किसी भी कार्य को करने के लिए सबसे पहले हमें साहस की जरुरत
होती है. हमें किसी भी मंजिल तक पहुँचने के लिए अपनी हाँ – ना की कन्फ्यूजन से बाहर
निकलने की जरुरत होती है. और जिस समय हम
यह फैसला लेने में सक्षम हो जाते हैं कि मुझे यह करना है तब यह कार्य आधा पूरा हो
चुका होता है…यानी कोई भी कार्य असंभव नहीं है.
होती है. हमें किसी भी मंजिल तक पहुँचने के लिए अपनी हाँ – ना की कन्फ्यूजन से बाहर
निकलने की जरुरत होती है. और जिस समय हम
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चुका होता है…यानी कोई भी कार्य असंभव नहीं है.
हमारे साथ अपने विचार
साझा करते रहें…हमें ख़ुशी होगी!
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