प्रिय पाठकों,
2016-17 के परिवीक्षाधीन अधिकारी के पद के लिए बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) की आरक्षित सूची में 40 उम्मीदवारों के एक समूह ने भर्ती प्रक्रिया में न्याय मांगने के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय से याचिका किया है. भाग लेने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ‘बड़ी संख्या में रिक्तियां होने के बावजूद रिक्तियों’ आईबीपीएस द्वारा रोजगार देने से इनकार करने के बाद यह कदम उठाया गया.
उम्मीदवारों ने आरटीआई दायर की थी जिसके माध्यम से उन्होंने ज्ञात हुआ कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रिक्तियां होने के बावजूद आरक्षित सूची में शामिल उम्मीदवारो को रोजगार देने से इनकार कर दिया, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक और यूनाइटेड बैंक इंडिया शामिल है. याचिका के मुताबिक, पांच बैंकों में 1,072 के रिक्त पद खाली है. सिंडिकेट बैंक में 355 रिक्तियां हैं; आईडीबीआई बैंक, 361; पंजाब नेशनल बैंक, 130; यूनाइटेड बैंक में 71 रिक्तियां है. यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा दिए गए आरटीआई के उत्तर में इसका खुलासा हुआ. बड़ी संख्या में रिक्तियों के होने के बावजूद, इन बैंकों ने कहा कि उनका 2016-17 में भर्ती का इरादा नहीं था. रिक्त पदों को आरक्षित सूची से भरा जाना चाहिए.
उम्मीदवारों की आरक्षित सूची का अनंतिम आवंटन 31 मार्च को हर साल घोषित किया जाता है. एक आरक्षित सूची में आईबीपीएस पीओ, क्लर्क एंड स्पेशलिस्ट ऑफिसर में प्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत लगभग 10 प्रतिशत रिक्त पद होते हैं. वह उम्मीदवार जो आईबीपीएस सीडब्ल्यूई के दौरान अंतिम आवंटन नहीं प्राप्त कर पाते उन्हें आरक्षित सूची में रखा जाता है और वह उम्मीदवार अगले दौर में अंतिम चयन प्राप्त करने की उम्मीद करते है. यद्यपि आईबीपीएस की अधिसूचना के अनुसार, आरक्षित सूची पार्टिसिपेटिंग संगठनों / अन्य वित्तीय संगठनों द्वारा आवंटन / भर्ती की गारंटी नहीं देती है, लेकिन आरक्षित सूची का मुख्य एजेंडा रिक्त स्थान को भरना है, यदि चयनित उम्मीदवारों जॉब ज्वाइन नहीं कर पाते या रिक्तियों की संख्या में वृद्धि होती है तो उनके स्थान पर रिज़र्व सूची के उम्मीदवार को मौका दिया जाता है.
हम आईबीपीएस परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे उम्मीदवारों से आग्रह करते हैं कि चिंता न करें और परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करें. हम इस मामले पर किसी भी समाचार को आप तक जरुर पहुँचायेंगे और हमें उम्मीद है कि उम्मीदवारों को उनके योग्य आवंटन प्राप्त होगा.
(स्त्रोत- द हिन्दू बिजनेस लाइन)