के 15 साल पूर्ण होने का जश्न मनाने हेतु एक दस्तावेज जारी किया.
ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने इस दिन को प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की नींव के रूप में मनाया और प्रधान मंत्री वाजपेयी द्वारा 2000 में ग्रामीण सड़क योजनाओं के शुभारंभ के 15 साल पूरा होने पर इसका उत्सव मनाया.ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बिरेंदर सिंह ने इस योजना के तहत बनाई गई उत्तम ग्रामीण सड़कों का संग्रह, साथ ही बुकलेट, और 25 दिसंबर को इस योजना के 15 साल पूर्ण होने का जश्न मनाने हेतु एक दस्तावेज जारी किया.
इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, सुशासन दिवस को सरकार के लिए एक कार्यदिवस घोषित किया गया है.
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है:
1. पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन का निर्माण
2. आम आदमी के कल्याण को सुनिश्चित करना
3. सुशासन के लिए अच्छी और प्रभावी नीतियां बनाना
4. लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदान करना
2. आम आदमी के कल्याण को सुनिश्चित करना
3. सुशासन के लिए अच्छी और प्रभावी नीतियां बनाना
4. लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदान करना
श्री वाजपेयी का राजनीतिक कैरियर –
25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी के पास चार दशकों से लंबे समय तक चलने वाला संसदीय अनुभव है. वे पहली बार 1957 में संसद में चुने गए थे और 2004 तक संसद के एक सक्रिय सदस्य बने रहे.उन्होंने लखनऊ से पांचवीं बार चयनित होकर रिकॉर्ड बनाया था. वे 5वीं, 6वीं और 7वीं लोकसभा और फिर 10वीं, 11वीं, 12वीं और 13वीं लोकसभा और 1962 और 1986 में राज्य सभा के लिए चुने गए. वे अलग-अलग समय में चार अलग-अलग राज्यों-उत्तर प्रदेश, गुजरात , एमपी और दिल्ली से निर्वाचित हुए एकमात्र संसद सदस्य हैं.
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