दयालुता एक निस्वार्थ कार्य
है!!! दयालुता का अर्थ है अपने आसपास के वातावरण के साथ अच्छा व्यवहार करना, चाहे वह
मनुष्य हो या जानवर, हमें प्रत्येक जीव के प्रति दया भाव रखना चाहिए. आइये जानते
हैं कुछ इस दिवस से जुड़े तथ्य.
प्रतिवर्ष 13 नवंबर को वर्ल्ड
काइंडनेस डे (विश्व दयालुता दिवस) के रूप
में मनाया जाता है। विश्व दयालुता दिवस सकारात्मक शक्ति और दया की डोर पर आधारित
हैं जो समुदाय में अच्छे कामों को उजागर करने के लिए हमें प्रेरित करता है। दया
मानव परिस्थितियों का मूलभूत हिस्सा है जो नस्ल धर्म, राजनीति, लिंग और पिन कोड की भावनाओ से परे है। इस विश्व
दयालुता दिवस 2019 का विषय एम्पथी, एनकरेजिंग पीपल अक्रोस द ग्लोब तो बेटर अंडरस्टैंड “द पैन ऑफ़ अदर्श” एंड टच दियर लिव्स “पोजिटिवली” हैं।
काइंडनेस डे (विश्व दयालुता दिवस) के रूप
में मनाया जाता है। विश्व दयालुता दिवस सकारात्मक शक्ति और दया की डोर पर आधारित
हैं जो समुदाय में अच्छे कामों को उजागर करने के लिए हमें प्रेरित करता है। दया
मानव परिस्थितियों का मूलभूत हिस्सा है जो नस्ल धर्म, राजनीति, लिंग और पिन कोड की भावनाओ से परे है। इस विश्व
दयालुता दिवस 2019 का विषय एम्पथी, एनकरेजिंग पीपल अक्रोस द ग्लोब तो बेटर अंडरस्टैंड “द पैन ऑफ़ अदर्श” एंड टच दियर लिव्स “पोजिटिवली” हैं।
विश्व
दयालुता दिवस की
शुरुआत 1998 में वर्ल्ड किंडनेस मूवमेंट संगठन द्वारा की गई थी, जिसकी स्थापना 1997
के टोक्यो सम्मेलन में
दुनिया भर के दयालु संगठनों द्वारा की गई थी। 2019 में, इस संगठन को स्विस कानून के तहत एक आधिकारिक एनजीओ के रूप में
पंजीकृत किया गया था। वर्तमान में, वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट में 28 से अधिक राष्ट्र शामिल हैं जिनका किसी भी धर्म या राजनीतिक मूवमेंट से संबद्ध नहीं है।
दयालुता दिवस की
शुरुआत 1998 में वर्ल्ड किंडनेस मूवमेंट संगठन द्वारा की गई थी, जिसकी स्थापना 1997
के टोक्यो सम्मेलन में
दुनिया भर के दयालु संगठनों द्वारा की गई थी। 2019 में, इस संगठन को स्विस कानून के तहत एक आधिकारिक एनजीओ के रूप में
पंजीकृत किया गया था। वर्तमान में, वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट में 28 से अधिक राष्ट्र शामिल हैं जिनका किसी भी धर्म या राजनीतिक मूवमेंट से संबद्ध नहीं है।
अतीत में
विभिन्न धार्मिक पुस्तकों और साहित्य में दयालुता का अलग-अलग तरीके से वर्णन किया
गया है। हालांकि, वे सभी एक ही विचार को
प्रतिध्वनित करते हैं ये सभी इस बात पर जोर देते हैं कि इंसान को
इंसानों के साथ-साथ दूसरे जीवों पर भी दया दिखानी चाहिए। हमें विनम्र, मित्रवत और मददगार होना चाहिए। जबकि हमें दयालुता
प्रदर्शित करनी चाहिए, बदले में कुछ भी पाने के
उद्देश्य से हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। दयालुता एक निस्वार्थ कार्य है।
विभिन्न धार्मिक पुस्तकों और साहित्य में दयालुता का अलग-अलग तरीके से वर्णन किया
गया है। हालांकि, वे सभी एक ही विचार को
प्रतिध्वनित करते हैं ये सभी इस बात पर जोर देते हैं कि इंसान को
इंसानों के साथ-साथ दूसरे जीवों पर भी दया दिखानी चाहिए। हमें विनम्र, मित्रवत और मददगार होना चाहिए। जबकि हमें दयालुता
प्रदर्शित करनी चाहिए, बदले में कुछ भी पाने के
उद्देश्य से हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। दयालुता एक निस्वार्थ कार्य है।