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“अपनी योजना के प्रति दृढ रहिये” (आईटी अधिकारी स्केल-1- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया) – 48

Bankers Adda Success Story

मैं बैंकर्सअड्डा और अन्य साइटों का एक साइलेंट (मूक) पाठक हूं। मैं बीई– आईटी में स्नातक हूँ और मैंने इसमें   62।84% अंक प्राप्त किया हैं जो द्वितीय श्रेणी है (मेरे विश्वविद्यालय में 65% या इससे ऊपर के अंक को प्रथम श्रेणी के रूप में मान्यता प्राप्त है।) मै आईटी अधिकारी स्केल-1 , सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 2017 में चयनित हुआ हूँ। 



31 मार्च की रात को कई भाईयों एवं बहनों ने ईबीपीएस की वेबसाइट को सर्च करने में कठिनाई महसूस की और उनमें से कुछ ने वो पा लिया जो वे सर्च कर रहे थे लेकिन उनमें से बहुतों को निराशा हाथ लगी, लेकिन वॉल्ट डिज्नी। ने कहा है कि सुन्दरता तो आगे बढ़ते रहने में हैं। 
मैं उन लोगों को बधाई देता हूं जो चयनित हुएं है और साथ उन लोगों के साथ भी हैं जिनका चयन नहीं हो पाया है,  ध्यान रखिये, इसका यह अर्थ नहीं है कि अगर कोई असफल हो गया है तो वह इसके लायक नहीं है  शायद उनके लिए वह दरवाजे बंद हो गए हों ताकि वे उस दरवाजे को खोल सकें जो उन्हें इससे भी अच्छे मंजिल के रास्ते पर ले जाता हो। प्रतियोगिताओं में कोई ऐसा आसान रास्ता नहीं होता, इसलिए इसे महसूस कीजिये, इससे प्यार कीजिये, इसका आलिंगन कीजिये और सुधार करने की कोशिश कीजिये (एक जैविक प्राणी होने के नाते हम ऐसा करते हैं)। एक जोरदार धक्का लगाइए और स्वयं को एक कदम आगे बढाइये। इस विचार ने मेरे लिए बहुत अच्छा काम किया है उम्मीद करता हूँ कि दूसरों के लिए भी यह अच्छा काम करेगा। 


मैंने अपने प्रतियोगिता के यात्रा की तैयारी फरवरी, 2013 में शुरू की थी जब मैंने पहली बार आईबीपीएस-एसओ (आईटी- अधिकारी) की परीक्षा दिया था जिसमे मैं असफल हुआ था। इस प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से मुझे अपना करियर बनाने में लगभग पांच साल लग गए। हां, मुझे पता है कि यह मेरे लिए सही नही है और सुस्ती भरा है लेकिन उस समय मैं परीक्षाओं में बहुत ज्यादा लीन नहीं था, मुझे नहीं पता कि क्यों  लेकिन मुझे आगे की परीक्षाओं को पास करने में जरा सी भी किसी प्रकार के उदासी या क्रोध महसूस नहीं हुआ। वर्ष 2014 में, मैं प्राइवेट कंपनी में जॉब की खोज करना शुरू कर दिया था लेकिन डिग्री के बाद दो साल का अवकाश होने के कारण मुझे नौकरी नहीं मिल सकी। इसलिए मैं एक कॉल सेंटर में जॉब करने लगा और कमाना शुरू कर दिया लेकिन यह मेरे काम का नहीं था। जॉब करने के दौरान मैं प्रतियोगी परीक्षाओं (पीओ, क्लर्क, एसओ, एसबीआई, आरबीआई सहायक,) और सभी संभव परीक्षाओं में भाग लेना जारी रखा लेकिन इनमें पास होने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं कर सका। इसके अलावा मेरे पास परिवार है और इनके अपने मुद्दे हैं जो मैं यहां उल्लेख नहीं कर रहा हूं क्योंकि 10 में से 7 लोगों के पास हमारे देश में एक ही मुद्दा है इसलिए मैं आगे बढ़ते हुए पीओ के लिए एक कोचिंग में शामिल हो गया। क्या इसने मेरी सहायता की?  हां और ना, क्या होना चाहिए इसका उत्तर? मेरा हाँ और ना दोनों उत्तर हैं,  हां, इसलिए की यह शुरू करने का तरीका बताता है कि कहाँ से शुरुआत करनी है। नहीं, इसलिए की दिन के अंत में जो कुछ मैं / आप याद रखते हैं केवल उन चीजों का महत्व नहीं देता जो वे हमें सिखाते हैं। हां, आप साइटों और कोचिंग से अच्छी सामग्री का एक अच्छी संग्रह प्राप्त कर लेते हैं लेकिन वह आप हैं जो इनके  सामग्री को निष्पक्ष रूप से संसोधित कर परीक्षा में उनका उपयोग करते है। 



इतने सारे कठिनाइयों के साथ उस दिन, जब मैं निराश हो जाता था तो अपनी निराशा से मुक्ति पाने के लिए अपने आप को किसी काम में व्यस्त कर लेता था  मुझे एक बात पता है  कि खेल में जब हम कुछ भी गलत करते हैं तो हमेशा फिर से शुरू करते हैं लेकिन यह वास्तविक जीवन में काम नहीं करता है। इसलिए मैं सोचता था कि  वास्तविक जीवन में क्या करना चाहिए। मुझे याद है कि थॉमस अल्वा एडिसन क्या कहा करते थे जब लोग आपसे पूछनें लगे कि आप एक लंबे समय से असफल हो रहे हो तो आप इसे छोड़ क्यों नही देते। उस पर उन्होंने कहा- मुझे 100 तरीके पता हैं कि कैसे बल्ब नहीं बनते, लेकिन बल्ब बनाने के लिए मात्र एक ही काम करने की आवश्यकता है। तो मेरे दिमाग की पहियें काम करना शुरू कर दिया था जैसे कि मुझे एक समस्या है तो मुझे सिर्फ सही समाधान के साथ आने की जरूरत है, गणित की संभावना की गणना करना और जब आप पर्याप्त गणित करते हैं तो आप इसके उत्तर पर आ ही जाते हैं। फिर मैंने अपनी पिछली परीक्षा के स्कोर को देखना शुरू कर दिया है जिसे मैंने बचाकर रखा था। उनका विश्लेषण किया और उन्हें विश्लेषण करने के बाद एक योजना मेरे दिमाग में आई जो सटीक, धैर्य और लगातार अभ्यास करने की तरफ इशारा कर रहा था। इस योजना पर लगातर काम करने के बाद मैं बहुत खुश था लेकिन मैंने खुद से कहा था कि “सिर्फ योजना पर चलना” है इससे  मेरा मतलब है कि मेरे पास अन्य विकल्प नहीं हैं, मेरा ग्रेड अच्छा नहीं है, मेरे रिज्युम में एक बड़ा अन्तराल है कोई पूर्व काम का अनुभव नहीं है। सिर्फ अंग्रेजी को छोड़ कर सभी के पैटर्न विशेष रूप से बदल गये थे, एसओ की परीक्षा को पास करने के लिए एक पेशेवर ज्ञान का होना ज़रूरी है जो मेरिट सूची के साथ –साथ साक्षात्कार में भी आवश्यक है इसके लिए भी तैयारी शुरू कर दिया। मै सोचता था कि हो सकता है कि नया पैटर्न काम कर जाए या मैं भाग्यशाली हो सकता हूँ या मेरी बनाई गई योजना काम करेगा और मैंने जो योजना बनाई वो काम किया, वर्ष 2017 में आईटी अधिकारी स्केल -1 के रूप में मुझे भारत के केंद्रीय बैंक में चुना गया। तो यही है मेरा अनुभव जो मैं आप सबके साथ साझा कर रहा हूँ, मैं केवल एक ही बात कहता हूं- बस जीतने के लिए एक बहाना ढूढना चाहिए। इस आर्टिकल में कई कोटेशन जो फिल्मों, गीतों से ले कर प्रयोग की गई हैं परन्तु ये सारे वे है जो मुझे अपने लंबे साल के प्रीपेरेशन के दौरान महसूस किया। मैं आशा करता हूँ कि यह आपके लिए काम करेगा, आप सिर्फ कोशिश करे और अपनी कोशिश करना मत छोड़े, और यदि आप समय से बाहर हैं (आप जानते हैं कि मेरा क्या मतलब है) तो उन चीज़ों के लिए काम करें जो आपके पास हैं और भूल जाइये कि आपने क्या खोया है। 


मेरे इस आर्टिकल को पढ़ने और अपने बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद।


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