SIDBI यानि Small Industries Development Bank of India (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) की स्थापना 2 अप्रैल 1990 को संसद के अधिनियम के तहत की गई थी. यह भारत में MSMEs के वित्तपोषण के लिए प्रमुख वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करता है।
SIDBI के अध्यक्ष: शिवसुब्रमण्यम रमनन
SIDBI MSME को कैसे देता है उधार और मदद? (How SIDBI lends and helps the MSME section?)
- अप्रत्यक्ष ऋण (Indirect Lending): बैंक, NBFC के माध्यम से MSME को ऋण देते हैं।
- डायरेक्ट लेंडिंग (Direct lending): डायरेक्ट लेंडिंग के जरिए फंडिंग की खाई को पाटता है
- फंड्स ऑफ फंड्स (Funds of funds): स्टार्टअप्स को फंड्स ऑफ फंड्स चैनल के जरिए सपोर्ट किया जाता है
- संवर्धन और विकास (Promotion and development): क्रेडिट प्लस पहल के माध्यम से
- फैसिलिटेटर (Facilitator): सरकारी योजनाओं के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है
SIDBI की शेयरधारिता कितनी है? (What is the shareholding of SIDBI?)
SIDBI की शेयरधारिता पद्धति :
- भारत सरकार: 20.85%
- भारतीय स्टेट बैंक: 15.65%
- LIC: 13.33%
- NABARD: 9.36%
- अन्य: 40.81%
Download PDF of What is SIDBI & Its Functions? | |
What is SIDBI & Its Functions? | Download PDF |
SIDBI का ऐतिहासिक सफर
2 अप्रैल 1990 को स्थापित
1992: MSE वेंडरों के लिए डिस्कॉउंटिंग बिल पेश किए
- बिल डिस्काउंटिंग को उदाहरण के माध्यम से समझाया गया है: एक पापड़ बनाने वाली फैक्ट्री का मालिक है जिसने अपना पापड़ एक कैटरर कंपनी को बेच दिया। कैटरर कंपनी ने उन्हें आश्वासन दिया कि 2 महीने बाद पेमेंट देगी तब तक पापड़ वाले को बिल दे देगी। लेकिन पापड़ के मालिक को कच्चा माल खरीदने के लिए पैसे की जरूरत होती है इसलिए वह बैंक जाकर बिल देता है। बैंक बिल लेने के लिए राजी हो जाता है और बदले में वह नकद देता है लेकिन छूट पर। कैटरर कंपनी से अब बैंक को पूरा भुगतान मिलेगा, जिससे मुनाफा होगा। इस प्रक्रिया को बिल डिस्कॉउंटिंग कहा जाता है।
1994: माइक्रो-क्रेडिट योजना शुरू की गई
1999: SIDBI वेंचर कैपिटल लिमिटेड
- SIDBI वेंचर कैपिटल लिमिटेड (SVCL), 1999 में स्थापित, एक निवेश प्रबंधन कंपनी और SIDBI की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। SVCL ने स्टार्टअप्स/प्रारंभिक चरण प्रौद्योगिकी व्यवसायों, विनिर्माण SME, सेवा संस्थाओं, कृषि व्यवसायों, वित्तीय समावेशन कंपनियों आदि सहित विभिन्न विषयों पर केंद्रित धन का प्रबंधन किया है।
2000: CGTMSE
- सूक्ष्म और लघु उद्यम क्षेत्र को संपार्श्विक-मुक्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (CGS)।
2005: SMERA (अब ACUTe) और ISTSL
SMERA: SME रेटिंग एजेंसी
- MSME क्षेत्र में तकनीकी आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को मजबूत और तेज करने के लिए इंडिया SME टेक्नोलॉजी सर्विसेज लिमिटेड (ISTSL)
2008: ISARC
- ISARC देश का पहला ARC है जिसे बड़ी संख्या में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और उपक्रमों का समर्थन प्राप्त है। यह MSME क्षेत्र पर ध्यान देने के साथ NPA के तेजी से समाधान के लिए प्रयास करेगा।
2010: NTREES
- 2009 से NSE द्वारा एक ऑनलाइन बिल डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म संचालित किया जा रहा था जिसमें SIDBI एकल वित्तपोषक था। NTREES रिवर्स फैक्टरिंग मॉडल पर आधारित था जिसके बाद मेक्सिको में NAFIN था।
2012: PSIG
- SIDBI यूके सरकार द्वारा वित्त पोषित “पूरेस्ट स्टेट्स इंक्लूसिव ग्रोथ (PSIG) प्रोग्राम” को लागू कर रहा है। इसका उद्देश्य चार सबसे गरीब राज्यों बिहार, MP, ओडिशा और UP में गरीबों, विशेषकर महिलाओं की आय और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है, ताकि लक्ष्य समूह को व्यापक आर्थिक अवसरों और विकास में भाग लेने और लाभ उठाने में सक्षम बनाया जा सके। यह कार्यक्रम मार्च 2020 में सफलतापूर्वक समाप्त हो गया है। PSIG विरासत को आगे ले जाने के लिए, स्वावलंबन संसाधन सुविधा (SRF) को तब से बैंक के P&D वर्टिकल के भीतर लॉन्च किया गया है।
2015: MUDRA
- MUDRA, जो माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड है, सूक्ष्म इकाइयों के उद्यमों के विकास और पुनर्वित्त के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वित्तीय संस्थान है।
2016: RXIL TReDS और स्टैंडअपमित्र प्लेटफॉर्म
- रिसीवेबल एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (RXIL) को 25 फरवरी, 2016 को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI)- भारत में MSMEs के प्रचार और वित्तपोषण के लिए शीर्ष वित्तीय संस्थान, और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) – भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में शामिल किया गया था । RXIL 3 दिसंबर, 2014 को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी TReDS दिशानिर्देश के अनुसार ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (TReDS) प्लेटफ़ॉर्म का संचालन करता है। यह भारत का पहला TReDS एक्सचेंज लॉन्च करने के लिए 01 दिसंबर, 2016 को RBI से अनुमोदन प्राप्त करने वाली पहली इकाई है।
- स्टैंडअप इंडिया योजना को सुविधाजनक बनाने के लिए स्टैंडअप मित्र प्लेटफार्म है।
2017: उद्यममित्र पोर्टल
- उद्यममित्र पोर्टल एक सक्षम मंच है, जिसका उद्देश्य न केवल क्रेडिट डिलीवरी के लिए ‘एंड टू एंड’ समाधान प्रदान करना है, बल्कि हैंडहोल्डिंग सपोर्ट, एप्लिकेशन ट्रैकिंग, हितधारकों (यानी उधारदाताओं, सेवा प्रदाताओं, आवेदकों) के साथ कई इंटरफेस के माध्यम से क्रेडिट प्लस सेवाओं की मेजबानी के लिए भी है। ,
2018: PSBloanin59minutes, MSME पल्स, क्रिसिडेक्स और स्वावलंबन लॉन्च किया
- 2019: माइक्रोफाइनेंस पल्स
- 2020: फिनटेक पल्स एंड इंडस्ट्री स्पॉटलाइट लॉन्च किया
SIDBI Related Article’s