त्योहारों के देश भारत में आये दिन कोई न कोई त्यौहार होता है, लेकिन कुछ त्यौहार ऐसे होते हैं जिन्हें पूरा देश धूमधाम से मनाता है, ऐसे में कई बार परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों की राह में त्यौहार बाधा बन जाते हैं जो उनके अध्ययन की दिनचर्या को प्रभावित करते हैं। अभी दिवाली जैसे बड़े त्यौहार का मौसम चल रहा हैं जिसमें आतिशबाजी, खाना, घूमना और शोर-शराबा आदि आपको अपनी तरफ आकर्षित करता है, उत्सव में लोग मिलते-जुलते हैं जिससे आपका वक्त बर्बाद होता है ऐसे में आपको ऐसी स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए, जिससे आपकी पढ़ाई में कोई बुरा असर न पढ़े।
उत्सव की मस्ती में अध्ययन करने का मन नहीं करता है। लेकिन अगर एक अच्छी रणनीति बनाते हैं तो उसके माध्यम से आप मस्ती और पढ़ाई दोनों कर सकते हैं। आपको अपनी अध्ययन योजना के अनुसार नियमित अभ्यास करना चाहिए और बचे हुए समय में आराम से उत्सव मना सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपना समय विभाजित करें और पढ़ाई और त्योहार के उत्सव के बीच संतुलन बनाएं ताकि आनंद के साथ-साथ आप आगामी परीक्षाओं के लिए लिए खुद को तैयार भी कर सकें।
यहां हम त्यौहारी सीज़न के दौरान खुद को प्रेरित रखने के लिए कुछ बिंदुओं को साझा कर रहे हैं ताकि आपको आगामी परीक्षाओं के लिए अभ्यास करने में किसी भी समस्या का समाना न करना पड़े।
प्लानिंग :
अध्ययन में निरंतरता और शांत जगह तलाशें :
किसी भी दिन को ऐसा न जाने दें, जिस दिन आप अध्ययन नहीं करें, अध्ययन में निरंतरता बनायें रखना बहुत आवश्यक है। अपने अध्ययन के लिए एक ऐसी जगह तलाशें जो शोर-शराबे से दूर हो, जहाँ उत्सव की चहल-पहल न हो और कोई आपके अध्ययन में रूकावट न डाल साके। ऐसी जगह में आप चुपचाप शान्ति से अध्ययन कर सकते हैं। अगर आपको घर में समय न मिले और कोई जगह अधययन के लिए न मिल सके तो आप किसी पुस्तकालय में भी जा सकते हैं। समय सारणी को स्टडी टेबल के सामने लगायें जिससे आपकी उस पर नजर पड़े और आप अध्ययन की तरफ ध्यान दे सकें ।
तनाव न लें :
दिवाली ब्रेक अपने आप को रिचार्ज करने का एक अच्छा समय है। परिवार के समारोहों में शामिल होने का यह बहुत अच्छा अवसर है जिसको आप सकारात्मक रूप से ले सकते हैं, दोस्तों के साथ भी आप थोड़ा बहुत वक्त व्यतीत कर सकते हैं, पढ़ने के लिए खुद पर जोर न डालें ऐसे में आपका मन नहीं लगेगा। हां, आपको पढ़ाई या करियर के लिए कुछ काम करने होंगे, लेकिन परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने के लिए खुद को दोषी न समझें और खुद को लंबे समय तक अध्ययन करने के लिए मजबूर न करें।