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Enforcement Directorate (ED): प्रवर्तन निदेशालय क्या है, जानें इसके कार्य, शक्ति और यह कैसे काम करता है

ख़बरों में : 

  • प्रवर्तन निदेशालय या ईडी आज कल काफी चर्चा में क्योंकि आए किसी न किसी नेता या बिज़नेसमेस के घर-ऑफिस पर ईडी छापे मारी कर रही हैं. सबसे ताजा चर्चित मामला झारखण्ड के मुख्यमंत्री (पूर्व) हेमंत सोरन का है. अक्सर आप परीक्षाओं में भारत के सभी महत्वपूर्ण संगठन से जुड़े प्रश्नों को देख सकते है जैसे उनकी स्थापना, निदेशक आदि.

प्रवर्तन निदेशालय क्या है? (What is Enforcement Directorate?)

  • प्रवर्तन निदेशालय या ईडी एक बहुअनुशासनिक संगठन है जो आर्थिक अपराधों (Money Laundering) और विदेशी मुद्रा क़ानूनों के उल्लंघन की जांच के लिए भारत सरकार द्वारा बनाया गया है।
  • इस निदेशालय की स्थापना 01 मई, 1956 को आर्थिक कार्य विभाग के नियंत्रण में एक प्रवर्तन इकाई के रूप में हुई थी, साल 1957 में इस इकाई का नाम बदलकर ‘प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate)’ कर दिया गया था। ये भारत सरकार की एक आर्थिक ख़ुफ़िया एजेंसी की तरह काम करता है।

निदेशालय के सांविधिक कार्यों में पांच अधिनियमों का प्रवर्तन शामिल है जो हैं:

  • धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) (Prevention of Money Laundering Act, 2002 (PMLA)
  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम,1999 (फेमा) (The Foreign Exchange Management Act, 1999 (FEMA))
  • भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (एफ.ई.ओ.ए) (The Fugitive Economic Offenders Act, 2018 (FEOA))
  • निरस्त विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 (फेरा) (The Foreign Exchange Regulation Act, 1973 (FERA))
  • विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी निवारण अधिनियम, 1974 (Conservation of Foreign Exchange and Prevention of Smuggling Activities Act, 1974 (COFEPOSA))
  1. धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) (Prevention of Money Laundering Act, 2002 (PMLA)

  • यह एक आपराधिक क़ानून है जिसे धन शोधन को रोकने के लिए और धन शोधन से प्राप्त या इसमें शामिल संपत्ति की जब्ती का प्रावधान करने के लिए तथा उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए अधिनियमित किया गया है। प्रवर्तन-निदेशालय को अपराध की आय से प्राप्त संपत्ति का पता लगाने हेतु अन्वेषण करने, संपत्ति को अस्थायी रूप से संलग्न करने और अपराधियों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने और विशेष अदालत द्वारा संपत्ति की जब्ती सुनिश्चित करवाते हुए पीएमएलए के प्रावधानों के प्रवर्तन की जिम्मेदारी दी गई है।

2. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम,1999 (फेमा) (The Foreign Exchange Management Act, 1999 (FEMA))

  • यह एक नागरिक कानून है जो विदेशी व्यापार और भुगतान की सुविधा से संबंधित क़ानूनों को समेकित और संशोधित करने और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को बढ़ावा देने के लिए अधिनियमित किया गया है। प्रवर्तननिदेशालय को विदेशी मुद्रा कानूनों और विनियमों के संदिग्ध उल्लंघनों के अन्वेषण करने,कानून का उल्लंघन करने वालों को न्यायनिर्णित करने और उन पर जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।

3. भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (एफ.ई.ओ.ए) (The Fugitive Economic Offenders Act, 2018 (FEOA))

  • यह क़ानून आर्थिक अपराधियों को भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर भागकर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने से रोकने के लिए बनाया गया था। यह एक ऐसा कानून है जिसके तहत निदेशालय को ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधी,जो गिरफ्तारी से बचते हुए भारत से बाहर भाग गए हैं,उनकी संपत्तियों को कुर्क करने के लिए तथा उनकी संपत्तियों को केंद्र सरकार से संलग्न करने का प्रावधान करने हेतु अधिदेशित किया गया है।

4. निरस्त विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 (The Foreign Exchange Regulation Act, 1973 (FERA))

  • इस क़ानून को भारत में विदेशी भुगतानों पर नियंत्रण लगाने और विदेशी मुद्रा का सदुपयोग करने के लिया बनाया गया था। यह वर्तमान में लागू नहीं है पर अधिनियम के तहत 31.05.2002 तक जारी कारण बताओ नोटिस का उल्लंघन होने पर ईडी कार्रवाई करता है।

5. विदेशी मुद्रा का संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974 (COFEPOSA)

  • विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम,1974 (सीओएफइपीओएसए) के तहत, इस निदेशालय को एफइएमए के उल्लंघनों के संबंध में निवारक निरोध के मामलों को प्रायोजित करने का अधिकार है।

ईडी की इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (Historical background of ED)?

  • इस निदेशालय की स्थापना 01 मई, 1956 को हुई थी, जब विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 (फेरा,1947) के अंतर्गत विनिमय नियंत्रण विधियों के उल्लंघन को रोकने के लिए आर्थिक कार्य विभाग के नियंत्रण में एक प्रवर्तन इकाई का गठन का गया था।

किस मंत्रालय और विभाग के अंतर्गत काम करता है ईडी? (Under which ministry and department ED works?)

  • शुरुआत में ईडी वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अधीन था, लेकिन साल 1960 से ये भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के राजस्व विभाग (Department of Revenue) के नियंत्रण में काम करता है।

ईडी के निदेशक कौन हैं? (Who is the director of ED?)

  • राहुल नवीन (Rahul Navin)

ईसीआईआर क्या है? (What is ECIR?)

  • प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (Enforcement Case Information Report (ECIR)): प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate (ED)) द्वारा अपनी जांच शुरू करने से पहले दर्ज़ किया गया पहला आधिकारिक दस्तावेज़, प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट है जिसे ईसीआईआर (ECIR) के नाम से जाना जाता है।
  • जिस तरह पुलिस किसी संज्ञेय अपराध में जांच शुरू करने से पहले प्राथमिकी (First Information Report (FIR)) दर्ज़ करती है, उसी तरह ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के कमीशन की सूचना मिलने पर ईसीआईआर (ECIR) दर्ज़ करता है।
  • लेकिन इसमें ईसीआईआर को आरोपी के साथ साझा करना अनिवार्य नहीं है जबकि प्राथमिकी (First Information Report (FIR)) आरोपी के साथ साझा किया जाता है।

मनी लॉन्ड्रिंग शब्द कैसे चलन में आया? (How the term money laundering came into picture?)

मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) आपराधिक गतिविधि से उत्पन्न बड़ी मात्रा में धन बनाने की अवैध प्रक्रिया है जैसेकि ड्रग की तस्करी या आतंकी फंडिंग है, लेकिन धन वैध स्रोतों से आया प्रतीत होता है। आपराधिक गतिविधि से उत्पन्न धन को गंदा माना जाता है और ‘लॉन्ड्रिंग’ की प्रक्रिया इसे स्वच्छ दिखाने के लिए होती है। यहीं से मनी लॉन्ड्रिंग शब्द चलन में आया। मनी लॉन्ड्रिंग एक गंभीर वित्तीय अपराध है जिसे सामान्य रूप से सफेदपोश और गली स्तर के अपराधियों द्वारा अंजाम दिया जाता है। अधिकांश वित्तीय कंपनियों के पास एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) नीतियां होती हैं ताकि इस प्रकार की गतिविधियों का पता लगाया जा सके और उसकी रोकथाम की जा सके।

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FAQs

प्रवर्तन निदेशालय या ED की शक्तियाँ और कार्य क्या हैं?

इस आर्टिकल में हमने प्रवर्तन निदेशालय या ED की शक्तियाँ और कार्य के बारे में विस्तार से बताया हैं.