निर्देश(1-3). निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न में एक वाक्य दिया गया है उसमे दिए गए रिक्त स्थान में अर्थ की दृष्टि से उचित मुहावरे या लोकोक्ति का चयन कीजिए।
Q1. कुछ लोगों को आदत होती है कि वे अच्छे से अच्छे व्यक्ति में दोष ढूंढ़ने लगते हैं और ____________ प्रयत्न करते हैं।
(a) चाँद से थूकने की
(b) चाँद पर थूकने का
(c) चाँद को थूकने जैसा
(d) चाँद पर से थूकने का
(e) इनमें से कोई नहीं
Q2. लाला जी ने मुनीमजी को नौकरी से निकाल दिया। मुनीमजी ने सामने वाली दुकान में ही गद्दी लगा ली और लालाजी की ___________ शुरू कर दिया।
(a) छाती की मूंग को दलना
(b) मूंग से छाती को दलना
(c) छाती पर मुंग दलना
(d) छाती के लिए मूंग को दलना
(e) इनमें से कोई नहीं
Q3. शिवाजी ने अपने छापामार युद्धों द्वारा दिल्ली के सुल्तान औरंगजेब को ___________ दिए थे।
(a) नाकों चबा चने
(b) चबा नाकों चने
(c) चने नाकों चबा
(d) नाकों चने चबा
(e) इनमें से कोई नहीं
Q4. निम्नलिखित में से किस विकल्प में समरूप भिन्नार्थक शब्द-युग्म का अर्थ-भेद सही नहीं है?
(a) तरणि – तरणी = सूर्य – नाव
(b) नीड़ – नीर = घोंसला – जल
(c) प्रसाद – प्रासाद = कृपा – महल
(d) अनल – अनिल = वर्षा – पावक
(e) इनमें से कोई नहीं
निर्देश (5-7) निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न में दिया गया वाक्य चार भागों में बांटा गया है। आपको यह देखना है कि वाक्य के किसी भाग में व्याकरण, भाषा, वर्तनी, शब्दों के गलत प्रयोग या इसी तरह की कोई त्रुटी तो नहीं है। यदि वाक्य के सभी भाग त्रुटी रहित हैं तो ‘त्रुटिरहित’ विकल्प का चयन कीजिए। यदि वाक्य के एक भाग में त्रुटी है तो विकल्प के रूप में ‘X’ का चयन कीजिए। यदि वाक्य के दो भागों में त्रुटी है तो ‘Y’ का चयन कीजिए। यदि वाक्य के तीन भागों में त्रुटी है तो ‘Z’ का चयन चयन कीजिए और यदि वाक्य के सभी भागों में त्रुटी है तो ‘सभी भागों में त्रुटी है’ विकल्प का चयन कीजिए।
Q5. बाघ एक लुप्तप्राय प्रजाति है / हालांकि, पूरे विश्व में बहुत अधिक ही बाघ बचे हैं, / जिनका पृथ्वी पर, हमें किसी भी तरीके से / जीवन को बनाए रखने के लिए अतिक्रमण करना पड़ेगा।
(a) त्रुटीरहित
(b) X
(c) Y
(d) Z
(e) सभी भागों में त्रुटी है
Q6. विज्ञान जो वैज्ञानिक आविष्कारों और / खोजों की वजह से पहले बहुत फायदेमंद होता था / अब मानव जाति के लिए / भयानक साबित हो रहा है।
(a) त्रुटीरहित
(b) X
(c) Y
(d) Z
(e) सभी भागों में त्रुटी है
Q7. समृद्ध संस्कृति और विरासत का / भूमि है भारत जहाँ लोगों में इंसानियत, / उदारता, एकता, धर्मनिर्पेक्षता, मजबूत / सामाजिक संबंध और दूसरे अच्छे गुण हैं।
(a) त्रुटीरहित
(b) X
(c) Y
(d) Z
(e) सभी भागों में त्रुटी है
निर्देश (8-10). निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न में एक गद्यांश दिया गया है उसमे चार रिक्त स्थान भी दिए गए हैं, आपको गद्यांश के संदर्भ के अनुसार रिक्त स्थानों में उचित क्रम में शब्दों को रखना है।
Q8. संविधान में ________मूलभूत अधिकारों को उपयोग में लाने की प्रक्रिया की बहुत ________ की गई है। कुछ आलोचकों का कहना है कि भारत में संविधान निर्माताओं ने एक हाथ से अधिकार प्रदान किए हैं और दूसरे से वापिस ले लिए हैं। संविधान का एक ________मूलभूत अधिकारों को समर्पित है जिसका सामान्य जन-जीवन के दौरान भारतीयों को फायदा हो सकता है। हालांकि इन अधिकारों को ________ के दौरान वापस लिया जा सकता है।
(a) आलोचना, निर्दिष्ट, विभाजन, आपातकाल
(b) आपातकाल, आलोचना, निर्दिष्ट, विभाजन
(c) निर्दिष्ट, आलोचना, विभाजन, आपातकाल
(d) विभाजन, आपातकाल, आलोचना, निर्दिष्ट
(e) इनमें से कोई नहीं
Q9. किसी भी व्यक्ति या इंसान के लिये गरीबी _______ निर्धन होने की स्थिति है। ये एक ________की स्थिति होती है जब छत, जरुरी भोजन, कपड़े, दवाईयाँ आदि जैसी _________को जारी रखने के लिये महत्वपूर्ण चीजों की कमी एक _______ को महसूस होती है।
(a) जीवन, अत्यधिक, पराकाष्ठा, व्यक्ति
(b) व्यक्ति, पराकाष्ठा, जीवन, अत्यधिक
(c) अत्यधिक, पराकाष्ठा, जीवन, व्यक्ति
(d) पराकाष्ठा, जीवन, व्यक्ति, अत्यधिक
(e) इनमें से कोई नहीं
Q10. विश्व पर्यावरण दिवस एक ______ है, जो प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व भर में लोगों के द्वारा मनाया जाता है। इस अभियान की ________ लोगों के बीच में पर्यावरण के मुद्दों के बारे में ________ जागरुकता लाने के साथ ही पर्यावरण के लिए _______ कदम लेने के लिए की गई है।
(a) शुरुआत, सकारात्मक, अभियान, वैश्विक
(b) अभियान, वैश्विक, सकारात्मक, शुरुआत
(c) सकारात्मक, शुरुआत, वैश्विक, अभियान
(d) अभियान, शुरुआत, वैश्चिक, सकारात्मक
(e) इनमें से कोई नहीं
निर्देश (11-15) निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
तत्ववेत्ता शिक्षाविदों के अनुसार विद्या दो प्रकार की होती है। प्रथम, वह जो हमें जीवनयापन के लिए अर्जन करना सिखाती है और द्वितीय, वह जो हमें जीना सिखलाती है। इनमें से एक का अभाव भी जीवन को निरर्थक बना देता है। बिना कमाए जीवन-निर्वाह सम्भव नहीं। कोई भी नहीं चाहेगा कि वह परावलम्बी हो-माता-पिता, परिवार के किसी सदस्य, जाति या समाज पर। ऐसी विद्या से विहीन व्यक्ति का जीवन दूभर हो जाता है, वह दूसरों के लिए भार बन जाता है। साथ ही दूसरी विद्या के बिना सार्थक जीवन नहीं जिया जा सकता। बहुत अर्जित कर लेने वाले व्यक्ति का जीवन यदि सुचारु-रूप से नहीं चल रहा, उसमें यदि वह जीवनपर्यन्त-शक्ति नहीं है, जो उसके अपने जीवन को तो सत्पथ पर अग्रसर करती ही है, साथ ही वह अपने समाज, जाति एवं राष्ट्र के लिए भी मार्गदर्शन करती है; तो उसका जीवन भी मानव-जीवन का अभिधान नहीं पा सकता। वह भारवाही गर्दभ बन जाता है या पूँछ-सींग विहीन पशु कहा जाता है। वर्तमान भारत में पहली विद्या का प्रायः अभाव दिखाई देता है, परन्तु दूसरी विद्या का रूप भी विकृत ही है, क्योंकि न तो स्कूल-कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त करके निकला छात्र जीविकोपार्जन के योग्य बन पाता है और न ही वह उन संस्कारों से युक्त हो पाता है, जिन्हें जीने की कला’ की संज्ञा दी जाती है; जिनसे व्यक्ति ‘कु’ से ‘सु’ बनता है; सुशिक्षित, सुसभ्य और सुसंस्कृत कहलाने का अधिकारी होता है। वर्तमान शिक्षा-पद्धति के अन्तर्गत हम जो विद्या प्राप्त कर रहे हैं, उसकी विशेषताओं को सर्वथा नकारा भी नहीं जा सकता है। यह शिक्षा कुछ सीमा तक हमारे दृष्टिकोण को विकसित भी करती है, हमारी मनीषा को प्रबुद्ध बनाती है। तथा भावनाओं को चेतन करती है, किन्तु कला, शिल्प, प्रौद्योगिकी आदि की शिक्षा नाममात्र की होने के फलस्वरूप इस देश के स्नातक के लिए जीविकार्जन टेढ़ी खीर बन जाता है और बृहस्पति बना युवक नौकरी की तलाश में अर्जियाँ लिखने में ही अपने जीवन का बहुमूल्य समय बर्बाद कर लेता है। जीवन के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए यदि शिक्षा के क्रमिक सोपानों पर विचार किया जाए, तो भारतीय विद्यार्थी को सर्वप्रथम इस प्रकार की शिक्षा दी जानी चाहिए जो आवश्यक हो, दूसरी जो उपयोगी हो और तीसरी जो हमारे जीवन को परिष्कृत एवं अलंकृत करती हो। ये तीनों सीढ़ियाँ एक के बाद एक आती हैं। इनमें व्यतिक्रम नहीं होना चाहिए। इस क्रम में व्याघात आ जाने से मानव-जीवन का चारु प्रासाद खड़ा करना असम्भव है। यह तो भवन की छत बनाकर नींव बनाने के सदृश है। वर्तमान भारत में शिक्षा की अवस्था देखकर ऐसा ही प्रतीत होता है। प्राचीन भारतीय दार्शनिकों ने ‘अन्न से ‘आनन्द’ की ओर बढ़ने को जो ‘विद्या का सार’ कहा था, वह सर्वथा समीचीन ही था।
11. शिक्षा के सोपानों का क्रम इस प्रकार होना चाहिए।
(a) परिष्कार, उपयोगिता एवं आवश्यकता
(b) आवश्यकता, परिष्कार एवं उपयोगिता
(c) आवश्यकता, उपयोगिता एवं परिष्कार
(d) उपयोगिता, आवश्यकता एवं परिष्कार
12. जीने के लिए अर्जन करना सिखाने वाली और ‘जीना सिखलाने वाली विद्याओं के पारस्परिक सम्बन्ध में निम्नलिखित तथ्य सर्वाधिक उपयुक्त है।
(a) ये दोनों विरोधी विद्याएँ हैं।
(b) इन दोनों में पूर्वापर सम्बन्ध है।
(c) इन दोनों में अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है।
(d) ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
13. भारवाही गर्दभ’ पदबन्ध से अभिप्रेत है।
(a) बोझा ढोने वाला श्रमिक
(b) अध्ययन में प्रवृत्त विद्यार्थी
(c) धनार्जन में अक्षम पुरुष
(d) जीने की कला से रहित साक्षर
14. अर्जनकारी विद्या इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि वह व्यक्ति को सिखाती है-
(a) जीवन-उत्कर्ष की विधि
(b) जीवनयापन की विधि
(c) ज्ञानार्जन के ढंग
(d) धनार्जन के साधन
15. प्रत्येक व्यक्ति जीवनयापन के लिए स्वावलम्बी होना पसन्द करता है, क्योंकि
(a) वह अपने परिवार के प्रति कृतज्ञ होता है
(b) वह अपने सामाजिक ऋण से मुक्त होना चाहता है
(c) वह अपने जीवन को दूभर नहीं बनाना चाहता
(d) वह जीने की कला सीखना चाहता है।
S1. Ans. (b):
Sol. यहाँ ‘चाँद पर थूकना’ मुहावरे का प्रयोग उचित है। इस मुहावरे का अर्थ है- ‘अच्छे व्यक्ति की निंदा करना’।
S 2. Ans. (c):
Sol. यहाँ ‘छाती पर मुंग दलना’ मुहावरे का प्रयोग उचित है। इस मुहावरे का अर्थ है- ‘किसी के सामने वह काम करना जो उसको बुरा लगे’।
S 3. Ans. (d):
Sol. यहाँ ‘नाकों चने चबाना’ मुहावरे का प्रयोग उचित है। इस मुहावरे का अर्थ है- ‘बहुत अधिक परेशान करना’।
S 4. Ans. (d):
Sol. अनल का अर्थ है- अग्नि, आग। अनिल का अर्थ है – वायु, हवा।
S 5. Ans. (c):
Sol. वाक्य के दूसरे और चौथे भाग में त्रुटी है, इसलिए विकल्प (c) का चयन उचित है। वाक्य का शुद्ध रूप है- बाघ एक लुप्तप्राय प्रजाति है / हालांकि, पूरे विश्व में बहुत कम ही बाघ बचे हैं, / जिनका पृथ्वी पर, हमें किसी भी तरीके से / जीवन को बनाए रखने के लिए संरक्षण करना पड़ेगा।
S 6. Ans. (a):
Sol. यह वाक्य त्रुटीरहित है, इसलिए विकल्प (a) का प्रयोग उचित है।
S 7. Ans. (b):
Sol. यहाँ केवल वाक्य के पहले भाग में त्रुटी है इसलिए विकल्प (b) का चयन उचित है। वाक्य का शुद्ध रूप है- समृद्ध संस्कृति और विरासत की / भूमि है भारत जहाँ लोगों में इंसानियत, / उदारता, एकता, धर्मनिर्पेक्षता, मजबूत / सामाजिक संबंध और दूसरे अच्छे गुण हैं।
S 8. Ans. (c):
Sol. रिक्त स्थानों पर रखने के लिए सही क्रम है- ‘निर्दिष्ट, आलोचना, विभाजन, आपातकाल’।
S 9. Ans. (c):
Sol. रिक्त स्थानों पर रखने के लिए सही क्रम है- ‘अत्यधिक, पराकाष्ठा, जीवन, व्यक्ति’।
S 10. Ans. (d):
Sol. रिक्त स्थानों पर रखने के लिए सही क्रम है- ‘अभियान, शुरुआत, वैश्चिक, सकारात्मक’।
S 11. Ans. (c):
Sol. शिक्षा के सोपानों का क्रम – ‘आवश्यकता, उपयोगिता एवं परिष्कार’ के रूप में होना चाहिए।
S 12. Ans. (d):
Sol. ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
S 13. Ans. (d):
Sol. भारवाही गर्दभ’ पदबन्ध से अभिप्रेत है- जीने की कला से रहित साक्षर।
S 14. Ans. (c):
Sol. अर्जनकारी विद्या इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि वह व्यक्ति को ज्ञानार्जन के ढंग सिखाती है।
S 15. Ans. (c):
Sol. प्रत्येक व्यक्ति जीवनयापन के लिए स्वावलम्बी होना पसन्द करता है, क्योंकि वह अपने जीवन को दूभर नहीं बनाना चाहता।