आप सभी जानते हैं कि LIC प्रीलिम्स परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है और 22 दिसम्बर 2019 को मेंस की परीक्षा आयोजित होने वाली हैं. LIC में इस वर्ष पहली बार हिंदी भाषा को एक विषय के रूप में जोड़ा गया है, इसलिए प्रश्न पत्र में कैसे प्रश्न पूछे जायेंगे यह बताना मुश्किल है, पर अनुमान है कि परीक्षा का स्तर आसान से मध्यम के बीच होगा.परीक्षा में आपकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए ADDA247 यहाँ, हिंदी भाषा की क्विज़ लेकर आया है. जिससे आपको मेंस परीक्षा के लिए हिंदी भाषा की तैयारी को पूरा कर पायेंगे. यह उन सभी उम्मीदवारों के लिए एक सुनहरा मौका है जो हिंदी के साथ स्वयं को सहज महसूस करते हैं. हम अपनी अध्ययन सामग्री की गुणवत्ता का पूरा भरोसा दिलाते हैं कि इसकी मदद से आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी. हमारे साथ अपनी तैयारी शुरू करें और अपनी सफलता सुनिश्चित करें. आज की इस हिंदी भाषा प्रश्नावली 03 दिसम्बर 2019 में हम आपको गद्यांश में रिक्त स्थानों की पूर्ति पर आधारित प्रश्नों को उपलब्ध करा रहे हैं.
निर्देश (1-10) नीचे दिए गए गद्यांश में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ गद्यांश के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक के सामने (a), (b), (c), (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पाँचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे गद्यांश के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।
भारतीय राष्ट्रीयता की अभिवृद्धि के लिये अंग्रेजी के स्थान पर हिन्दी को प्रतिष्ठित करने का प्रस्ताव सर्वप्रथम बांग्ला विद्वानों ने रखा था। बंगाल के महानुभवों ने यह प्रस्ताव इसलिये नहीं किया कि उस समय बांग्ला भाषा उन्नत नहीं थी। उस समय भी बांग्ला साहित्य इतना …(1)… हो चुका था कि उसके मन्दिर का … (2)… अन्य भाषाओं के मन्दिरों के मध्य निजी ….(3)…. लिए हुये चमक रहा था। बंगीय ….(4)…. ने हिन्दी भाषा को इतना महत्व इसकी …. (5)…. विशेषताओं के कारण नहीं दिया था। अपने ….(6)…. को दबाकर अपनी भाषिक-साहित्यिक श्रेष्ठता को …..(7)…. करके उन्होंने हिन्दी का इसलिए …(8)… किया था, क्योंकि देश में इस भाषा के …. (9)….. की संख्या अधिक होने के कारण इसे ….(10)…. बनाने का कार्य उनकी दृष्टि में अपेक्षाकृति अल्प श्रम-साध्य था। कितने महान् थे वे लोग, जिनके हृदय में राष्ट्रीयता के इतने श्रेष्ठ भाव थे और जो राष्ट्र पुरुष के महाव्यक्तित्व की स्थापना करने के लिए अपने अहंभाव को दबा लेते थे। हम सभी उनके ऋणी हैं।
Q1.
(a) विपन्न
(b) विशद
(c) समृद्ध
(d) संवृत
(e)इनमें से कोई नहीं
Q2.
(a) कंगूरा
(b) कंचन
(c) कुलिश
(d) कलश
(e)इनमें से कोई नहीं
Q3.
(a) वैशिष्ट्य
(b) वैविध्य
(c) वैचित्र्य
(d) विशेष्य
(e)इनमें से कोई नहीं
Q4.
(a) मुनीश्वरों
(b) महिषियों
(c) मनीषियों
(d) मनीषाओं
(e)इनमें से कोई नहीं
Q5.
(a) वैचारिक
(b) साहित्यिक
(c) सांस्कृतिक
(d) आंलकारिक
(e)इनमें से कोई नहीं
Q6.
(a) व्यक्तित्व
(b) स्वामित्व
(c) स्वत्व
(d) चरित्र
(e)इनमें से कोई नहीं
Q7.
(a) विज्ञापित
(b) विश्रुत
(c) विस्मित
(d) विस्मृत
(e)इनमें से कोई नहीं
Q8.
(a) विवर्ण
(b) वारण
(c) वरुण
(d) वरण
(e)इनमें से कोई नहीं
Q9.
(a) शुभचिन्तकों
(b) प्रशंसकों
(c) प्रयोक्ताओं
(d) अध्येताओं
(e)इनमें से कोई नहीं
Q10.
(a) राजभाषा
(b) राष्ट्रभाषा
(c) उपभाषा
(d) मानक भाषा
(e)इनमें से कोई नहीं
निर्देश (10-20) नीचे दिए गए गद्यांश में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ गद्यांश के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक के सामने (a), (b), (c), (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पाँचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे गद्यांश के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।
भाषा-भेद किसी न किसी रूप और मात्रा से सब समय रहता है। मध्यकाल में जब क्षेत्रीय बोलियाँ अपने-अपने विकास-पथ पर बड़ी तीव्र गति से अग्रसर हो रही थीं, वैसा टकराव-बिखराव न था। भाषायी विवाद और समस्या को जन्म देकर उकसाने-उभारने का सारा श्रेय ब्रिटिश शासन और उसके …..(11)…. को है। यह विरासत हमें उन्हीं की …(12)… दुष्परिणामस्वरूप मिली है। इससे …. (13)…. पाने के लिए सूझ-बूझ और …(14)…. ही आवश्यकता है। परन्तु कभी-कभी ऐसा नहीं हो पाता और …(15)…. स्वार्थ के कारण दृष्टि-पथ …(16)…. पड़ जाता है तथा मनुष्य पथभ्रष्ट ही नहीं, लक्ष्य ….(17)…. भी हो जाता हैं परिणाम यह होता है कि ….(18)…. स्वार्थ वालों की बन जाती है और उनकी …..(19)…. फलवती दिखाई देने लगती है। दाँव-पेंच से ….(20)… व्यक्तियों के निर्विकार चित्त में भी विकार घर बना लेता है जिसे दूर करने के लिए असीम धैर्य, समय तथा सक्रियता की अपेक्षा होती हैं एक बार एकता-सूत्र उलझ जाने पर अभिन्नता को बोध कराना कठिन तथा दुरूह बन जाता है।
Q11.
(a) नियामकों
(b) अवधारकों
(c) अवयवों
(d) समर्थकों
(e)इनमें से कोई नहीं
Q12.
(a) प्रत्याशा
(b) कूटनीति
(c) कृतघ्नता
(d) कटूक्तियों
(e)इनमें से कोई नहीं
Q13.
(a) विरक्ति
(b) वियुक्ति
(c) त्रास
(d) त्राण
(e)इनमें से कोई नहीं
Q14.
(a) सद्भावना
(b) कूटनीति
(c) चिन्तन
(d) चातुर्य
(e)इनमें से कोई नहीं
Q15.
(a) विकुंचित
(b) संकुचित
(c) अपरोक्ष
(d) प्रच्छन्न
(e)इनमें से कोई नहीं
Q16.
(a) विस्तीर्ण
(b) संकीर्ण
(c) धूमित
(d) धूमिल
(e)इनमें से कोई नहीं
Q17.
(a) विरत
(b) रत
(c) विरक्त
(d) आसक्त
(e)इनमें से कोई नहीं
Q18.
(a) व्यक्तिगत
(b) निजी
(c) निहित
(d) विहित
(e)इनमें से कोई नहीं
Q19.
(a) प्राप्त्याशा
(b) विपाशा
(c) अभिलाषा
(d) दुराशा
(e)इनमें से कोई नहीं
Q20.
(a) अनभिज्ञ
(b) अभिज्ञ
(c) अज्ञ
(d) विज्ञ
(e)इनमें से कोई नहीं
उत्तर
‘‘भारतीय ————– ऋणी हैं।’’
S1. Ans.(c)
Sol. बांग्ला साहित्य इतना ‘समृद्ध’ हो चुका।
S2. Ans.(d)
Sol. था कि उसके मन्दिर का ‘कलश’ अन्य भाषाओं के मन्दिरों के मध्य निजी
S3. Ans.(a)
Sol. ‘वैशिष्ट्य’ लिए हुए चमक रहा था।
S4. Ans.(c)
Sol. बंगीय ‘मनीषियों’ ने हिन्दी भाषा को इतना
S5. Ans.(b)
Sol. महत्व इसकी ‘साहित्यिक’ विशेषताओं के कारण नहीं दिया था।
S6. Ans.(c)
Sol. अपने ‘स्वत्व’ को दबाकर अपनी भाविक
S7. Ans.(d)
Sol. साहित्यिक श्रेष्ठता को ‘विस्मृत’ करके
S8. Ans.(d)
Sol. उन्होंने हिन्दी का इसलिए ‘वरण’ किया था क्योंकि देश में इस भाषा के
S9. Ans.(c)
Sol. ‘प्रयोक्ताओं’ की संख्या अधिक होने के कारण
S10. Ans.(b)
Sol. इसे ‘राष्ट्रभाषा’ बनाने का कार्य
‘‘भाषा भेद ———- बन जाता है।’’
S11. Ans.(d)
Sol. उसके ‘समर्थकों’ को है। यह विरासत
S12. Ans.(b)
Sol. हमें उन्हीं की ‘कूटनीति’ के दुष्परिणामस्वरूप
S13. Ans.(d)
Sol. मिली है। इसे ‘त्राण’ पाने के लिए
S14. Ans.(a)
Sol. सूझ-बूझ और ‘सद्भावना’ की आवश्यकता है। परन्तु कभी-कभी ऐसा नहीं हो पाता
S15. Ans.(b)
Sol. और ‘संकुचित’ स्वार्थ के कारण दृष्टि
S16. Ans.(d)
Sol. पथ ‘धूमिल’ पड़ जाता है तथा मनुष्य
S17. Ans.(a)
Sol. पथभ्रष्ट ही नहीं, लक्ष्य ‘विरत’ भी हो जाता हैं परिणाम यह होता है कि
S18. Ans.(c)
Sol. ‘निहित’ स्वार्थ वालों की बन आती है
S19. Ans.(d)
Sol. और अनकी ‘दुराशा’ फलवती दिखाई
S20. Ans.(a)
Sol. दाँप-पेंच से ‘अनभिज्ञ’ व्यक्तियों के निर्विकार चित में भी विकार घर बना लेता है।
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