मानव जीवन एक वृक्ष की तरह जीवन भर अनेक अच्छे-बुरे मौसम को सहते हुए पल्लवित होता है. वह जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों के ताप को भी सकता है और सुहाने मौसम का आनंद भी उठता है. मनुष्य को भी अपनीं क्षमता का आभास तब होता है जब उसके सामने कोई भारी समस्या पैदा हो जाती है. भयंकर तूफान को सह कर भी जो वृक्ष दृढ़ता से खड़े रहते हैं असल में वो ही सच्चे संघर्षशील हैं. वैसे ही भयंकर आपदाओं में जो व्यक्ति बिना डगमगाए उसका डट कर सामना करता है वही जीवन में सफल होता है और उन विपरीत परिस्थितियों में आपको यह आभास होता है कि आपकी क्षमता कितनी हैं. धन्यवाद!