गणेश चतुर्थी, भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. भारत की जनता इस त्यौहार का साल भर इंतज़ार करते है. यह दस दिनों तक मनाया जाने वाला हिन्दू त्यौहार है जोकि गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह भगवान शिव और देवी पार्वती के प्यारे पुत्र हैं. भगवान गणेश 108 विभिन्न नामों से जाने जाते है और कला, विज्ञान और बुद्धि के देवता माने जाते है. अनुष्ठानों और समारोहों की शुरुआत में उन्हें पूजा जाता है क्योकि उन्हें आरंभ का देवता भी माना जाता है. वह प्रेमपूर्वक और भक्तिपूर्ण रूप से विघ्नहर्ता के रूप में जाने जाते है, जिसका तात्पर्य भक्तों की सभी बाधाओं का दूर करने वाले और विघ्नकर्ता के रूप में भी जाने जाते है जिसका तात्पर्य दुष्टों के लिए समस्याओं के निर्माता भी वो ही है.
लोगो में मान्यता है कि माता पार्वती ने गणेश जी को अपने शरीर की मिट्टी से उत्पन्न किया और जब वह नहाने जा रही थी उन्हें बहार पहरेदार के रूप में नियुक्त किया था, तभी भगवान् शिव वापस आते है. और जैसा कि गणेश जी नहीं जानते थे कि वह कौन है, वह भगवान् शिव को रोकने का प्रयास करते और इसी प्रयास में वह भगवान् शिव को क्रोध दिला देते है. और इसी क्रोध में भगवान शिव गणेश जी की गर्दन काट देते है. पार्वती माता अपने पुत्र का गला कटा हुआ देख क्रुद्ध हो जाती है, तब भगवान् शिव गणेश जी को पुन: जीवित करने का आश्वासन देते है. देवता जो सर की तलाश में जाते है वो केवल एक हाथी के बच्चे का सर ही ढूंढ पाते है. भगवान् शिव हाथी के सर को लगाने के बाद गणेश जी को फिर जीवित कर देंते है और इसी कारण से गणेश चतुर्थी मनाया जाता है.
यह त्यौहार हिन्दुओं के भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष में मनाया जाता है. यह माना जाता है कि पहली बार, गणेश जी का उपवास चंद्रमा द्वारा रखा गया था क्योंकि उन्होंने गणेश जी के साथ दुर्व्यवहार के कारण शाप दिया गया था. गणेश जी की पूजा के बाद, चंद्रमा को ज्ञान और सुंदरता का वरदान प्राप्त हुआ. भगवान गणेश हिंदुओं के सर्वोच्च देव है जो अपने भक्तों को ज्ञान, समृद्धि और भाग्य का आशीर्वाद देते है. गणेश चतुर्थी उत्सव पंडाल या मंदिरों या समुदाय में लोग अपने परिवार या समूह द्वारा मनाते है. और यह त्यौहार मूर्ति विसर्जन के साथ अनंत चतुर्दशी को समाप्त होता है. गणेश विसर्जन पूजा का एक विशेष और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. गणेश विसर्जन के मुहूर्त के अनुसार किया जाता है. बच्चे सक्रिय रूप से इस पूजा में संलग्न होते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. भगवान विनायक सभी के जीवन में अच्छी उर्जा का संचार करते है और सभी का कष्टों से संरक्षण करते है और अवरोधों को दूर करते है.
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