यह सब 2015 में मेरी यूपीएससी की तैयारी के साथ शुरू हुआ. मैं तीन बार प्रिलिम्स क्रैक करने में विफल रही. इसके बाद, मैं बहुत सारी परीक्षाओं में असफल रही. मैं टूट गया थी और मुझे लगा कि शायद मुझे हार मान लेनी चाहिए. लेकिन मैंने सोचा कि क्यों न इसे छोड़ देने से पहले एक और कोशिश की जाए. यूपीएससी प्रीलिम्स में तीन असफल प्रयासों के साथ, मैंने 2017 के मध्य में बैंक और एसएससी की तैयारी शुरू कर दी. मैंने SSC CGL के टियर 1 में सफलता प्राप्त की लेकिन कड़ी मेहनत के बाद भी SSC CGL टियर 2 में मुझे असफलता प्राप्त हुई. इस समय तक मैं सीख चुकी थी कि एक बार गिर कर दूसरी बार किस प्रकार प्रयास किया जाता है. तो मैं लगातार कड़ी मेहनत करती रही.
2018 में मैंने अपने पहले प्रयास में एसबीआई जेए परीक्षा में सफलता प्राप्त की, जो सबसे अप्रत्याशित था. मुझे 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद मेरी पहली नौकरी मिली. मैंने IBPS PO प्रारंभिक परीक्षा भी उत्तीर्ण की. मेरी शादी से ठीक एक महीने पहले 18 नवंबर को मैन्स की परीक्षा हुई थी.विभिन्न कारणों से, इस बार मैं अपने मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए अपना अविभाजित ध्यान नहीं दे पा रही थी, लेकिन फिर भी मैं आगे बढ़ा, मेरे अंदर एक आवाज थी, जो मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करते रही. मैंने परीक्षा दी और मुख्य परीक्षा का परिणाम 17 दिसंबर की शाम को आया, मेरी मैरेज रिसेप्शन की शाम. यह सोने पे सुहागा जैसा था. मुझे एसबीआई में एक एक्सटेंशन लेना था क्योंकि प्रशिक्षण अवधि के दौरान मेरी शादी हो रही थी. शादी के बाद मैं दिल्ली चली गई.मुझे नहीं पता था कि मुझे अपने इंटरव्यू की तैयारी कैसे करनी है. यह वह समय था जब मैं इंटरव्यू की कक्षा के लिए Adda247 के ऑनलाइन लाइव कोचिंग क्लासेस से जुडी. मैंने तुरंत इसमें भाग लिया.
मैंने प्रत्येक लाइव क्लास को ध्यान से देखा और अपने इंटरव्यू की तैयारी की. वे कक्षाएं वास्तव में सहायक थीं. इसमें अच्छे ग्रूमिंग सेशन थे. इसके अलावा, ऑनलाइन मॉक इंटरव्यू और संकाय सदस्यों की प्रतिक्रिया ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया. मेरा इंटरव्यू इतना अच्छा नहीं गया था क्योंकि मुझसे उस भाग से प्रश्न पूछे गए से जहाँ से मैंने तैयारी नहीं कि थी किंतु मैंने अपने दिमाग को शांत रखा और जितने प्रश्न उन्होंने पूछे उनके उत्तर दिए. जब परिणाम सामने आए तो मुझे आश्चर्य हुआ कि मैंने इसमें सफलता प्राप्त कर ली है. मैंने महसूस किया है कि मेरे संघर्षों ने मुझे एक बेहतर और मजबूत इंसान बनना सिखाया. मैं समझ गयी थी कि जितना कठिन काम करेंगे, हमें उतना ही भाग्य मिलेगा. अंत में, मैंने वाक्यांश का सही अर्थ सीखा –‘Failures are the pillars of success’.
आप एक आकांक्षी से एक उपलब्धि बन गए हैं, यह समय अपने ज्ञान को अन्य उम्मीवारों के मध्य मध्य बाट कर उन्हें परीक्षा में सालता दिलाने का है? किस चीज़ ने आपकी सहायता की? आप किस चीज़ में विश्वाश रखते हैं? किस प्रकार Adda247 और bankersadda ने आपकी सहायता की??
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