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सरदार बल्लभ भाई पटेल : 144वी जयंती

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लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875, गुजरात में हुआ था, जो प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे। ‘सरदार पटेल’ उपनाम से वह बहुत लोकप्रिय  हुए। सरदार पटेल भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में उन्होंने बढ़-चढ़ कर भाग लिए, वह ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के प्रमुख नेताओं में से एक थे। 1947 में आजादी के बाद उन्हें प्रथम तीन वर्षों तक उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचना मंत्री और राज्य मंत्री आदि अनेक पदों पर नियुक्त किया गया।

सरदार पटेल अद्भुत प्रतिभा के धनी थे और  आपनी इसी प्रतिभा के दम पर वह विरोधियों को बी ही अपने पक्ष में कर लेते थे। आजादी के बाद भारत देश 500 से भी अधिक छोटी-छोटी रियासतों में बंटा हुआ था जिन्हें एक धागें में पिरोने का काम सरदार पटेल जी ने किया। आज जो भारत हमारे समक्ष है उसके निर्माण में सरदार पटेल का महत्वपूर्ण योगदान था। उनकी इसी उपलब्धि के चलते उन्हें लौह पुरुष या भारत का बिस्मार्क की उपाधि से सम्मानित किया गया है। उनके देश के प्रति इस अद्भुत कार्य को देखते हुए मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न‘ दिया गया। वर्ष 2014 में तत्कालीन मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

सरदार पटेल का भारत देश के निर्माण में अहम् योगदान है, शांतिपूर्ण ढंग से ज्यादा तर रियासतों को उन्होंने भारत में मिला लिया और जो राज्य भारत से मिलने के लिए तैयार नहीं हुए उन पर दबाव बनाया या जीत लिए, उनके इसी कार्य को ध्यान में रखते हुए गुजरात सरकार ने नर्मदा नदी के किनारे सरदार पटेल की 182 मीटर ऊँची मूर्ति बनवाई है जिसे “स्टेचू ऑफ़ यूनिटी” का नाम दिया गया। हाल ही में सरदार पटेल की जयंती को देखते हुए  2019 बैच के परिवीक्षाधीन सिविल सेवकों के लिए केंद्र का पहला कॉमन फाउंडेशन कोर्स “आरम्भ” (Beginning) गुजरात के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में शुरू हुआ है। लगभग 500 नए भर्ती हुए नौकरशाह छह दिवसीय प्रशिक्षण से गुज़र रहे हैं। इस साल का विषय ‘How to achieve the goal of making India a 5 trillion dollar economy’ है।

आज सरदार पटेल की 144वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल से प्रेरित हो कर हम भावनात्मक, आर्थिक और संवैधानिक एकीकरण की दिशा में काम कर रहे हैं । आज के भाषण में उन्होंने कहा ” जब सरदार पटेल ने रियासतों का एकीकरण शुरू किया तो उससे प्रेरित होकर कई रियासतों ने भारत में विलय का निर्णय किया।” आगे उन्होंने कहा “सदियों पहले चाणक्य ने भारत को एकजुट करने का कार्य किया था और बाद में सरदार पटेल ने यह कार्य किया”

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