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भारत ने वापस मंगाया अपना सोना: RBI का सबसे बड़ा गोल्ड रीलोकेशन मिशन जारी

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश के गोल्ड रिज़र्व से जुड़ा एक बड़ा रणनीतिक कदम उठाया है। पहले विदेशों में सुरक्षित रखे गए सोने के बड़े हिस्से को अब तेज़ी से भारत वापस लाया जा रहा है। मार्च से सितंबर 2025 के बीच आरबीआई ने 64 टन से अधिक सोना भारत लाया, जबकि मार्च 2023 से अब तक कुल 274 टन सोना लौटाया जा चुका है
इसे 1990 के दशक के बाद भारत का सबसे बड़ा gold repatriation initiative माना जा रहा है।

यह बदलाव सिर्फ़ सोने के स्थानांतरण का मामला नहीं है, बल्कि आर्थिक स्वायत्तता, वित्तीय सुरक्षा और रणनीतिक नियंत्रण की ओर एक बड़ा कदम है।

 

RBI ने वापस मंगाया भारत का सोना: क्या जानना ज़रूरी है (सितंबर 2025)
मुख्य तथ्य: मार्च से सितंबर 2025 के बीच 64 टन से अधिक सोना भारत लाया गया; मार्च 2023 से अब तक कुल 274 टन वापस लाया जा चुका है। यह 1990 के दशक के बाद का सबसे बड़ा गोल्ड रीलोकेशन मिशन है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशों में रखे गए सोने के बड़े हिस्से को देश में वापस लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह कदम केवल लॉजिस्टिक कार्य नहीं है—बल्कि यह आर्थिक स्वायत्तता, सुरक्षित भंडारण और रणनीतिक स्वामित्व की दिशा में एक निर्णायक फैसला भी है।

गोल्ड रिज़र्व — स्थिति (सितंबर 2025)

विवरण मात्रा (टन) नोट
कुल आधिकारिक स्वर्ण भंडार 880 टन आरबीआई के पास कुल सोना
भारत में संग्रहीत 575.8 टन घरेलू वॉल्ट्स
विदेशों में संग्रहीत (Bank of England, BIS) 290.37 टन विदेशी कस्टडी
स्वर्ण जमा योजनाओं में 13.99 टन विभिन्न वित्तीय संस्थान

नतीजा: अब भारत का 65% से अधिक सोना देश के भीतर सुरक्षित है—एक मजबूत संकेत आर्थिक आत्मनिर्भरता की तरफ़।

सोना वापस लाने के मुख्य कारण

  1. राष्ट्रीय नियंत्रण मजबूत करना: सोना देश में होने से विदेशी संस्थाओं पर निर्भरता कम होती है और आरबीआई का नियंत्रण बढ़ता है।
  2. स्वदेशी वॉल्ट क्षमता: अब भारत में उच्च-स्तरीय सुरक्षा वॉल्ट मौजूद हैं जो बड़े भंडार संभाल सकते हैं।
  3. भू-राजनीतिक जोखिम से सुरक्षा: अंतरराष्ट्रीय तनाव में विदेशों में रखे सोने तक पहुंच कठिन हो सकती है; देश में रखे सोने से आपातकालीन उपयोग सुनिश्चित होगा।
  4. भंडारण लागत में कमी: विदेशी कस्टडी, बीमा और स्टोरेज खर्च घटेंगे।
  5. रणनीतिक रिज़र्व मैनेजमेंट: घरेलू सोना आरबीआई को मुद्रा और तरलता प्रबंधन में अधिक लचक देता है।

लॉजिस्टिक्स — सोना कैसे लाया जा रहा है

यह ऑपरेशन पूरी तरह गोपनीय और उच्च सुरक्षा के अंतर्गत संचालित होता है। सोने को छोटे बैचों में वायु मार्ग से लाया जाता है, विदेशी संस्थाओं के साथ समन्वय किया जाता है और फिर आरबीआई के सुरक्षित वॉल्ट्स में स्थानांतरित किया जाता है।

आर्थिक प्रभाव

रिज़र्व संरचना में बदलावसोने का हिस्सा मार्च 2025 में 11.70% था, जो सितंबर 2025 में बढ़कर 13.92% हो गया।

मंदी और अस्थिरता से सुरक्षाअंदर उपलब्ध सोना वैकल्पिक वित्तीय संकटों के समय सुरक्षात्मक भूमिका निभा सकता है।

मौद्रिक नीति में लचीलापनघरेलू सोने को जरूरत पड़ने पर लिक्विडिटी मैनेजमेंट और मुद्रा स्वैप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

तत्काल जानने योग्य मुख्य तथ्य

कुल स्वर्ण भंडार (सितंबर 2025) 880 टन
मार्च 2023 से अब तक वापस लाया गया सोना 274 टन
भारत में संग्रहीत सोना 575.8 टन
विदेशों में संग्रहीत सोना 290.37 टन
स्वर्ण जमा योजनाओं में 13.99 टन
forex reserves में सोने का हिस्सा 13.92% (सितंबर 2025)
 

 

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FAQs

RBI सोना भारत वापस क्यों ला रहा है?

RBI विदेशों में रखे सोने पर निर्भरता कम करके उसे देश के सुरक्षित वॉल्ट्स में रखना चाहता है। इससे आर्थिक सुरक्षा मजबूत होती है, भंडारण लागत घटती है और आपात स्थिति में सोने तक सीधी पहुँच मिलती है।

अब तक कितना सोना भारत वापस लाया गया है?

मार्च 2023 से सितंबर 2025 तक कुल 274 टन सोना भारत वापस लाया गया है, जिसमें से मार्च–सितंबर 2025 के बीच 64 टन से अधिक सोना देश लाया गया।

वर्तमान में भारत का कुल स्वर्ण भंडार कितना है और कहाँ रखा है?

सितंबर 2025 तक भारत का कुल स्वर्ण भंडार 880 टन है, जिसमें से 575.8 टन भारत में, 290.37 टन विदेशों में और 13.99 टन गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के तहत रखा गया है।

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