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बैंकिंग अवेयरनेस क्विज 2021- 15 मई, 2021 – IBC 2016

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BANKING AWARENESS QUESTIONS
TOPIC – IBC 2016

Q1. IBC का पूर्ण रूप क्या है?
(a) Introduction and Bankruptcy Code
(b) Insolvency and Bankruptcy Code
(c) Insolvency and Business Code
(d) Initial and Bankruptcy Code 
(e) इनमें से कोई नहीं

Q2. इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 को राष्ट्रपति की सहमति कब प्राप्त हुई?
(a) 25 जून 2017
(b) 15 जून 2016     
(c) 28 मई 2016
(d) 15 मई 2017
 (e) ये सभी

Q3. IBC के तहत नियामक कौन है?
(a) भारतीय रिजर्व बैंक
(b) वित्त मंत्रालय
(c) भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड
(d) सेबी
(e) इनमें से कोई नहीं

Q4. कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) कौन आरंभ कर सकता है?
(a) वित्तीय लेनदार, परिचालन लेनदार और कॉर्पोरेट देनदार
(b) वित्तीय लेनदार और परिचालन लेनदार
(c) केवल कॉर्पोरेट देनदार
(d) कॉर्पोरेट देनदार और वित्तीय लेनदार
(e) इनमें से कोई नहीं

Q5. निम्नलिखित में से कौन दिवाला समाधान प्रक्रिया लागत का अवयव नहीं है?
(a) सार्वजनिक घोषणा पर व्यय
(b) अंतरिम समाधान पेशेवर पर या उसके द्वारा अनुसमर्थित सीमा तक किए गए व्यय
(c) उस व्यक्ति के पास बकाया राशि जिसके अधिकार अधिस्थगन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित होते हैं
(d) आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं के पास बकाया राशि
(e) इनमें से कोई नहीं

Q6. IBC की धारा 7 के तहत आवेदक कौन है?
(a) अधिनिर्णयन प्राधिकरण
(b) परिचालन लेनदार
(c) कॉर्पोरेट देनदार
(d) वित्तीय लेनदार
(e) इनमें से कोई नहीं

Q7. IBC के मामले में सर्वोच्च अपीलीय प्राधिकारी कौन है?
(a) आरबीआई
(b) सर्वोच्च न्यायालय
(c) सेबी
(d) दिवाला न्यायालय
(e) इनमें से कोई नहीं

Q8. कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) के लिए अधिनिर्णयन प्राधिकरण कौन है?
(a) उच्च न्यायालय
(b) औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बीआईएफआर)
(c) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी)
(d) ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी)
(e) इनमें से कोई नहीं

Q9. धोखाधड़ी या दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही आरम्भ करने वाले व्यक्ति पर कितनी राशि का जुर्माना लगाया जाता है?
(a) 2 लाख रुपये जिसे 1 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। 
(b) 1 लाख रुपये जिसे 1 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है
(c) 1 लाख रुपये जिसे 3 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है
(d) 3 लाख रुपये जिसे 1 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है
(e) इनमें से कोई नहीं

Q10. IBC की किस धारा के तहत एक दिवाला पेशेवर, आपराधिक रूप से उत्तरदायी है…….
(a) धारा 78
(b) धारा 87
(c) धारा 67
(d) धारा 77
(e) इनमें से कोई नहीं

SOLUTIONS:

S1.Ans.(b)
Sol. The Insolvency and Bankruptcy Code (IBC), 2016 is the bankruptcy law of India which seeks to consolidate the existing framework by creating a single law for insolvency and bankruptcy.
S2.Ans.(c)
Sol. The Code received the assent of the President of India on 28 May 2016.
S3.Ans.(c)
Sol. Insolvency and Bankruptcy Board of India has been appointed as a regulator and it can oversee these proceedings.
S4.Ans.(a)
Sol. Financial Creditor, Operational Creditor and Corporate Debtor can initiate Corporate Insolvency Resolution Process.
S5.Ans.(a)
Sol. Expenses on the public announcement does not constitute Insolvency resolution process costs.
S6.Ans.(d)
Sol. A financial creditor either by itself or jointly is an applicant under Section 7 of IBC.
S7.Ans.(b)
Sol. Supreme Court is the highest appellate authority in case of IBC.
S8.Ans.(c)
Sol. National Company Law Tribunal (NCLT) is the Adjudicating Authority for Corporate Insolvency Resolution Process (CIRP).
S9.Ans.(b)
Sol. If, any person initiates the insolvency resolution process or liquidation proceedings fraudulently or with malicious intent for any purpose other than for the resolution of insolvency, or liquidation, as the case may be, the Adjudicating Authority may impose upon such person a penalty which shall not be less than one lakh rupees, but may extend to one crore rupees. 
S10.Ans.(d)
Sol. Section 77: Punishment for providing false information in application made by corporate debtor.

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